दुनिया भर के वैज्ञानिक वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की तोड़ के लिए टीके की जांच कर रहे हैं ताकि संक्रमण से पीड़ित लोगों को बचाने में मदद की जा सके। हालांकि अभी तक कोरोना के नुकसान को कम करने के लिए कोई चमत्कारी उपचार नहीं मिल पाया है लेकिन तमाम वेबसाइट और सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत से घरेलू उपचार हैं, जो गैर सैद्धांतिक हैं और बिना मंजूरी के लोगों की मदद करने का दावा कर रहे हैं। इन्हीं दावों को सच मानकर देश भर में बहुत सारे लोग कोरोनावायरस से खुद को सुरक्षित रखने के लिए घरेलू उपचार पर टिकटोक वीडियो को फॉलो कर रहे हैं। हाल ही में आंध्र प्रदेश के चितूर जिले के दो परिवारों के 10 सदस्यों ने कोरोनावायरस से सेफ रहने के लिए धतूरे के बीजों से बने रस का सेवन किया, जिसके बाद सभी की हालत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि सभी की हालत अब ठीक हैं उन्हें इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। इस खबर से ये सीख मिलती है कि हमें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे किसी भी वीडियो के संपर्क में नहीं आना चाहिए क्योंकि ये आपके स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है। केवल ये ही बल्कि ऐसे बहुत से तरीके हैं, जिन्हें सच मानकर लोग अपना रहे हैं जबकि ये सिर्फ आपके लिए घातक साबित हो सकते हैं।
क्लोरोक्विन
क्लोरोक्विन फॉस्फेट के रूप में भी जानें जानी वाली इस एंटी-मलेरिया दवा को चीन और फ्रांस में कोरोना से पीड़ित लोगों पर प्रयोग करने की कोशिश की गई है। टॉड कोपरमैन, एमडी, कंज्यूमरलैब डॉट कॉम के संस्थापक का कहना है कि एक अध्ययन में परीक्षणों के परिणामों से साफ हुआ है कि कई निष्कर्षों में इसके परिणाम मिले-जुले हैं जबकि अमेरिका में वर्तमान में अधिक औपचारिक परीक्षण हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह आपकी कोरोना से बचाव करने में मदद कर सकती है।
सिल्वर सॉल्यूशन
इस सॉल्यूशन में सिल्वर के छोटे-छोटे छींटों वाला एक तरल पदार्थ होता है, जिसे आप डायटरी सप्लीमेंट के रूप में खरीद सकते हैं। सिल्वर कोई आवश्यक मिनरल नहीं है जैसे कि जिंक, जिसकी हमें (कम मात्रा में) इम्यूनिटी स्वास्थ्य और चिकित्सा के लिए जरूरत होती है। सिल्वर का हमारे शरीर में कोई कार्य नहीं है, इसलिए यह कोई उपयोगी डायटरी सप्लीमेंट नहीं है बल्कि यह वास्तव में लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।
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ब्लीच किट
इन सॉल्यूशन को अक्सर "चमत्कारी मिनरल सॉल्यूशन" कहा जाता है और इस सोडियम क्लोराइट सॉल्यूशन को नींबू के रस जैसे एसिड के साथ मिलाकर बनाया जाता है। FDA ने 2019 में इन उत्पादों को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की थी। वहीं उपभोक्ताओं को सलाह दी कि इसका सेवन ठीक ऐसा है कि वे "ब्लीच पी रहे हैं"। इतना ही नहीं ये भी कहा जाता है कि "सोडियम क्लोराइट एक खतरनाक उत्पाद हैं, और आपको और आपके परिवार को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। एजेंसी के अनुसार, उपभोक्ताओं द्वारा इन उत्पादों को पीने के बाद गंभीर रूप से उल्टी, गंभीर दस्त, जान लेने वाला निम्न रक्तचाप यानी की लो ब्लड प्रेशर और एक्यूट लिवर फेल्योर की शिकायत हो सकती है।
शरीर पर क्लोरीन और एल्कोहल डालना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार क्लोरीन और एल्कोहल वायरस को फैलने से रोकने के लिए सतहों को कीटाणुमुक्त करने के लिए उपयोगी होते हैं, लेकिन अगर आपके शरीर में वायरस पहले से ही यह प्रवेश कर गया है, तो आपके शरीर पर इन रसायनों का छिड़काव आपको कोरोना से नहीं बचाएगा।
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यूवी उपचार
अल्ट्रावाइलेट रेडिएशन की हाई डोज का उपयोग वायरस को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसका उपयोग लोगों पर किया जाना चाहिए। कुछ लोगों ने समाचार पर देखा होगा कि कुछ स्थान पर एन95 मास्क को रिसाइकिल और उन्हें स्टरलाइज करने के लिए हाई यूवी डोज का उपयोग कर रहे हैं लेकिन किसी व्यक्ति में वायरस को मारने के लिए यूवी का हाई डोज बेहद खतरनाक हो सकता है।
विटामिन डी का मेगाडोज
शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया है कि श्वसन संक्रमण वाले लोगों को विटामिन डी कैसे लाभ प्रदान कर सकता है, और कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने में इसकी भूमिका हो सकती है। फरवरी 2017 में बीएमजे जर्नल में प्रकाशित संभावित परीक्षणों के विश्लेषण में पाया गया कि विटामिन डी की दैनिक खुराक लेने से उन लोगों में श्वसन संक्रमण विकसित होने की संभावना कम हो गई, जो विटामिन डी की कमी वाले थे। हालांकि महीने में एक बार ज्यादा मात्रा लेने से कोई फायदा नहीं हुआ। अध्ययन में पाया गया कि यह ध्यान देने योग्य बात है कि रोजाना विटामिन डी सप्लीमेंट लेने का लाभ केवल उन्हीं व्यक्तियों को मिलता है, जिनमें विटामिन डी की कमी होती है।
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