हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन एक ऐसी आम समस्या बन गई है, जिसके शिकार बड़ों से लेकर बच्चे तक हो रहे हैं। जी हां, बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी हाई बीपी की समस्या काफी आम हो गई है। जिसमें बचपन में मोटापा हाई ब्लड प्रेशर के सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारकों में से एक है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का समय पर निदान बेहद जरूरी है, क्योंकि यह एक साइलेंट किलर के रूप में काम करता है और आप पर अटैक करता है। कुछ लोगों को हाई बीपी के कुछ भी लक्षण महसूस नहीं होते हैं। बच्चों और बड़ों दोनों में हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाता है। बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की बात करें, तो उनमें हाई बीपी का निर्धारण करना काफी कठिन होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई बार यह बढ़ती उम्र और प्रक्रिया के कारण भी हो सकता है। इसलिए हाई बीपी के लिए उम्र, लिंग, शरीर के वजन और ऊंचाई की जांच करनी जरूरी होती है। आइए यहां हम आपको बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के कारण, लक्षण और इससे निपटने का तरीका बताते हैं।
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते है। लेकिन हाई ब्लड प्रेशर में प्रमुख उतार-चड़ाव से आपको कुछ लक्षण दिख सकते हैं, जिसमें इसके कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
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- सिरदर्द
- सीने में दर्द
- गर्दन दर्द
- सांस लेने में तकलीफ
- उल्टी या मतली आदि।
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम कारक
बच्चों और बड़ों दोनों में हाई ब्लड प्रेशर के दो प्रमुख जोखिम कारक हैं: पहला मोटापा और दूसरा आनुवांशिक कारण। इसके अलावा, हाई ब्लड प्रेशर के अन्य जोखिम कारकों में अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति, नींद में कमी, तनाव और हार्मोनल असंतुलन आदि शामिल हो सकते हैं।
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर से निपटने के उपाय
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निपटने के लिए आप यहां दिए गए टिप्स को अपनाएं:
- बच्चों और बड़ों दोनों में मोटापा हाई ब्लड प्रेशर का एक प्रमुख जोखिम कारक है। इसलिए आप कोशिश करें कि बच्चों में हाई बीपी के खतरे को कम करने और इससे निपटने के लिए स्वस्थ वजन बनाएं रखें। मोटापा न केवल हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढ़ाता है, बल्कि अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को भी दोगुना करता है।
- बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट और नियमित एक्सरसाइज को डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं। आप बच्चों में हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए डैश डाइट पर जोर दे सकते हैं। आप बच्चों की डाइट में फल-सब्जियों को शामिल करें और सैचुरेटेड फैट, बहुत अधिक नमक या चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन को कम करें।

- यदि स्मोकिंग करते हैं और आपका बच्चा हाई बीपी का शिकार है, तो आप स्मोकिंग करना भी छोड़ दें। ऐसा इसलिए, क्योंकि सिगरेट या बीड़ी का धुंआ आपके साथ-साथ आपके करीब रहने वाले लोगों को भी प्रभावित करता है। सेकंड हैंड स्मोक का एक्सपोजर आपके बच्चों के लिए भी खतरनाक है। इसलिए अपने साथ-साथ अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए धूम्रपान करना छोड़ें।
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