भारत में कोरोना की तीसरी लहर जारी है। इसलिए भारत में रोजाना दो लाख से ज्यादा कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे की बात करें तो, 2,51,209 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं और पॉजिटिविटी रेट 72.37 प्रतिशत पर है। राहत की बात ये है कि रिकवरी रेट 93. 60 प्रतिशत पर है और गुरुवार की तुलना में आज कोरोना के मामलों में 12 तक की कमी आई है। वहीं, इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय का एक अहम बयान आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने माना है कि भारत में ओमीक्रोन तीसरी लहर का मुख्य कारण है और ये इस समय कोरोना के ज्यादातर मामले ओमाक्रोन (Omicron) वैरिएंट के हैं। हालांकि, कुछ मामले डेल्टा के भी हैं। तो, जानते हैं देश और दुनिया में कोरोना से जुड़े बड़े अपडेट्स।
तीसरी लहर का कारण ओमीक्रोन : स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल का कहना है कि देश में आ रहे कोरोना वायरस के ज्यादातर मामले ओमीक्रोन वैरिएंट के हैं और अब कोरोना का ये वैरिएंट सबसे डॉमिनेंट वैरिएंट में से एक बन गया है। साथ ही स्वास्थ्य सचिव का ये भी कहना है कि डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप अभी भी खत्म नहीं हुआ है और मौजूदा स्थिति में इसके भी कई केस सामने आ रहे हैं। लव अग्रवाल ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि दुनिया में 6.5 करोड़ कोरोना के एक्टिव केस हैं लेकिन कुछ देशों जैसे कि अमेरिका, ब्रिटेन, ग्रीस और दक्षिण अफ्रीका में मामले घट रहे हैं। वहीं, भारत की बात करते हुए लव अग्रवाल कहते हैं कि भारत के लगभग 11 ऐसे राज्य है जहां एक्टिव केस 50 हजार से ऊपर है। साथ ही 14 राज्य ऐसे भी हैं जहां रोजाना एक्टिव मामलों की संख्या 10 से 50 हजार के बीच रहती है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में लगभग ऐसे 400 जिले हैं जहां पॉजिटिविटी रेट 10 % से ज्यादा है और ये जिले केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, राजस्थान और गुजरात के हैं।
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59% किशोरों को लग चुका है कोविड का टीका
स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो, भारत में 15 से 18 साल के 59 प्रतिशत किशोरों को कोविड-19 के टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। साथ ही देश में 97.03 लाख स्वास्थ्यकर्मियों और 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को कोविड के टीके की ‘एहतियाती' खुराक भी दे दी गई है। ताकि ये कोरोना से बचे रहें और खुद की सेहत के साथ दूसरे की सेहत का ध्यान रख सकें।
मुंबई और दिल्ली में पाबंदियों में दी गई ढिलाई
मुंबई और दिल्ली में कोरोना के मामलों में गिरावट को देखते हुए कोविड के कारण की गई पाबंदियों में ढिलाई दी गई है। दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू हटाने का फैसला किया गया है। साथ ही ऑड-ईवन को भी खत्म करने का फैसला लिया गया है। ये फैसला कल दिल्ली आपदा प्राधिकरण (DDMA) की बैठक के दौरान लिया गया है। वहीं, महाराष्ट्र में 1 फरवरी से स्कूल और कॉलेज खोलने का फैसला लिया गया है। हालांकि,इस दौरान छात्रों को कई नियमों का पालन करना होगा। जैसे कि जिन छात्रों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके होंगे वहीं स्कूल और कॉलेज आ पाएंगे, बाकियों के लिए ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था ही चलेगी।
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इधर, कोरोना संक्रमण के बाद लोगों में कई सारे अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं नजर आ रही हैं। जैसे कि हाल ही, मुंबई के अस्पताओं में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें कि नवजात शिशुओं में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या दिख रही है। इसके अलावा कोरोना पीड़ित कई मरीजों में ठीक होने के बाद हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, पैरालिसिस की समस्या हुई है। हालांकि, शिशुओं में होने वाली इस समस्या को लेकर अभी भी बात साफ नहीं हुई है कि ये स्थिति कोविड के कारण है या किसी और वजह से। हालांकि, दुनिया भर में कोविड के बाद ऐसे कई केस सामने आए हैं, जिसमें कोरोना के बाद लोगों में अलग-अलग तरह की स्वास्थ्य समस्याएं नजर आईं।
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