Hirsutism In Women In Hindi: हमेशा से ही महिलाएं अपनी खूबसूरत को बनाए रखने के लिए कई उपायों को अपनाती हैं। ज्यादातर महिलाएं खूबसूरत के एक साफ चेहरे से जोड़कर देखती हैं। इसके लिए महिलाएं अपनी फेस, छाती, आर्मपिट्स और पैरों आदि हिस्सों पर उगने वाले बालों को रेजर या अन्य तरीकों से साफ कर देती हैं। हालांकि, हर महिला में बाल उगने की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। लेकिन, कुछ महिलाओं के चेहरे और शरीर के कुछ हिस्सों पर अधिक बाल देखने को मिलते हैं। मेडिकल साइंस में इस स्थिति को हिर्सुटिज्म (Hirsutism) कहते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं के शरीर पर अनचाहे बाल अधिक मात्रा में उगने लगते हैं, खासकर चेहरे, छाती, पीठ और पेट जैसे हिस्सों में। यह समस्या हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है और यह कई महिलाओं के आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकती है। इस लेख में साईं पॉलिक्लीनिक सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉ विभा बंसल से जानते हैं कि हिर्सुटिज्म यानी महिलाओं के चेहरे और शरीर में अधिक बाल उगने की समस्या क्यों होती है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
महिलाओं के चेहरे और शरीर में अधिक बाल उगने (हिर्सुटिज़्म) के कारण - Causes Of Hirsutism In Women In Hindi
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
पीसीओएस हिर्सुटिज्म का सबसे आम कारण माना जा सकता है। यह एक हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसमें महिला की ओवरी में सिस्ट बनने लगते हैं, जिससे एंड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है।
कुशिंग सिंड्रोम (Cushing’s Syndrome)
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन की अधिकता हो जाती है। इसका प्रभाव शरीर के अन्य हार्मोन पर भी पड़ता है, जिससे हिर्सुटिज्म हो सकता है।
एंड्रोजन हार्मोन का बढ़ना
महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन और अन्य एंड्रोजन हार्मोन की अधिकता से शरीर पर अनचाहे बाल उगने लगते हैं। हार्मोन में होने वाली यह गड़बड़ी पिट्यूटरी ग्लैंड, ओवरी की समस्याओं के कारण हो सकता है।
कंजेनिटल एड्रेनल हाइपरप्लासिया (Congenital Adrenal Hyperplasia)
यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है जिसमें एड्रेनल ग्लैंड (Adrenal glands) असामान्य रूप से एंड्रोजन हार्मोन का उत्पादन करती हैं, जिससे हिर्सुटिज्म हो सकता है।
मेनोपॉज के बाद हार्मोन में बदलाव होना
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिर जाता है, जिससे एंड्रोजन का प्रभाव बढ़ सकता है। इस कारण कुछ महिलाओं में चेहरे और शरीर पर अधिक बाल आ सकते हैं।
हिर्सुटिज्म से बचाव के उपाय- Prevention Tips of Hirsutism In Hindi
- संतुलित और पोषण से भरपूर आहार लेने से हार्मोन संतुलित रहते हैं। आहार में हरी सब्जियां, फल, सूखे मेवे, प्रोटीन और हेल्दी फैट को शामिल करें।
- नियमित रूप से व्यायाम और योग करने से शरीर में हार्मोन संतुलित रहते हैं। कार्डियो, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और योग आसन, जैसे कि भुजंगासन और प्राणायाम, फायदेमंद हो सकते हैं।
- मोटापा हिर्सुटिज्म को बढ़ा सकता है, इसलिए वजन नियंत्रण में रखना जरूरी है। हेल्दी डाइट और नियमित व्यायाम से वजन को संतुलित किया जा सकता है।
- अत्यधिक तनाव से कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हिर्सुटिज्म की समस्या हो सकती है। ध्यान, मेडिटेशन और रचनात्मक गतिविधियों में समय बिताना फायदेमंद होता है।
- यदि हिर्सुटिज्म गंभीर रूप से बढ़ रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर हार्मोनल थेरेपी या अन्य दवाओं का सेवन किया जा सकता है।
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Hirsutism In Women In Hindi: हिर्सुटिज्म एक आम समस्या है जो कई महिलाओं को प्रभावित कर सकती है, लेकिन सही जीवनशैली, आहार और उचित चिकित्सा सहायता से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि अनचाहे बालों की समस्या गंभीर हो रही हो, तो जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करें और उचित इलाज करवाएं।