क्लौडिकेशन (Claudication) पैरों में खून के प्रवाह में दिक्कत आने की वजह से होने वाले दर्द की समस्या को कहते हैं। हिंदी में क्लौडिकेशन को खंजता कहा जाता है और यह एक प्रकार की पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) डिजीज है जिसके लक्षण सामान्य से गंभीर हो सकते हैं। इस स्थिति में पैरों की धमनियों में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है जिसकी वजह से चलने या व्यायाम आदि के समय पैरों में तेजी से दर्द भी होता है। इसके अलावा खंजता का दर्द सिर्फ पैरों ही नहीं आपके कूल्हों और जांघ में भी होता है। सामान्य रूप से यह एक लंगड़ापन की बीमारी है। शुरुआत में यह बीमारी कुछ दूर चलने और व्यायाम करने पर दिखाई देती है लेकिन धीरे-धीरे इसके लक्षण बढ़ते जाते हैं और दर्द गंभीर होने पर आपको हमेशा के लिए चलने में परेशानी हो सकती है। रक्त वाहिकाओं से सम्बंधित यह रोग जब गंभीर हो जाता है तो इंसान को हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी गंभीर स्थितियों का सामना भी करना पड़ सकता है। आइये जानते हैं इस बीमारी के बारे में।
क्लौडिकेशन या खंजता के कारण (Causes of Claudication)
क्लौडिकेशन, परिधीय धमनी रोग का एक प्रकार या लक्षण है। इस समस्या में पैरों की नसों में खून का प्रवाह बाधित होता है जिसकी वजह से परेशानियां होती हैं। परिधीय धमनियां बड़ी वाहिकाएं होती हैं जो आपके पैरों और बाहों तक रक्त पहुंचाती हैं। इंसान जब आराम की स्थिति में होता है तो उस समस्या रक्त प्रवाह सीमित और संतुलित होता है लेकिन जब व्यायाम या किसी भी प्रकार की एक्टिविटी कर रहे हों तो मांसपेशियों को अच्छी तरह से काम करने और स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। और जब शरीर में खून का प्रवाह सही ढंग से नहीं होता है तो मांसपेशियों तक ऑक्सीजन और अन्य तत्व नहीं पहुंच पाते हैं। इसी स्थिति में दर्द शुरू होता है और समस्याएं गंभीर होती जाती हैं। खंजता या क्लौडिकेशन की समस्या में मुख्य कारण इस प्रकार से हैं।
- एथेरोस्क्लेरोसिस जैसे रोग की वजह से।
- प्लाक बिल्डअप के कारण धमनियों का संकुचित या अवरुद्ध होना।
- एन्यूरिज्म की समस्या के कारण।
- नसों से जुड़ी समस्याओं के कारण।
- अधिक वजन वाले लोगों में।
- मधुमेह, उच्च रक्तचाप या हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर।
- अधिक स्मोकिंग करने की वजह से।

क्लौडिकेशन या खंजता के लक्षण (Claudication Symptoms)
क्लौडिकेशन या खंजता की समस्या में पैरों की धमनियों में खून का प्रवाह बाधित होता है। इसकी वजह से मरीज को पैरों में दर्द और लंगड़ापन झेलना पड़ता है। शुरुआत में खंजता के लक्षण सामान्य हो सकते हैं लेकिन समय के साथ-साथ इसके लक्षण बेहद गंभीर हो जाते हैं। आइये जानते हैं क्लौडिकेशन या खंजता के प्रमुख लक्षणों के बारे में।
- मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी या थकान।
- चलने या व्यायाम करने पर जांघों, नितंबों, कूल्हों और पैरों में दर्द।
- कंधों, बाइसेप्स और फोरआर्म्स में दर्द
- स्किन का ठंडा पड़ना।
- पैर सुन्न होना या कमजोरी।
- आपके पैर की उंगलियों, पैरों पर घाव का ठीक न होना।
- आपके पैरों के रंग में बदलाव।
- बालों का झड़ना या आपके पैरों पर बालों का कम होना।
क्लौडिकेशन या खंजता के खतरे और बचाव (Claudication Complications and Prevention)
क्लौडिकेशन या खंजता की समस्या में शुरुआत में हल्के दर्द हो सकते हैं लेकिन जब यह समस्या बढ़ती है तो आपके पैरों को बिलकुल सुन्न भी कर सकती है। अगर उस समस्या के दौराब आपके पैरों में कोई घाव होते हैं तो वह भी जल्दी ठीक नहीं होता है जिसकी वजह से गैंग्रीन का खतरा भी बढ़ जाता है। कुछ लोगों को इसकी वजह से अपने पैरों को कटवाना भी पड़ता है। इसके अलावा क्लौडिकेशन के प्रमुख खतरे इस प्रकार से हैं।
- लंगड़ापन का शिकार होना।
- गैंग्रीन का खतरा।
- हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर का खतरा।

इस समस्या से बचाव के लिए आप इन बातों को ध्यान में रख सकते हैं।
- धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
- पौष्टिक और संतुलित भोजन का सेवन करें।
- रोजाना व्यायाम जरूर करें।
- अपने वजन को संतुलित रखें।
- ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें।
- कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर का स्तर सामान्य बनाए रखें।
इन बातों का ध्यान रखकर आप क्लौडिकेशन या खंजता की गंभीर समस्या से बच सकते हैं। क्लौडिकेशन की समस्या गंभीर होने पर आपके पैरों को बहुत नुकसान पहुंचाती है इसकी वजह से कुछ लोगों को लंगड़ापन का शिकार होना पड़ता है। इसलिए उचित खानपान और जीवनशैली अपनाकर इससे बचने का प्रयास करें। इसके लक्षण दिखने पर किसी योग्य चिकित्सक से इलाज लें।
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