World Breastfeeding Week: पहली बार प्रेग्नेंसी के बाद मां बनने वाली महिलाएं ज्यादातर समय अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर असमंजस में रहती हैं। किसी भी तरह के कमी होने पर मां को लगता है कि यह बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। शिशु को पर्याप्त पोषण मां के स्तनपान से ही प्राप्त होता है। लेकिन, कई बार महिलाओं को यह चिंता सताने लगती है कि उनका दूध बहुत पतला और पानी जैसा दिखता है। कुछ माताओं को यह भी लगता है कि उनका दूध शिशु के लिए पर्याप्त पोषक नहीं है लेकिन क्या सच में मां का पतला और पानी की तरह दिखने वाला दूध बच्चे को पर्याप्त पोषण नहीं प्रदान करता है ? इस लेख में साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि महिला का ब्रेस्टमिल्क पतला होने के क्या कारण होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
ब्रेस्टमिल्क पतला क्यों होता है?
स्तनपान के दौरान जो दूध पहले निकलता है, उसे फोरमिल्क (Foremilk) कहते हैं। यह दूध थोड़ा सा मीठा और पतला होता है। यह मुख्य रूप से पानी, लैक्टोज और विटामिन्स से भरपूर होता है, जिससे शिशु की प्यास बुझती है।
इसके बाद आता है हाइंडमिल्क (Hindmilk) आता है, जो गाढ़ा, क्रीमी और फैट युक्त होता है। यह शिशु की भूख को शांत करता है और वजन बढ़ाने में मदद करता है। अगर शिशु केवल फोरमिल्क पीकर रह जाता है, तो स्तन दूध पतला और पारदर्शी प्रतीत हो सकता है।
ब्रेस्ट मिल्क के पतले और साफ दिखने के क्या कारण हो सकते हैं? - Causes Of Thin And Clear Breastmilk In Hindi
बच्चे को दूध पिलाने के समय कम होना
यदि महिला बच्चे को दूध बेहद कम समय के लिए पिलाती है, तो ऐसे में अधिक संभावना है कि शिशु केवल फोरमिल्क का ही सेवन करें। इससे दूध पतला होे की समस्या हो सकती है।
स्तन बार-बार बदलना
अगर मां हर बार बार-बार स्तन बदलती हैं, तो शिशु को किसी भी स्तन से पूरा दूध (हाइंडमिल्क) नहीं मिल पाता और सिर्फ पानी जैसा फोरमिल्क ही पी पाता है। ऐसे में महिला को एक स्तन खाली करने के बाद ही दूसरे से बच्चे को दूध पिलाना शुरु करें।
दूध की अधिकता (Oversupply)
कुछ महिलाओं में दूध अधिक बनता है और यह जल्दी-जल्दी बहता है। ऐसे में फोरमिल्क की मात्रा ज्यादा निकलती है और हाइंडमिल्क शिशु तक नहीं पहुंच पाता।
अत्यधिक पानी पीना
हालांकि पानी पीना जरूरी है, लेकिन अगर मां बहुत अधिक मात्रा पानी पीती है तो दूध का तरल अनुपात गडबड़ा सकता है। इससे दूध पतला दिख सकता है।
हार्मोनल असंतुलन
प्रोलैक्टिन और ऑक्सिटोसिन जैसे हार्मोन दूध उत्पादन को नियंत्रित करते हैं। इनके असंतुलन से दूध की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
ब्रेस्टमिल्क पतला हो गया है तो क्या करें?
- हर बार एक ही स्तन से कम से कम 15-20 मिनट तक दूध पिलाएं ताकि शिशु को फोरमिल्क के साथ-साथ हाइंडमिल्क भी मिल सके।
- प्रोटीन, हेल्दी फैट, फल, सब्जियां और दूध से भरपूर आहार से दूध की गुणवत्ता बेहतर होती है।
- हर बार एक स्तन से तब तक पिलाएं जब तक शिशु खुद न छोड़े। जब वह संतुष्ट हो जाए, तभी दूसरा स्तन दें।
- शिशु को अच्छे पोजिशन में पकड़ें ताकि वह आराम से और सही तरीके से दूध पी सके।
- बहुत अधिक या बहुत कम पानी पीना दोनों ही नुकसानदायक हो सकता है। प्यास लगने पर ही पानी पीएं।
- ध्यान, योग और आराम से मानसिक शांति बनाए रखें। यह हार्मोन बैलेंस करने में मदद करेगा।
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यदि आपको बच्चे को भी बार-बार भूख लगती है या उसको गैस, पेट दर्द या दस्त जैसी समस्या है तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कुछ समस्याएं मां के दूध से ठीक नहीं होती है। लेकिन, इस बात को अपने मन से पूरी तरह निकाल दें कि आपका दूध बच्चे के लिए अच्छा नहीं है। छह माह से कम उम्र के बच्चे को मां के दूध से ही पर्याप्त पोषण मिलत है।
FAQ
क्या दूध का रंग बदलते रहना सामान्य है?
हां, दूध का रंग सफेद, हल्का पीला या कभी-कभी पानी जैसा भी हो सकता है। यह फोरमिल्क और हाइंडमिल्क की मात्रा पर निर्भर करता है।क्या पतला और साफ दूध शिशु के लिए नुकसानदायक है?
नहीं, पतला दूध यानी फोरमिल्क शिशु के लिए जरूरी होता है क्योंकि यह पानी, विटामिन और लैक्टोज से भरपूर होता है। लेकिन अगर केवल यही मिल रहा हो, तो शिशु को पूरा पोषण नहीं मिल पाता।क्या भोजन से दूध की गुणवत्ता बढ़ सकती है?
हां, संतुलित और पोषक आहार जैसे ओट्स, ड्राई फ्रूट्स, देसी घी और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ से दूध की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।