ओवेरियन कैंसर से जूझ रहीं महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है योग, इन आसनों से उठाएं लाभ।

क्या आप जानतीं हैं कि योग के द्वारा ओवेरियन कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है, जानिए विस्तार से।
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ओवेरियन कैंसर से जूझ रहीं महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है योग, इन आसनों से उठाएं लाभ।


आज के इस आर्टिकल में हम ओवेरियन कैंसर से लड़ रहीं या इस बीमारी से ठीक हो चुकीं महिलाओं के लिए योग के कुछ ऐसे आसनों की जानकारी लेकर आए हैं, जिनकी मदद से आप ओवेरियन कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर सकती हैं।

महिलाओं में ओवेरियन कैंसर के मामले लगातार देखने को मिल रहे हैं। बदलती लाइफस्टाइल, काम को लेकर अत्यधिक तनाव, भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी और सेहत को अनदेखा करना इसके पीछे की मुख्य वजहें हैं। 

विभिन्न रिसर्च जो बताती हैं कितना कारगर है योग 

हाल ही में हुई एक स्टडी से पता चला है कि कीमोथैरपी ले रहीं महिलाओं के ऊपर, योग के महज 15 मिनट के एक सेशन ने इन महिलाओं के तनाव के स्तर को अप्रत्याशित रूप से घटा दिया था। इस स्टडी से साफ़ पता चल रहा था  कि योग आसनों और योग में बताई गई श्वास लेने की प्रक्रिया का कैंसर पेशेंट्स पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

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योग से पहले ब्रीदिंग प्रैक्टिस जरूरी

किसी भी तरह के योग को करने से पहले ब्रीदिंग प्रैक्टिस बेहद जरूरी है, क्योंकि यह योग के सबसे अहम और प्रारंभिक चरणों में से एक है।अगर आपको नहीं पता कि ब्रीदिंग कैसे कंट्रोल करनी है तो 2-1 तकनीक अपनाएं जिससे तनाव दूर करने वाला पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम स्टिमुलेट होता है। सांस पर कंट्रोल के लिए आप बैठ या लेट जाएं, 3 से 4 बार सांस नाक से अंदर लें और फिर 6 से 8 की काउंटिंग करते हुए नाक से सांस बाहर छोड़ें। यह प्रक्रिया जब तक दोहराएँ जब तक आप सहज हों। इसे कीमोथेरेपी सेशन से पहले और बाद में जरूर करें। 

कौन से योग आसन हैं ओवेरियन कैंसर से लड़ने में कारगर 

1-ताड़ासन 

फायदे:  तनाव घटता है, शरीर का पौश्चर ठीक होता है, एकाग्रता बढ़ती है। 

overian cancer

कैसे करें :

  • -आराम से सीधे खड़े हो जाएं। 
  • -दोनों पैरों को आपस में मिलाएं। 
  • -धीरे-धीरे हाथों को अपने कन्धों से ऊपर लेकर जाएं और पैर के पंजों के बल खड़े हो जाएं। 
  • -कुछ समय पश्चात श्वास छोड़ते हुए वापस पहले की ही तरह आराम से खड़े हो जाएं (ऐसा कम से कम 3-5 बार करें) ।

2-पवनमुक्तासन

फायदे: पेट फूलने और गैस आदि की दिक्कत में फायदेमंद,  तनाव कम करता है।

कैसे करें :

  • -सबसे पहले पीठ के बल आराम से लेट जाएं और पैरों को फैला लें। 
  • -अब गहरी सांस लेते हुए घुटनों को मोड़ें और हाथों की मदद से छाती तक लाएं। 
  • -अब धीरे से अपना सिर घुटनों पर लगाने का प्रयास करें। 
  • -सांस छोड़ते हुए, वापस पहले की ही तरह सीधे लेट जाएं और अपने घुटने सीधे करके विश्राम करें।

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3-शवासन

फायदे: शरीर और दिमाग को स्थिर करते हुए शांति का अनुभव करवाता है, तनाव कम होता है। 

shawasana

कैसे करें :

  • -कमर  के बल आरामदायक मुद्रा में लेट जाएं, कुछ देर तक सांस पर अपना ध्यान केन्द्रित करें¬। 
  • -अपने पैरों में 2 फुट का फांसला रखें, हथेलियों को छत की तरफ रखें।
  • -इस दौरान पूरी तरह से शरीर को ढीला छोड़ दें और श्वास पर ध्यान लगायें।
  • - शवासन की प्रक्रिया को कम से कम 5-10 मिनट तक करें।
  • -इसके बाद धीरे-धीरे आंखें खोलें और हाथों और पैरों में उंगलियों को हिलाएं, इसके कुछ समय पश्चात आप उठ सकते हैं।

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