क्या ओवेरियन कैंसर के बाद महिलाएं मां बन सकती है? जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय

ओवेरियन कैंसर महिलाओं को होने वाली एक गंभीर बीमारी है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी।

Kishori Mishra
Written by: Kishori MishraUpdated at: Dec 08, 2020 11:51 IST
क्या ओवेरियन कैंसर के बाद महिलाएं मां बन सकती है? जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय

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शरीर के जिस हिस्से में कोशिकाएं असमान्य रूप से बढ़ती है। उसे उसी हिस्से के कैंसर के नाम से जाना जाता है। ऐसे में शरीर के कई अंगों में कैंसर हो सकते हैं। ओवेरियन कैंसर महिलाओं को होने वाला कैंसर है। यह अंडाशय से शुरू होता है। महिलाओं में पाई जाने वाली प्रजनन ग्रंथियों को अंडाशय कहते हैं। यह प्रजनन के लिए अंडों का उत्पादन करता है। फैलोपियन ट्यूब्स की सहायता से ये अंडे गर्भाशय में जाते हैं। गर्भाशय में ये अंडे निषेचित प्रवेश करते हैं और भ्रूण में विकसित होते हैं। 

गाजियाबाद स्थित अनायाज क्लिनिक की आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉक्टर नीरा सिंह बताती हैं कि ओवेरियन कैंसर बढ़ती उम्र की महिलाओं को होने का खतरा अधिक रहता है। यह कैंसर काफी तेजी से विकसित होता है और महिलाओं के मृत्यु का प्रमुख कारण भी होता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, तीन-चौथाई महिलाओं में तीसरे या चौथे स्टेज पर डॉक्टर्स के पास इलाज करवाने के लिए आती हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इसकी पूरी जानकारी -

कितने प्रकार के होते हैं ओवेरियन कैंसर (Types of Ovarian Cancer) 

  • एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (Epithelial Ovarian Cancer)
  • अंडाशयी टेराटोमा (Ovarian Teratoma)
  • प्राइमरी पेरिटोनियल कैंसर (Primary Peritoneal Cancer)
  • फैलोपियन ट्यूब कैंसर (Fallopian Tube Cancer)
  • ओवेरियन ट्यूमर (Borderline Ovarian Tumours)
  • अंडाशयी ग्रैनुलोसा ट्यूमर (Granulosa Tumour Of The Ovary) 

ओवेरियन कैंसर के स्टेज (Stage of Ovarian Cancer)  

  • स्टेज 1 (Stage 1) - पहला स्टेज महिलाओं के लिए अधिक खतरनाक नहीं होता है। इसमें कैंसर की कोशिकाएं अंडाशयों तक ही सीमित है।
  • स्टेज 2 (Stage 2 - दूसरे स्टेज में कैंसर की कोशिकाएं श्रोणि तक फैल सकता है।
  • स्टेज 3 (Stage 3)- तीसरे स्टेज तक आते-आते कैंसर की कोशिकाएं पेट तक फैल चुका होता है।
  • स्टेज 4 (Stage 4) - इस स्टेज पर आते ही कैंसर की कोशिकाएं पेट से बाहर या अन्य अंगों तक फैल चुका होता है। इस स्टेज पर आते-आते डॉक्टर्स को इलाज करना काफी मुश्किल होता है। 

क्या ओवेरियन कैंसर के बाद महिलाएं मां बन सकती है?  

डॉक्टर नीरा सिंह बताती हैं कि ओवेरियन कैंसर का ट्रीटमेंट लेने वाली महिलाएं दोबारा मां बन सकती हैं। लेकिन इसके लिए महिला मरीज को डॉक्टर्स से कह कर अपना एग प्रिजर्वेटिव करना होता है। ताकि ओवरियन कैंसर का ट्रीटमेंट लेने के बाद एग को दोबारा ट्रांसप्लांट किया जा सके। 

इसके अलावा अगर जांच में पता चलता है कि कैंसर सिर्फ ओवरी तक ही फैलती है, तो सर्जरी के जरिए ओवरीज को बाहर निकाल लिया जाता है। महिला मरीज की उम्र अधिक है, तो गर्भाशय पूरी तरह निकाल ली जाती है। वहीं, कम उम्र की महिला के एक ही ओवरी में ही कैंसर है तो एक ही ओवरी निकाली जाती है। ताकि उसके मां बनने की संभावना बची रहे।

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ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cancer)

  • कमर या पेल्विक में दर्द होना
  • शरीर के निचले हिस्से में दर्द होना
  • योनि में असामान्य रूप से स्त्राव
  • अपच की शिकायत
  • बिना खाए पेट भरा-भरा सा महसूस होना
  • कब्ज की शिकायत
  • बार-बार यूरिन आना
  • पेट में दर्द होना
  • मल त्यागने में परेशानी होना
  • यौन क्रिया के दौरान दर्द महसूस होना 
इन सभी लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ओवेरियन कैंसर के कारण (Causes of Ovarian Cancer)

बढ़ती उम्र- डॉक्टर के मुताबिक, ओवेरियन कैंसर के अधिकतर मामले 65 वर्ष के बाद देखे गएं हैं। 
अनुवांशिक - अगर परिवार में किसी व्यक्ति को ओवेरियन कैंसर है, तो आपको भी हो सकता है। ऐसे में नियमित रूप से जांच जरूर कराएं।
ओव्युलेशन्स की संख्या - एक्सपर्ट के मुताबिक, ओव्युलेशन्स की संख्या भी ओवेरियन कैंसर के खतरे को निर्धारित करती है। उनके मुताबिक जिन महिलाओं ने कभी भी गर्भधारण नहीं किया, उन्हें ओवेरियन कैंसर का खतरा अधिक रहता है। वहीं, जीवनकाल में कभी भी गर्भनिरोधक ना लेने वाली महिलाओं को भी ओवेरियन कैंसर का खतरा अधिक रहता है। पीरियड्स कम उम्र में शुरू होना और मोनोपॉज काफी देर से होना भी ओवेरियन कैंसर का कारण हो सकता है।
प्रजनन क्षमता में कमी, अधिक मोटापा और ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को भी ओवेरियन कैंसर का खतरा रहता है।

ओवेरियन कैंसर का निदान (Diagnosis of ovarian cancer)

  • सीबीसी (Complete Blood Count) 
  • कैंसर एंटीजन 125 लेवल का टेस्ट (Test for Cancer Antigen 125 Levels) 
  • HCG लेवल का टेस्ट
  • अल्फा-फेटोप्रोटीएन (Alpha-Fetoprotein) का टेस्ट
  • गुर्दे के जांच
  • बायोस्कोपी
  • इमेंजिंग्स टेस्ट
  • मेटास्टाटिस टेस्ट

इत्यादि तरीकों से ओवेरियन कैंसर की जांच की जाती है।

ओवेरियन कैंसर का इलाज (Treatment of Ovarian Cancer)

दवाएं - डॉक्टर नीरा बताती हैं कि कई तरह की नई दवाइयां मार्केट में आ चुकी हैं। जो सीधे कैंसर कोशिकाओं पर टार्गेट करती हैं। इन दवाइयों के माध्यम से कैंसर का इलाज करने की कोशिश की जाती है।

हार्मोन थेरैपी - हार्मोन थेरैपी की माध्यम से भी ओवेरियन कैंसर का इलाज किया जाता है। ताकि एट्रोजन हार्मोन को कैंसर कोशिकाओं तक पहुंचने से रोका जा सके। एस्ट्रोजन हार्मोंन की कमी से कैंसर सेल्स को विकसित होने से रोका जा सकता है।

कीमोथेरैपी - कीमोथेरैपी के माध्यम से दवाइयां देकर कैंसर के सेल्स को रोका जाता है। इसमें करीब 3 से 6 सेशंस होते हैं, जो करीब 3 से सप्ताह तक चलता है।

सर्जरी - अधिकतर मामलों में सर्जरी के जरिए ही ओवेरियन कैंसर का इलाज किया जाता है। 

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ओवेरियन कैंसर का बचाव (Prevention of Ovarian Cancer)

  • ओवेरियन कैंसर से बचाव के लिए महिलाओं को अपने शरीर में ब्लड और कैल्शियम की जांच कराते रहना चाहिए। 
  • गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से ना सिर्फ ओवेरियन कैंसर का खतरा कम होता है, बल्कि करीब 25 से 30 साल बाद तक भी ओवेरियन कैंसर का खतरा कम रहता है। 
  • जिन परिवार में कैंसर का इतिहास है, उन्हें नियमित रूप से कैंसर की जांच करानी चाहिए। 
  • शराब और तंबाकू जैसी चीजों से दूर रहें।
  • वजन को नियंत्रित रखें।
  • स्वस्थ जीवनशैली फॉलो करें।
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
ओवेरियन कैंसर का इलाज संभव है। ऐसे में अगर आपको अपने अंदर किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर इलाज कराने से ओवेरियन कैंसर में होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है। 
 

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