देश-दुनिया में लोगों के बीच दहशत और कई हजार मौतों का कारण बनने वाले कोरोनावायरस ने लोगों की जिंदगी की रफ्तार को रोक दिया है। इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए तमाम सरकारें अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रही है, जिसमें लॉकडाउन सबसे प्रमुख कदम है। कोरोनावायरस की दहशत लोगों में कुछ इस कदर है कि इसके संक्रमण से बचने के लिए लोग तरह-तरह के तरकीबें निकाल रह रहैं और खुद को बचाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) समेत कई स्वास्थ्य संगठन इस बात को दोहरा चुके हैं कि कोरोनावायरस से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है और वह निरंतर अंतराल पर हाथ धोना। इसके साथ ही जरूरी सोशल डिस्टेंसिंग ताकि वायरस को समुदाय स्तर पर फैलने से रोकने जा सके। कोरोनावायरस को लेकर लोगों के बीच तरह-तरह की झूठे दावे भी सामने आ रहे हैं जैसे हल्दी और नमक के पानी से गरारे करना आदि। इस बात का ध्यान रखना बेहद ही जरूरी है कि इन दावों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। इसलिए इन्हें करने से रुकें। लोगों के बीच अब एक नई तरह की अफवाह सामने आ रही है, जिसमें बिना खांसे या सीने में दिक्कत महसूस किए 10 सेकेंड तक सांस रोकने से कोरोना से बचाव हो सकता है। इस लेख में डब्लूएचओ के मुताबिक जानें इस दावें की सच्चाई। तो आइए जानते हैं।
क्या है इस दावे की सच्चाई
कोरोनावायरस से बचने के लिए लोग तरह-तरह के हथकंड़े अपना रहे हैं, जिसमें से हाल ही में एक नई चीज सामने आई है कि बिना खांसे या सीने में दिक्कत के 10 सेकेंड या उससे अधिक तक सांस रोके रखने से आप कोरोना से बच सकते हैं। लोगों ने ऐसा करने का भी प्रयास किया है लेकिन क्या ये हकीकत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक,
फैक्टः 10 सेकेंड या उससे अधिक समय तक खांसी या बेचैनी महसूस किए बिना अगर अपनी सांस रोक पाने में सक्षम होते हैं तो इसका ये मतलब यह नहीं है कि आप कोरोनोवायरस या किसी अन्य फेफड़ों की बीमारी से मुक्त हैं। आपको भी कोरोना हो सकता है।
इसे भी पढ़ेंः WHO Tips For Home Caregivers : इन 6 टिप्स के साथ घर पर की जा सकती है कोरोना संक्रमित की देखभाल, पढ़ें जानकारी
टॉप स्टोरीज़
क्या हैं कोरोनावायरस के लक्षण
डब्लूएचओ के मुताबिक कोरोनावायरस के आम लक्षण हैं
- सूखी खांसी।
- थकान।
- बुखार।
- सांस लेने में दिक्कत।
डब्लूएचओ के मुताबिक, जिस वायरस से कोरोना फैल रहा है उसका पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है लैबोरेटरी टेस्ट। डब्लूएचओ की मानें तो आप सांस की एक्सरसाइज की जरिए कोरोना की पुष्टि नहीं कर सकते हैं। ये एक्सरसाइज आपके लिए हानिकारक हो सकती है।
इसे भी पढ़ेंः WHO ने बताया मास्क पहनने वाले लोगों को बरतनी चाहिए ये सावधानियां, जानें मास्क को डिस्पोज करने का सही तरीका
हाल ही में एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि हमें खांसी के साथ-साथ अन्य संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जो कोरोना के बड़े संकेत हैं। इन संकेतों का श्वसन तंत्र से कोई लेना-देना नहीं है। चीन के वुहान में 400 से ज्यादा संक्रमितों से प्राप्त डेटा के आधार पर साइंटिस्टों ने एक अध्ययन किया है, जिसके निष्कर्षों से ये सोचने का समय आ गया है कि कोरोना एक गंभीर श्वसन बीमारी है।
अध्ययन के मुताबिक, ऐसा इसलिए है क्योंकि कोरोनावायरस आपके फेफड़ों से आगे शरीर के गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रेक्ट को भी अपना शिकार बनाता है।
इस महीने द अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंट्रेनोलॉजी में प्रकाशित दो शुरुआती अध्ययन के मुताबिक, दस्त, मतली और भूख न लगना भी कोरोना के महत्वपूर्ण लक्षण हैं फिर चाहे मरीज में सांस संबंधी लक्षण या बुखार दिखाई दें या न दें। अध्ययन के निष्कर्ष ये बताते हैं कि कोरोना सिर्फ खांसी ही नहीं हो सकती।
Read More Articles On Coronavirus In Hindi