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Cleft Palate: इस समस्या के कारण बार-बार मुंह से दूध निकालता है नवजात शिशु, जानें इसके लक्षण और इलाज

क्लेफ्ट प्लेट (Cleft Palate) एक जन्मजात विकार है, जिसमें नवजात शिशु के मुंह के ऊपरी हिस्से (तलु) में विभाजन या दरार देखी जाती है।
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Cleft Palate: इस समस्या के कारण बार-बार मुंह से दूध निकालता है नवजात शिशु, जानें इसके लक्षण और इलाज


आपने कई बार देखा होगा कि बच्चा दूध पीते हुए उसे मुंह से निकाल देता है या उगल देता है। इतना ही नहीं कुछ मामलों में बच्चे दूध पीने के बाद इसे नाक और मुंह से निकालने लगते हैं। बच्चे का इस तरह से नाक और मुंह से दूध निकालना एक बार हो, तो कोई समस्या नहीं है कि लेकिन बच्चा इस प्रक्रिया को बार-बार दोहरा रहा है, तो यह क्लेफ्ट प्लेट के कारण हो सकता है। पिछले दिनों लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद के क्लीनिक में भी क्लेफ्ट प्लेट का एक मामला सामने आया था।

जहां बच्चे के शिशु के पिता ने बताया कि वह दूध को बार-बार निकाल देता है। जब डॉक्टर ने शिशु को देखा तो बताया कि उनकी क्लेफ्ट प्लेट यानी कि कंठ तुला टूटी हुई है। आइए जानते हैं क्या होता है क्लेफ्ट प्लेट और इसके लक्षण क्या हैं, ताकि शिशु में इस विकार को जल्द पहचाना जा सके और उसका इलाज शुरू किया जा सके।

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क्लेफ्ट प्लेट क्या है?- What is Cleft plate?

क्लेफ्ट प्लेट (Cleft Palate) एक जन्मजात विकार है, जिसमें नवजात शिशु के मुंह के ऊपरी हिस्से (तलु) में विभाजन या दरार देखी जाती है। डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि क्लेफ्ट प्लेट के कारण होने वाली दरार होंठ से शुरू होकर गले तक जा सकती है। यूं तो क्लेफ्ट प्लेट एक सामान्य जन्म दोष है, लेकिन कई बार यह शिशु और उसके परिवार के लिए मानसिक तौर पर चुनौतियां बन सकता है।

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क्लेफ्ट प्लेट के लक्षण क्या हैं?- What are the symptoms of a cleft plate?

क्लेफ्ट प्लेट के लक्षण शिशु में आसानी से देखे और पहचाने जा सकते हैंः

1. मुंह के ऊपरी हिस्से में दरार: शिशु के मुंह के ऊपरी हिस्से में एक स्पष्ट दरार या विभाजन दिखाई देगा।    

2. दूध पीने में कठिनाई: क्लेफ्ट प्लेट वाले शिशु के लिए दूध पीना मुश्किल हो सकता है। इस स्थिति में शिशु के मुंह से वैक्यूम नहीं बना पाते, जिससे स्तनपान या बोतल से दूध पीने में समस्या होती है।   

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3. सांस लेने में कठिनाई: शिशु के मुंह और नाक के बीच सही से विभाजन नहीं होने के कारण उसे सांस लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।   

4. कान में संक्रमण: क्लेफ्ट प्लेट के कारण मुंह और कान के बीच तरल पदार्थ जमा होने का खतरा रहता है, जिसकी वजह से शिशु को कान का संक्रमण होने का खतरा रहता है। 

5. रोने में कठिनाई: मुंह के तालू में दरार के कारण शिशु के रोने में भी परेशानी देखी जाती है। 

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क्लेफ्ट प्लेट का इलाज क्या है?- What is the treatment for cleft plate?

डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि क्लेफ्ट प्लेट का इलाज जन्म के तुरंत  बाद ही किया जाता है, क्योंकि जन्म के साथ ही शिशु में क्लेफ्ट प्लेट के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। वहीं, जब दरार होंठ की बजाय मुंह और गले के अंदर होती है, तब इसका इलाज सर्जरी के जरिए किया जाता है। आमतौर पर शिशु के 9 से 18 महीने की उम्र के बीच क्लेफ्ट प्लेट की सर्जरी की जाती है। यह सर्जरी मुंह के तालू की दरार को बंद करने के लिए की जाती है। 

आपके नवजात शिशु को क्लेफ्ट प्लेट की समस्या है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए जन्म के तुरंत बाद बच्चे का मुंह और कंठ तालु की जांच जरूर करें।

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