Formula Milk for Baby: स्तनपान (Breastfeeding) शिशु और मां, दोनों की सेहत के लिए जरूरी होता है। ब्रेस्टमिल्क से बच्चों को पर्याप्त पोषण मिलता है। ब्रेस्ट मिल्क से बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है। साथ ही, उनका शारीरिक और मानसिक विकास भी तेजी से होता है। इसलिए हर मां अपने बच्चे को स्तनपान करवाना चाहती है। लेकिन, कई बार कुछ मुश्किलों की वजह से महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करवा पाती हैं। ऐसा ही दिल्ली के रोहिणी में रहने वाली 28 वर्षीय निकिता नारंग के साथ भी हुआ। आपको बता दें कि निकिता ने साल 2022, फरवरी में बेटे (धृष नारंग) को जन्म दिया। वह अपने बेटे को ब्रेस्टफीड ही करवाना चाहती थीं, लेकिन ब्रेस्टमिल्क न बन पाने की वजह से वह स्तनपान नहीं करवा पाईं। फिर निकिता ने अपने बेटे को फॉर्मूला मिल्क दिया। हालांकि, निकिता को ब्रेस्टफीड न करवाने का काफी अफसोस है। हर साल अगस्त के पहले हफ्ते को विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week 2024) के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर आज निकिता की ब्रेस्टफीडिंग की जर्नी को जानते हैं-
ब्रेस्ट मिल्क के बजाय क्यों चुना फॉर्मूला मिल्क
निकिता बताती हैं, "मेरी सी-सेक्शन डिलीवरी हुई थी। मेरा बेटा प्री-मैच्योर था। जब ऑपरेशन हुआ, तो मैं उसे 7-8 घंटे तक ब्रेस्टफीड नहीं करवा पाई थी। इस दौरान घरवालों ने बच्चे को फॉर्मूला मिल्क ही पिलाया। इसके बाद, जब मैं घर पहुंची, तो मैंने ब्रेस्टफीड करवाने की कोशिश की। मैंने 2-3 दिनों तक बेटे को स्तनपान करवाया। लेकिन मुझे काफी दर्द होता था। साथ ही, ब्रेस्ट मिल्क भी पर्याप्त नहीं बन पाता था। हालांकि, ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई बढ़ाने के लिए मैंने कई उपाय भी किए। मैंने देसी घी का खूब सेवन किया। लेकिन ब्रेस्ट मिल्क बेटे के लिए पर्याप्त नहीं हो पा रहा था। यही वजह है कि मैंने अपने बच्चे को फॉर्मूला मिल्क पिलाना शुरू किया। मैंने धृष को लगभग 6 महीने तक ब्रेस्ट मिल्क पिलाया। इसके बाद, मैंने बेटे को टोन्ड मिल्क पिलाना शुरू कर दिया था।"
इसे भी पढ़ें- ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए संगीता ने किया मसूर दाल का सेवन, बेटी को नहीं पिलाना चाहती थीं फॉर्मूला मिल्क
फॉर्मूला मिल्क से बच्चे को होती थी ये समस्याएं
निकिता बताती हैं, "ब्रेस्ट मिल्क बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होता है, यह जानते हुए भी मुझे अपने बेटे को फॉर्मूला मिल्क पिलाना पड़ा। फॉर्मूला मिल्क पिलाने से मेरे बेटे को कुछ दिक्कतों से बार-बार परेशान होना पड़ता था। फॉर्मूला मिल्क पीने के बाद उसे दस्त लग जाते थे। इतना ही नहीं, उसे कई बार एलर्जी भी हो जाती थी। जबकि, जो बच्चे ब्रेस्ट मिल्क पीते हैं, उन्हें इन समस्याओं से ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ता है।"
फॉर्मूला मिल्क देना होता है मुश्किल
निकिता बताती हैं, "मुझे लगता है कि ब्रेस्टफीड करवाना आसान होता है। लेकिन फॉर्मूला मिल्क पिलाना थोड़ा मुश्किल होता है। क्योंकि ब्रेस्टफीड किसी भी समय आसानी से कराया जा सकता है। लेकिन फॉर्मूला मिल्क के लिए पहले गर्म पानी की जरूरत होती है। इसमें दूध की मात्रा बिलकुल सही होनी चाहिए। फॉर्मूला मिल्क की कम या ज्यादा मात्रा भी बच्चे की सेहत को प्रभावित कर सकती है।"
इसे भी पढ़ें- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान किया मुश्किलों का सामना, शुरू में नहीं बनता था ब्रेस्ट मिल्क,पंजीरी लड्डू से मिला फायदा
ब्रेस्टफीड करवाना बहुत जरूरी होता है
निकिता बताती हैं, "मैं जानती हूं कि ब्रेस्ट मिल्क बच्चे के लिए बहुत जरूरी होता है। स्तनपान करवाने से महिलाओं की हेल्थ भी बेहतर रहती है। इससे बच्चे को भी सभी जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। लेकिन मैं अपने बेटे को ब्रेस्टफीड नहीं करवा पाई, इस बात का मुझे जीवनभर अफसोस रहेगा।"
Read Next
बच्चे को फॉर्मूला मिल्क नहीं देना चाहती थीं रितु, ओट्स से बढ़ाया ब्रेस्ट मिल्क, जानें उनका अनुभव
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version