कोरोना वायरस के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, वैक्सीन और इम्यूनिटी से उम्मीद अभी संशय में: WHO

WHO चीफ के अनुसार कोरोना वायरस को कंट्रोल करने के उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
कोरोना वायरस के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, वैक्सीन और इम्यूनिटी से उम्मीद अभी संशय में: WHO

कोरोना वायरस की शुरुआत दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से हुई थी। पिछले 7 महीनों में ये वायरस पूरी दुनिया में फैलकर 1 करोड़ 32 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है। इस कोरोना वायरस के कारण 5 लाख 75 हजार लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी है। लेकिन दुनिया अभी तक इस वायरस को रोकने में नाकाम साबित हुई है। वैक्सीन बनाने, दवा खोज लेने, इम्यूनिटी बूस्ट करके बचने के आदि सैकड़ों दावे अब तक फेल साबित हुए हैं। सोमवार को जेनेवा में हुई मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) यानी WHO प्रमुक डॉ. टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने इन्हीं बातों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है।

who statement coronavirus

बद से बदतर होते जा रहे हैं हालात

डॉ. टेड्रोस ने कहा कि कई देशों ने अपने यहां हुए कोरोना विस्फोट को कंट्रोल कर लिया है, जिनमें यूरोप और एशिया के कुछ देश शामिल हैं, लेकिन बहुत सारे देश ऐसे हैं, जो गलत दिशा में बढ़ रहे हैं। WHO चीफ के अनुसार कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, इसका मतलब यही है कि एहतियात ठीक से नहीं बरती जा रही है। उन्होंने कहा, "अगर कुछ मूल बातों को फॉलो नहीं किया जाएग, तो ये महामारी यूं ही चलती रहेगी। हालात दिनों दिन बुरे से बुरे होते जा रहे हैं।"

इसे भी पढ़ें: क्या सच में रूस ने बना ली है कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन? जानें कब उपलब्ध होने वाली है कोविड-19 वैक्सीन

कोरोना वयरस अब भी लोगों का नंबर-1 दुश्मन

डॉ. टेड्रोस ने बिना नाम लिए सरकारों की राजनीतिक इच्छाशक्ति पर भी गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई नेता जिस तरह इस कोरोना वायरस महामारी से निपटने की तैयारी और कोशिश कर रहे हैं, उससे लोगों का भरोसा कम होता जा रहा है। कोरोना वायरस अब भी लोगों का नंबर-1 दुश्मन है, लेकिन दुनिया के कई देशों में सरकारें इस महामारी से निपटने के लिए जो कदम उठा रही हैं, उससे लगता नहीं है कि वो कोरोना वायरस के खतरे को गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने अपनी बात में यह भी जोड़ा कि मास्क पहनना, हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना कोरोना वायरस को कंट्रोल करने के लिए सबसे कारगर तरीके हैं, इसलिए इन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

इम्यूनिटी और वैक्सीन से भी फिलहाल मिल रही है निराशा

WHO के आपातकालीन निदेशक माइक रायन ने भी हालात को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हमें वायरस के साथ जीना सीखना होगा। लोगों की ऐसी उम्मीद ठीक नहीं है कि कुछ महीनों में ये वायरस कंट्रोल में आ जाएगा या फिर कुछ समय बाद प्रभावी वैक्सीन बना ली जाएगी। ये सच नहीं है। इसी तरह इम्यूनिटी के बारे में भी उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से ठीक होने वाले लोगों की इम्यूनिटी उन्हें कब तक बचाने में प्रभावी रहेगी, ये अब तक पता नहीं चल सका है।
आपको बता दें कि पहले हुई एक रिसर्च में भी ये बात सामने आई थी कि कोरोना वायरस से मिलने वाली शारीरिक इम्यूनिटी बहुत कम समय के लिए लोगों की रक्षा कर पा रही है।

इसे भी पढ़ें: रिसर्च के अनुसार 2-3 महीने बाद निष्क्रिय हो जाते हैं कोरोना वायरस एंटीबॉडीज, तो क्या दोबारा फैलेगा संक्रमण?

भविष्य अब शायद कभी पहले जैसा नहीं हो पाएगा

डॉ. टेड्रोस सोमवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में काफी निराश दिखे। उन्होंने दुनिया में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के खतरे पर निराशा जताते हुए कहा कि, "पहले जैसा नॉर्मल भविष्य में नहीं हो पाएगा।" WHO चीफ ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में खासकर अमेरिका के हालातों पर चिंता जाहिर किया।

Read More Articles on Health News in Hindi

Read Next

अमिताभ बच्चन ने जताया परिवार के लिए दुआ करने वाले फैंस का आभार, बच्चन परिवार के 4 सदस्य हैं कोरोना पॉजिटिव

Disclaimer