महिलाओं में आम हैं ये 4 प्रकार के कैंसर, डॉक्टर से जानें कैंसर के दौरान प्रेगनेंसी से जुड़ी जरूरी बातें

महिलाओं में कैंसर : महिलाओं में कैंसर के कई प्रकार हैं, पर जरूरी ये है कि आप इससे बचे रहें और एक अच्छी लाइफस्टाइल फॉलो करें।
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महिलाओं में आम हैं ये 4 प्रकार के कैंसर, डॉक्टर से जानें कैंसर के दौरान प्रेगनेंसी से जुड़ी जरूरी बातें

महिलाओं में कैंसर (Cancer in womens) खराब होती लाइफस्टाइल के साथ बढ़ती जा रही है। दरअसल, कैंसर इतनी गंभीर बीमारी है कि इसके लक्षणों को जानना बेहद जरूरी है। ताकि इसका जल्द से जल्द से पता लगाया जा सके और सही इलाज किया जा सके। पर प्रश्न ये है कि महिलाओं में कौन सा कैंसर सबसे आम है और इन्हें कैसे पहचाना जा सकता है। साथ ही क्या कैंसर जैसी बीमारी महिलाओं की फर्टिलिटी और प्रेग्नेंसी को भी प्रभावित करती है? ऐसी ही तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए ऑनली मॉय हेल्थ ने डॉ. अदिति चतुर्वेदी ( Dr. Aditi Chaturvedi) सलाहकार, ऑन्कोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत से बात की। जिन्होंने महिलाओं में कैंसर के प्रकार (Types of Cancer in womens) के बारे में तो बताया ही बल्कि, महिलाओं के जीवन में इससे जुड़े तमाम पहलुओं पर बात की। 

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महिलाओं में कैंसर के प्रकार-Types of Cancer in womens in hindi

1. ब्रेस्ट कैंसर

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर बेहद ही आम है।  ये दुनिया भर में सबसे आम है और आजकल खराब लाइफस्टाइल के कारण कम उम्र की लड़कियों को भी हो रहा है। ब्रेस्ट कैंसर में ब्रेस्ट में गांठ बन जाती है और कई बार निप्पल से सफेद पानी (ट्रांसपेरेंट पानी) और खून निकलता है। ऐसे में सबसे जरूरी ये होता है कि आप समय-समय पर अपने ब्रेस्ट की स्क्रीनिंग करवाएं। इसमें मैमोग्राफी टेस्ट किए जाते हैं और ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाया जाता है।  

2. सर्विक्स कैंसर या सर्वाइल कैंसर

सर्विक्स कैंसर महिलाओं में बेहद आम है। इसमें आमतौर पर महिलाओं में पीरियड्स में बदलाव नजर आते हैं। साथ ही मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग हो सकती है या वजाइनल डिस्चार्ज जिसमें कि सफेद पानी के साथ ज्यादा दुर्गंध आने की समस्या हो सकती है। ऐसे में अगर ये तमाम लक्षण महसूस हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से दिखाएं और इसे नजरअंदाज ना करें क्योंकि ये सभी सर्वाइल कैंसर के लक्षण हैं। इसमें सर्विक्स के कुछ सेल्स निकल के टेस्ट किया जाता है। 

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3. ओवेरियल कैंसर 

ओवेरियन कैंसर में महिलाओं के ओवरिज में सिस्ट बन जाती है, जिसके कारण कई बार  गर्भाशय और ट्यूब्स डैमेज हो सकते हैं। इस कैंसर के कारण प्रेग्नेंसी आमतौर पर बहुत चुनौतीपूर्ण होती है। इस कैंसर को जल्दी पहचानना बेहद जरूरी है नहीं तो शरीर की कई समस्याएं और बढ़ सकती हैं। इसमें पेट में सूजन,पेट में दबाव और दर्द, बार-बार पेशाब और मासिक धर्म में अनियमितता जैसे लक्षण महसूस होते हैं।

4. यूट्रेस कैंसर 

यूट्रेस कैंसर यानी कि बच्चेदानी का कैंसर महिलाओं में बहुत आम है।इसमें एंडोमेट्रियम की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। ये अक्सर हार्मोनल डिसबैलेंस और खराब लाइफस्टाइल के कारण होता है। इसमें शरीर में कई चीजें खराब होने लगती हैं। 

कैंसर के लक्षणों को कैसे पहचानें?

कैंसर के लक्षणों को पहचानने के कई तरीके हैं। जिसमें से कुछ में शामिल हैं

  • -दवाओं से आराम ना मिलना
  • -सामान्य संक्रमण से ज्यादा दिनों तक लक्षणों का रहना
  • -महिलाओं में गायनोलॉजिकल समस्याओं का बढ़ जाना। 

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क्या कैंसर का पारिवारिक इतिहास मायने रखता है?

जिन लोगों को कैंसर हुआ है, उन्हें उत्परिवर्तन और सिंड्रोम के लिए परीक्षण करवाना चाहिए। 25 साल से कम उम्र में आपको टेस्ट करवाना चाहिए। जोखिम अगर ज्यादा हो तो स्त्री रोग विशेषज्ञ के साथ परीक्षण करवाते रहें।

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कैंसर के बाद प्रेग्नेंसी में समस्या हो सकती है?

डॉ. अदिति चतुर्वेदी बताती हैं कि कीमोथेरेपी और अन्य उपचार कुछ मामलों में गर्भ धारण करने की क्षमता को प्रभावित नहीं करते हैं। ट्रीटमेंट और  कीमोथेरेपी से होने वाले नुकसानों से बचने के लिए आप  प्रजनन क्षमता को संरक्षित कर सकती है और इसे रोका जा सकता है। इसलिए ये सिर्फ एक महिला के शरीर पर निर्भर करता है।

कैंसर से बचाव के उपाय

कैंसर से बचाव के लिए डॉ.अदिति चतुर्वेदी बताती हैं कि कैंसर से बचाव का एक तरीका ये है कि आप समय-समय पर अपनी स्क्रीनिंग करवाते रहें। इसके अलावा डाइट और लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखें। जैसे कि 

  • -किसी भी खाद्य समूह को पूरी तरह से न काटें
  • -फैंसी फूड्स ना खाएं। 
  • -अधिक सब्जियां, मेवे और मिक्सड चीजों का सेवन करें।
  • -जंक और प्रोसेस्ड फूड से सख्ती से बचें। चीनी कम लें।
  • -इलाज के दौरान हाई फैट और कैलोरी वाला भोजन ना करे, कच्ची सब्जियों से बचें और शराब से दूर रहें। 
  • -धूम्रपान बिल्कुल ना करें।

इसके अलावा कैंसर से बचाव के लिए बेहद जरूरी ये है कि आप एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें। साथ ही वजन बढ़ने और हार्मोनल असंतुलन से बचें। एक्सरसाइज करें और एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें। 

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