कोविड-19: मलेशियाई वैज्ञानिकों को भारत से लौटे नागरिक में मिला कोरोना वायरस का 10 गुना ज्यादा खतरनाक स्ट्रेन

मलेशिया में कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन पाया गया है जो 10 गुना ज्यादा खतरनाक और संक्रामक है। ऐसे में वैक्सीन कितनी प्रभावी होगी, इस बात पर संशय है।
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कोविड-19: मलेशियाई वैज्ञानिकों को भारत से लौटे नागरिक में मिला कोरोना वायरस का 10 गुना ज्यादा खतरनाक स्ट्रेन


पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से लड़ रही है और जीतने का प्रयास कर रही है। पिछले 8 महीने में इस वायरस ने 2 करोड़ 18 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है और 7 लाख 73 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। कुछ देशों ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का भी दावा किया है लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसे आम लोगों तक पहुंचने में अभी कई महीनों की दूरी है। इसी बीच एक परेशान करने वाली खबर मलेशिया से आई है, जहां वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन ढूंढ निकाला है, जो अभी मौजूद वायरस की अपेक्षा 10 गुना ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के इस नए स्ट्रेन को 'D614G' नाम दिया है।

coronavirus

भारत से लौटे नागरिक में मिला ये खतरनाक स्ट्रेन

मलेशियाई वैज्ञानिकों को ये खतरनाक वायरस स्ट्रेन एक स्थानीय रेस्टोरेंट मालिक में पाया है, जो हाल में ही भारत से लौटा था। हैरानी की बात ये है कि भारत से लौटने के बाद इस व्यक्ति का कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आया था, जिसके बाद भी स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने उसे 14 दिन के होम क्वारंटाइन का आदेश दिया था। मगर संभवतः टेस्ट निगेटिव आने के कारण इस व्यक्ति ने होम क्वारंटाइन के आदेश का पालन नहीं किया और बाद के टेस्ट में इसे पॉजिटिव पाया गया। इसी टेस्ट में इस नए वायरस स्ट्रेन का भी पता चला, जिसके बाद वैज्ञानिकों को 45 अन्य मामलों में भी ये वायरस स्ट्रेन मिला। रेस्टोरेंट मालिक को आज्ञा का उल्लंघन करने के जुर्म में 5 महीने की जेल और जुर्माने की सजा भी दी गई है।

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फाल्स निगेटिव टेस्टे के कारण हुआ धोखा

वैज्ञानिकों ने अनुसार कई बार कोरोना वायरस का टेस्ट फाल्स निगेटिव आ जाता है, जिसके कारण पॉजिटिव होने के बाद भी व्यक्ति की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव रहती है। यही कारण है कि ज्यादातर देशों में किसी भी तरह की यात्रा के बाद कम से कम 14 दिन क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है। ऐसे फाल्स निगेटिव मामलों के कारण इस वायरस को पूरी तरह रोकने में भी बड़ी चुनौती आ रही है। मलेशिया के हेल्थ डायरेक्टर जनरल नूर हाशिम अबदुल्ला ने कहा कि इस स्ट्रेन के मिलने का अर्थ यह हो सकता है कि कोरोना वायरस के बारे में अभी तक जो अध्ययन किए गए हैं या वैक्सीन के बारे में जो खोजें की गई हैं, वो सभी अधूरी हो सकती हैं और संभव है कि म्यूटेशन के खिलाफ प्रभावी न हों।

लगातार म्यूटेशन से बढ़ी है वैज्ञानिकों की चिंता

मलेशियाई वैज्ञानिकों और हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस नए वायरस स्ट्रेन D614G को 10 गुना ज्यादा संक्रामक और खतरनाक पाया है। हालांकि ये वायरस स्ट्रेन पहली बार मलेशिया में नहीं मिला है, बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में ये स्ट्रेन पाया गया है। अन्य देशों के हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक उनके पास इस बात को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त सुबूत नहीं हैं कि नया स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक है या ज्यादा संक्रामक है। लेकिन यह तो सच है कि वैज्ञानिक कोरोना वायरस के लगातार म्यूटेशन से चिंतित जरूर हैं।

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क्या भारत के लिए है खतरा?

चूंकि मलेशिया में खोजा गया ये खतरनाक वायरस स्ट्रेन भारत से लौटे एक नागरिक में सबसे पहले मिला है, इसलिए भारत के लिए चिंता की बात हो सकती है। संभव है कि भारत में पहले ही ये वायरस स्ट्रेन लोगों को संक्रमित कर रहा हो। चूंकि वैज्ञानिकों के अनुसार ये ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है, इसलिए इस बात का पता लगाना बेहद जरूरी है कि भारत के किन-किन हिस्सों में ये वायरस स्ट्रेन अभी एक्टिव है। हालांकि भारत में अभी तक किसी हेल्थ एक्सपर्ट या वैज्ञानिक ने ऐसे स्ट्रेन की बात नहीं की है।

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