
भारत ही नहीं पूरी दुनिया में कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। कैंसर के मरीजों की बढ़ती संख्या दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बाद तीसरे नंबर पर ओवेरियन कैंसर या यूटेरस कैंसर है। ओवेरियन कैंसर की वजह से होने वाली मौतें भी बहुत ज्यादा देखने को मिलती हैं। ज्यादातर महिलाओं में ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer in Hindi) की बीमारी में यह देखा गया है कि उनमें इसके लक्षण आखिरी स्टेज तक देखने को नहीं मिलते हैं। ओवेरियन कैंसर को अंडाशय का कैंसर भी कहते हैं और यह समस्या सबसे पहले अंडाशय में शुरू होती है। अंडाशय में मौजूद फैलोपियन ट्यूब में इस कैंसर की कोशिकाएं विकसति होनी शुरू होती हैं और धीरे-धीरे इसकी कोशिकाएं फैलने लगती हैं। ओवेरियन कैंसर एक जल्दी बढ़ने वाला कैंसर है जो ज्यादातर महिलाओं में तीसरे या चौथे स्टेज में पता चलता है। आइये विस्तार से जानते हैं ओवेरियन कैंसर के प्रकार और इसके स्टेज व लक्षण के बारे में।
ओवेरियन कैंसर के प्रकार (Types of Ovarian Cancer in Hindi)
महिलाओं के शरीर में मौजूद अंडाशय एक तरह की प्रजनन ग्रंथियां होती हैं जो प्रजनन के लिए अंडों का उत्पादन करती हैं। अंडाशय में होने वाले कैंसर की बीमारी बहुत दुर्लभ है लेकिन इसे बहुत घातक माना जाता है। करीब 90 प्रतिशत महिलाओं में इस समस्या के लक्षण न के बराबर देखने को मिलते हैं और आखिरी स्टेज में पहुंचने पर इसका पता चलता है। स्टार हॉस्पिटल की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ विजय लक्ष्मी के मुताबिक ओवेरियन कैंसर के मुख्य प्रकार इस तरह से हैं।
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1. एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (Epithelial Ovarian Cancer)
इसे सबसे आम ओवेरियन कैंसर माना जाता है। महिलाओं में ओवेरियन कैंसर की समस्या में सबसे ज्यादा एपिथेलियल ट्यूमर की ही मौजूदगी होती है।
2. अंडाशयी टेराटोमा (Ovarian Teratoma)
इस तरह का ओवेरियन कैंसर सबसे ज्यादा 20 साल से लेकर 25 साल की उम्र वाली महिलाओं में देखने को मिलता है।
3. अंडाशयी ग्रैनुलोसा ट्यूमर (Granulosa Tumour Of The Ovary)
इस समस्या में एक प्रकार से स्ट्रोमल ट्यूमर मौजूद होते हैं और इसका इलाज भी बहुत कम हो पाता है।
4. प्राइमरी पेरिटोनियल कैंसर (Primary Peritoneal Cancer)
यह एक प्रकार का दुर्लभ ओवेरियन कैन्सर है जो महिलाओं में बहुत कम देखने को मिलता है।
5. फैलोपियन ट्यूब कैंसर (Fallopian Tube Cancer)
ओवेरियन कैंसर का यह प्रकार भी एक दुर्लभ कैंसर है और इसकी संभावना बहुत कम होती है। इस समस्या का इलाज भी बहुत कठिन होता है।
6. बॉर्डरलाइन ओवेरियन ट्यूमर (Borderline Ovarian Tumours)
इस समस्या में अंडाशय में असामान्य रूप से ट्यूमर की कोशिकाएं फैलने लगती हैं और अंडाशय के बाहरी ऊतकों में फैल जाती हैं। आमतौर पर इस समस्या में सर्जरी का सहारा लिया जाता है।
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ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Ovarian Cancer Symptoms in Hindi)
ओवेरियन कैंसर को यूटेरस कैंसर या अंडाशय कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। इस समस्या में ओवरी में छोटे-छोटे ओवेरियन सिस्ट बन जाते हैं जिसकी वजह से कैंसर की कोशिकाएं तेजी से फैलने लगती हैं। इस समस्या में गर्भधारण करने में परेशानियां होती हैं। ओवेरियन कैंसर की समस्या में दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।
- पेल्विक एरिया में गंभीर दर्द।
- शरीर के निचले हिस्से में दर्द।
- अपच और गैस की समस्या।
- भोजन न करने के बाद भी पेट भरा हुआ लगना।
- पेट और पीठ में गंभीर दर्द।
- मल त्याग करने में परेशानियां।
- बार-बार पेशाब आना।
- पेट फूलने की समस्या।
ओवेरियन कैंसर के स्टेज (Stages of Ovarian Cancer in Hindi)
किसी भी तरह के कैंसर की समस्या होने पर उसके स्टेज से यह पता चलता है कि यह कैंसर शरीर में कितना फैल चुका है या शरीर को कितना नुकसान पहुंचा चुका है। कैंसर के स्टेज का पता चलने के बाद इसके इलाज में भी आसानी होती है। आमतौर ओवेरियन कैंसर के 4 मुख्य स्टेज होते हैं। कई आंकड़े ये बताते हैं कि दुनियाभर में लगभग 90 प्रतिशत महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का पता आखिर स्टेज में ही चल पाता है। ओवेरियन कैंसर के 4 प्रमुख स्टेज इस प्रकार से हैं।
स्टेज 1 - इस स्थिति में कैंसर आपके अंडाशय तक ही सीमित रहता है और कैंसर टिश्यूज का निर्माण शुरू होता है।
स्टेज 2 - इस चरण में कैंसर की कोशिकाएं फलनी शुरू हो जाती हैं और यह श्रोणि तक फैल चुका होता है।
स्टेज 3 - इस स्टेज में कैंसर की समस्या पेट तक फैल चुकी होती है।
स्टेज 4 - इस स्थिति में कैंसर गंभीर रूप से अंडाशय समेत पेट और पेट से बाहर फैल चुका होता है।
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ज्यादातर महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का पता आखिरी या चौथे स्टेज में ही लगता है। ओवेरियन कैंसर के शुरूआती लक्षण दिखने पर ही आपको एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह लेकर इसकी जांच जरूर करानी चाहिए। जांच से इसका पता चलने पर शुरुआत में ही इलाज लेने से आप इस समस्या को मात दे सकते हैं।
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