ट्यूमर शरीर में कोशिकाओं में होने वाली असामान्य वृद्धि को कहते हैं, ट्यूमर भी कैंसर की तरह घातक बीमारी मानी जाती है। लेकिन सभी प्रकार के ट्यूमर बेहद खतरनाक नही माने जाते हैं। ट्यूमर मुख्यतः दो तरह के होते हैं एक घातक (Malignant Tumor) और दूसरा बिनाइन (Benign Tumor)। बिनाइन ट्यूमर वो स्थिति होती है जिसमें ट्यूमर केवल एक ही स्थान पर बढ़ता है और इसे सर्जरी के माध्यम से खत्म किया जा सकता है। बिनाइन ट्यूमर का असर शरीर के दूसरे अंगों पर नहीं होता है लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। बिनाइन ट्यूमर में शरीर की कोशिकाओं में अतिरिक्त वृद्धि देखने को मिलती है। आइए विस्तार से जानते हैं कैंसर की तरह दिखने वाले 'बिनाइन ट्यूमर' के बारे में।
बिनाइन ट्यूमर (Benign Tumor)
ट्यूमर शरीर की अतिरिक्त कोशिकाओं से बने होते हैं। आम तौर पर जब हमारे शरीर में जरूरत के अनुसार नए कोशिकाओं का निर्माण होता है तो पुरानी कुछ कोशिकाएं मर जाती हैं और उनकी जगह नयी कोशिकाएं ले लेती हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जो कोशिका पुरानी हो गयी है वह जीवित रहती है और नयी कोशिकाएं भी शरीर में बन जाती हैं, यह स्थिति कई कारणों से हो सकती है। ऐसे में इस प्रक्रिया की वजह से ट्यूमर जैसी समस्या का जन्म होता है। उसी तरह बिनाइन ट्यूमर भी स्किन की नॉन कैंसरस ग्रोथ है। इस ग्रोथ के बारे में कई बार स्किन की जांच के दौरान पता चलता है। इसमें स्किन पर कोशिकाओं में गांठ या सूजन की स्थिति होती है।
बिनाइन ट्यूमर के कारण (Benign Tumor Causes)
शरीर में कोशिकाओं में होने वाली अनावश्यक वृद्धि की वजह से बिनाइन ट्यूमर होता है, इसके पीछे का सटीक कारण अभी तक नहीं पता चल पाया है। बिनाइन ट्यूमर में शरीर के भीतर होने वाले कोशिकाओं का निर्माण सबसे अहम भूमिका निभाता है। कैंसर की कोशिकाओं का भी जन्म शरीर में इसी प्रकार से होता है, लेकिन कैंसर के विपरीत बिनाइन ट्यूमर में ये कोशिकाएं दूसरे अंग पर अपना प्रभाव नही डालती और ये सिर्फ एक ही जगह या अंग को प्रभावित करती हैं। बिनाइन ट्यूमर होने की कुछ प्रमुख वजह इस प्रकार से हैं।
- शरीर के किसी अंग में चोट
- सूजन
- संक्रमण
- खानपान की वजह से
- आनुवंशिक कारण
- रेडिएशन आदि के संपर्क में आने से
- तनाव
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बिनाइन ट्यूमर के लक्षण (Benign Tumor Symptoms)
एक्सपर्ट्स के मुताबिक सभी ट्यूमर के लक्षण दिखाई नहीं देते, कुछ मामलों में इनकी जांच के बाद ही इनका पता चलता है। बिनाइन ट्यूमर शरीर के किसी भी अंग में स्किन की तरफ होता है। अगर आपको बिनाइन ट्यूमर की समस्या है तो सिरदर्द, देखने में दिक्कत जैसी और ट्यूमर वाली जगह पर खुजली जैसी समस्या हो सकती है। बिनाइन ट्यूमर का आसानी से पता भी नहीं चल पाता है, अधिकांश मामलों में ये समस्या बिना लक्षण के होती है। बाद में इसका पता लगाने के लिए स्किन टेस्ट की जरूरत होती है। बिनाइन ट्यूमर के कुछ संभावित लक्षण इस प्रकार से हैं।
- सिरदर्द
- नजर में दिक्कत
- बेचैनी
- दर्द
- ठंड लगना
- बुखार
- रात में सोते वक्त पसीना आना
- वजन का कम होना
- भूख न लगना
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बिनाइन ट्यूमर का उपचार (Benign Tumor Treatment)
सामान्य बिनाइन ट्यूमर को बिना किसी उपचार के भी खत्म किया जा सकता है, इसके लिए डॉक्टर कुछ सामान्य दवाएं दे सकते हैं। लेकिन तमाम मामलों में इसका एकमात्र इलाज सर्जरी ही है। सर्जरी के माध्यम से चिकित्सक आसपास की जगहों को बिना नुकसान पहुंचाए हुए ट्यूमर को काटकर निकाल देते हैं। कुछ गंभीर मामलों में इसका इलाज रेडिएशन थेरेपी या दूसरी अन्य दवाओं से किया जाता है।
बिनाइन ट्यूमर के प्रकार (Benign Tumor Types)
शरीर के अलग-अलग अंगों में होने वाले बिनाइन ट्यूमर कई तरह के हो सकते हैं। शरीर के जिस अंग पर ये ट्यूमर होते हैं उसके आधार पर ही इन्हें नाम दिया जाता है। उदहारण के तौर पर अगर मांसपेशियों से बिनाइन ट्यूमर की ग्रोथ होती है तो इसे मयोमा नाम दिया जाता है। बिनाइन ट्यूमर मुख्यतः 5 प्रकार के होते हैं।
एडेनोमास - ग्रंथियों, अंगों और अन्य आंतरिक संरचनाओं जैसे पॉलीप्स आदि में होने वाले ट्यूमर।
लिपोमा - फैट कोशिकाओं से बढ़ने वाला सबसे आम ट्यूमर।
मयोमा - मांसपेशियों में होने वाला ट्यूमर।
नेवी या मोल्स- स्किन पर होने वाले सामान्य ट्यूमर।
फाइब्रॉएड या फाइब्रोमस - किसी भी अंग के रेशेदार उतकों में होने वाला ट्यूमर जो सबसे ज्यादा गर्भाशय में होता है।
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हमें उम्मीद है कि बिनाइन ट्यूमर को लेकर दी गयी जानकारी आपको पसंद आयी होगी। बिनाइन ट्यूमर के लक्षण दिखने पर चिकित्सक से संपर्क जरूर करना चाहिए। चिकित्सक की सलाह के अनुसार समय पर इनका इलाज कराने से कोई अन्य समस्या नहीं होती है लेकिन अगर आप इसे नजरंदाज करते हैं तो आगे चलकर ये काफी दिक्कतें पैदा कर सकते हैं। अगर आपके पास टॉपिक से जुड़े कोई सवाल हैं तो उसे कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें भेज सकते हैं।
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