देश में कोरोना के मामले (covid-19 update today) लगातार बढ़ रहे हैं और पिछले 24 घंटे में 1 लाख 68 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। स्थिति लगातार इतनी खराब हो रही कि माना जा रहा है कि दिल्ली जैसे बड़े राज्य में जनवरी के अंत तक रोजाना 58-60 हजार कोरोना मामले सामने आ सकते हैं। दिल्ली में इस समय पॉजिटिविटी रेट 25 प्रतिशत है और हर चौथा व्यक्ति कोरोना संक्रमित है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने पाबंदियां बढ़ा दी हैं और दिल्ली के प्राइवेट दफ्तरों, रेस्टोरेंट और बार बंद कर दिए हैं। लेकिन इसी बीच बड़ी खबर ये है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कोरोना टेस्टिंग की गाइडलाइन्स (ICMR guidelines for Covid-19 testing) में बदलाव कर दिया है। सोमवार को आईसीएमआर ने नए दिशानिर्देश जारी किए कि अब किन लोगों को टेस्टिंग करने की जरूरत है और किन्हें नहीं। इसमें कोविड-19 टेस्टिंग के लिए विस्तार से गाइडलाइन्स दी गई हैं। तो, आइए जानते हैं कोरोना टेस्टिंग की आईसीएमआर गाइडलाइंस।
कोरोना टेस्टिंग की गाइडलाइन्स-ICMR guidelines for Covid-19 testing
किन लोगों के लिए जरूरी नहीं है कोविड टेस्ट?
कोरोना टेस्टिंग की इस नई गाइडलाइन्स में कई बदलाव किए गए हैं। इसमें बताया गया है किन लोगों को कोरोना टेस्टिंग की जरूरत नहीं है। जैसे कि
1. कोरोना मरीज के संपर्क में आए लोगों को टेस्ट की जरूरत नहीं है जब तक कि वे ज्यादा स्वास्थ्य जोखिम वाले ना हो। जैसे कि संपर्क में आए लोगों की उम्र 60 वर्ष से अधिक है, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है, पुरानी फेफड़े या गुर्दे की बीमारी और मोटापा आदि है तो उन्हें टेस्ट की जरूरत है, नहीं तो इसकी जरूरत नहीं है।
2. सामुदायिक स्थानों पर रह रहे लोग जिनमें कोविड के लक्षण नहीं है उन्हें टेस्ट की जरूरत नहीं होगी।
3. ऐसे व्यक्ति जो होम आइसोलेशन की गाइडलाइन के आधार पर डिस्चार्ज हो चुके हों उन्हें भी टेस्ट की जरूरत नहीं है।
4. ऐसे व्यक्ति जो अस्पताल से छुट्टी यानी संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी के आधार पर कोविड-19 केंद्र से छुट्टी पा चुके हों उन्हें भी टेस्ट की जरूरत नहीं है।
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In fresh advisory for testing COVID samples, ICMR says contacts of COVID patients do not need testing unless identified as high risk based on age or comorbidities pic.twitter.com/iv3TmH0yHs
5. एक से दूसरे राज्य में यात्रा करने वाले लोगों को भी अब कोविड टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है।
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इसके अलावा जांच या तो आरटी-पीसीआर, सीबीएनएएटी, सीआरआईएसपीआर, आरटी-एलएएमपी, रैपिड मॉलिक्यूलर टेस्टिंग सिस्टम्स या रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) के जरिए की जा सकती है। साथ ही गाइडलान्स में ये भी बताया गया है कि लक्षण वाले व्यक्तियों, जिनकी घर पर जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई है उन्हें आरएटी या आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए। इसके अलावा जिन सर्जिकल या नॉन सर्जिकल प्रक्रियाओं वाले मरीजों को राहत दे दी गई है, जिसमें कि गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं जिन्हें डिलिवरी के लिए भर्ती किया गया है और उनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। इसके अलावा अस्पताल में भर्ती मरीजों का हफ्ते में एक बार से ज्यादा टेस्ट नहीं होना चाहिए।
किन लोगों के लिए जरूरी है कोविड टेस्ट?
1. खांसी, बुखार, सांस फूलने, गले में खराश, स्वाद और गंध की कमी होने पर कोविड टेस्ट करनाना जरूरी है।
2. बुजुर्ग व्यक्ति यानी कि 60 वर्ष के ऊपर की आयु के व्यक्तियों को कोविड टेस्ट की जरूरत है।
3. डायबिटीज के मरीज, हाई ब्लड प्रेशर और पुरानी फेफड़े या गुर्दे की बीमारी वाले लोगों को कोरोना जांच करवाने की जरूरत है।
3. अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले व्यक्ति को कोविड जांच करवानी होगी।।
4. डॉक्टर के बताए जाने पर टेस्टिंग जरूर करवाएं।
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इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए आप जान सकते हैं कि आपको कोविड-19 टेस्ट की जरूरत है या नहीं। उधर देश में ओमिक्रॉन के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आ रहे हैं। अब तक यहां 1247, दिल्ली में 546, कर्नाटक में 479, राजस्थान में 645 और केरल में 350 मामले दर्ज किए गए हैं। तमाम राज्य सरकारें अलर्ट पर हैं और हर किसी की नजर कोरोना से जुड़ी छोटी-बड़ी अपडेट्स पर हैं।