लोग अपने बच्चों को नाम दे रहे हैं, कोरोना, कोविड और लॉकडाउन, जानें इस खतरनाक वायरस का नाम 'कोरोना' ही क्यों?

भारत इस समय कोरोनावायरस की चपेट में है। इस दौरान जो बच्चे पैदा हो रहे हैं उनमें से कई बच्चों का नाम कोरोनावायरस से जोड़ कर रखा जा रहा है।
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लोग अपने बच्चों को नाम दे रहे हैं, कोरोना, कोविड और लॉकडाउन, जानें इस खतरनाक वायरस का नाम 'कोरोना' ही क्यों?

कोरोना, कोविड और लॉकडाउन से जब दुनिया के ज्यादातर लोग परेशान हैं और हर दिन इस महामारी के जाने की प्रार्थना कर रहे हैं, तो इसी बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपने घरों में इनके आने की खुशियां मना रहे हैं। जी हां, इसे पढ़कर आप हैरान न हो क्योंकि जो लोग कोरोना, कोविड और लॉकडाउन के आने से खुश हैं, वे इन बच्चों के माता-पिता और रिश्तेदार हैं। दरअसल पिछले कुछ दिनों में भारत में पैदा हुए कुछ बच्चों का नाम उनके माता-पिता 'कोरोनावायरस', 'कोविड-19' और लॉकडाउन के नाम पर रख रहे हैं। ताजा मामला आंध्र प्रदेश का है। यहां के कडप्पा में दो माता-पिताओं ने अपने बच्चे का नामाकरण कोरोना कुमार (Corona Kumar) और कोरोना कुमारी (Corona Kumari) के मान से किया है। तो वहीं उत्तर प्रदेश के देवरिया में सोमवार को जन्मे एक बच्चे का नाम लॉकडाउन (Lockdown) रखा गया है। साथ ही मार्च के आखिरी हफ्ते में रायपुर में जन्में जुड़वा बच्चों का नाम उनके माता-पिता ने कोरोना (Corona) और कोविड (COVID) रखा था। पर अब प्रश्न ये उठता है कि आखिरकार कोरोनावायरस (Coronavirus) का नाम 'कोरोना' ही क्यों रखा गया। तो आइए जानते हैं इसके बारे में।

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कोरानावायरस का नाम 'कोरोना' ही क्यों?

सूचना कार्यालय (PIB - Press Information Bureau) की मानें, तो इस खतरनाक वायरस का नाम उसके आकार पर रखा गया है। पीआईबी ने अपने एक ट्वीट में इस प्रश्न का उत्तर बताया है। इसमें बताया गया है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) एक लैटिन शब्द है। लैटिन में कोरोना का मतलब होता है क्राउन (Crown) यानी कि हिन्दी में मुकुट और उर्दू में ताज। अगर आप एक बार कोरोना के आकार पर गौर करेंगे तो आप पाएंगे कि वो गोलाकार है और उसके चारो तरह अजीब सा काटा यानी स्पाइक्स जैसा कुछ है। वहीं इस वायरस की सतह पर भी क्राउन की तरह स्पाइक्स की सीरीज बनी हुई है। इस तरह ये एक क्राउन या मुकुट जैसा दिखा, इसलिए इसका नाम कोरोना पड़ गया।

— PIB India 🇮🇳 #StayHome #StaySafe (@PIB_India) January 30, 2020

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संस्कृत में कोरोना मतलब क्या होता है?

संस्कृत में कोरोना मतलब 'करौ' से जुड़ता है, जिसका मतलब होता है हाथ (कम हथियार)। यानी कि अगर संसृत, लैटिन, उर्दू और हिंदी की दृष्टि से देखें, तो ये एक अच्छा नाम है पर अगर इस समय पूरे विश्व में इस वायरस ने हाहाकार मचा रहा है, तो इस तरह इसके लक्षणों को देखे तो ये एक अच्छा नाम नहीं है। 

कोरोनवायरस को कोविड -19 (Covid-19) क्यों कहा जाता है?

साधारण शब्दों में समझें तो COVID 19 का अर्थ है, कोरोना (CO) वायरस (VI) रोग यानी डिजीज का (D) और 19 (2019) जिस वर्ष वायरस सबसे पहले आया था। इसे यह नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा दिया गया था, जिन्होंने इसे चाइज वायरस या अन्य नामों के उपयोग को रोकने के लिए इसे कोविड-19 नाम दिया था।विशेषज्ञों ने कहा है कि एक बीमारी का नाम प्रकोप के दौरान देखकर ही दिया जाता है। आधिकारिक तौर पर कोविद -19 नाम दिए जाने से पहले, वैज्ञानिक कोरोनावायरस को '2019-nCoV' कह रहे थे, यह नोवेल कोरोनवायरस कहलाता था।

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कोरोनावायरस नाम के आगे 'नोवेल' (Novel) शब्द क्यों लगाया जाता है?

2019 कोरोनावायरस को 2019-nCoV का नाम भी दिया गया है। इस वायरस की पहली बार चीन के वुहान में पहचान की गई और तब से कोरोनावायरस के नाम में नोवेल लगाया गया। दरअसल 'नोवेल' का मतलब होता है जिसे कभी कहीं भी नहीं पाया गया था। तो दुनिया में पहली बार ऐसा वायरस आया इसलिए इसका नाम नोवेल कोरोनावायरस (Novel Coronavirus) भी रख दिया गया।

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