Causes of Hiccups in Babies in the Womb: गर्भावस्था के दौरान शिशु एक आम बच्चे की तरह की हरकतें करता है। जब मां परेशानी होती है, तब गर्भस्थ शिशु भी परेशान होता है, खुश होने पर तेजी से घूमता है और भी कई तरीके की हरकत है, जो एक शिशु गर्भ के अंदर करता है और इसका एहसास सिर्फ होने वाली मां को ही होता है। हिलने, घूमने की तरह की गर्भ के अंदर शिशु हिचकी भी लेता है। गर्भ में शिशु का हिचकी लेना एक सामान्य प्रक्रिया है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए अक्सर एक खास अनुभव होता है। इस लेख में, पुणे स्थित लाइफ वेव मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कंसलटेंट पीडियाट्रिशियन डॉक्टर संदीप बेलपत्रे (Dr Sandeep Belpatre,MBBS DCH CPID, Consultant Pediatrician, Lifewave Multispeciality Hospital,Pune) से जानेंगे गर्भ में शिशु के हिचकी लेने के कारण और लक्षण के बारे में।
गर्भ में शिशु हिचकी लेना कब शुरू करता है?- When does a baby start hiccuping in the womb?
डॉ. संदीप बेलपत्रे के अनुसार, गर्भावस्था की दूसरी या तीसरी तिमाही में महिलाओं को गर्भ के अंदर शिशु के हिचकी लेने का एहसास होता है। गर्भावस्था के पहले 3 महीनों में शिशु की हिचकी को पहचानना बहुत मुश्किल काम है। गर्भस्थ शिशु लेने की प्रक्रिया तब शुरू करता है, जब उसके शरीर का एक हिस्सा पूरी तरह से विकसित हो चुका होता है।
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गर्भ में शिशु के हिचकी लेने के लक्षण- Signs of Baby Hiccups in the Womb
1. अचानक थरथराहट: गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में गर्भवती महिलाएं अपने पेट में अचानक हल्की थरथराहट महसूस कर सकती हैं। पेट में होने वाली थरथराहट कुछ सेकेंड तक रह सकती है।
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2. धड़कन जैसा महसूस होना: हिचकी एक निश्चित समय अंतराल पर होती है, जो लगातार और नियमित भी हो सकती है। पेट पर हाथ रखने पर गर्भवती महिलाओं को अगर बार-बार धड़कन जैसा महसूस हो रहा है, तो यह हिचकी हो सकती है।
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गर्भ में शिशु के हिचकी लेने के कारण- Reasons for Baby Hiccups in the Womb
1. फेफड़ों और श्वसन प्रणाली का विकास
डॉ. संदीप बेलपत्रे के अनुसार, गर्भ में शिशु हिचकी तब लेते हैं, जब उनके फेफड़ों और श्वसन नली का विकास सही तरीके से होता है। दरअसल, फेफड़ों का विकास होने पर शिशु एम्नियोटिक द्रव (amniotic fluid) को निगलते हैं। इससे फेफड़ों में मांसपेशियों का संकुचन होता है, जिसकी वजह से हिचकी आती है।
2. तंत्रिका तंत्र का विकास
गर्भ में शिशु का तंत्रिका तंत्र विकसित हो रहा होता है। इसके साथ ही उसके श्वास और निगलने की प्रक्रिया पर नियंत्रण रखने वाली नसें भी विकसित हो रही होती हैं। इसके कारण भी गर्भस्थ शिशु को हिचकी आती है।
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3. एम्नियोटिक द्रव का निगलना
गर्भ में शिशु जब एम्नियोटिक द्रव को निगलते हैं, तो इसके कारण डायाफ्राम में संकुचन हो सकता है और हिचकी आती है। यह शिशु की पाचन तंत्र को विकसित करने में मदद करती है।
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निष्कर्ष
गर्भ में शिशु का हिचकी लेना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। यह शिशु के विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। गर्भ में शिशु के हिचकी लेने पर महिलाओं को घबराना नहीं चाहिए। अगर हिचकी लगातार बहुत अधिक महसूस हो रही हो, तो आप डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं।