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Fetal Macrosomia के कारण पैदा होने वाले शिशु का आकार होता है सामान्य से बड़ा, डॉक्टर से जानें इसके बारे में

कुछ शिशुओं का आकार जन्म के समय अपने औसत वजन से अधिक होता है। यह समस्या फीटल मैक्रोसॉमिया कहते हैं। आगे जानते हैं इसके कारण और लक्षण के बारे में
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Fetal Macrosomia के कारण पैदा होने वाले शिशु का आकार होता है सामान्य से बड़ा, डॉक्टर से जानें इसके बारे में


Causes And Symptoms Of Fetal Macrosomia: जन्म के समय कुछ शिशुओं का वजन और आकार अपने औसत से कहीं अधिक होता है। इस स्थिति को डॉक्टर फीटल मैक्रोसॉमिया (Fetal Macrosomia) कहते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें जन्म के समय शिशु का वजन सामान्य से अधिक होता है। आमतौर पर, नवजात का वजन लगभग 2.5 किलोग्राम से 4 किलोग्राम के बीच होता है। लेकिन फीटल मैक्रोसॉमिया के मामले में, शिशु का वजन 4 किलोग्राम या उससे अधिक हो सकता है। यह स्थिति कई स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकती है, जो न केवल शिशु के लिए बल्कि मां के लिए भी जोखिमपूर्ण होती है। इस लेख में साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि फीटल मैक्रोसॉमिया के कारणों और लक्षणों क्या हो सकते हैं।

फीटल मैक्रोसॉमिया के कारण - Causes Of Fetal Macrosomia In Hindi

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को डायबिटीज (Maternal Diabetes)

गर्भावस्था के दौरान यदि मां को डायबिटीज है (चाहे वह टाइप 1, टाइप 2, या जेस्टेशनल डायबिटीज हो), तो इससे शिशु का ग्रोथ असामान्य रूप से तेज हो सकती है। हाई ब्लड शुगर से शिशु के शरीर में अतिरिक्त वसा जमा हो सकती है।

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मोटापा (Obesity)

गर्भावस्था के दौरान यदि मां का वजन अधिक है, तो इसका असर शिशु के वजन पर पड़ सकता है। मोटापे से हार्मोनल असंतुलन और शिशु की ग्रोथ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

आनुवांशिक कारण (Genetic Factors)

यदि परिवार में किसी करीबी सदस्य के शिशु का आकार औसत से अधिक था, तो ऐसे में अन्य सदस्यों को भी फीटल मैक्रोसॉमिया की संभावना बढ़ जाती है। डॉक्टर्स के मुताबिक माता-पिता की ऊंचाई और वजन भी शिशु के वजन को प्रभावित कर सकते हैं।

गर्भकाल की अवधि (Gestational Age)

गर्भावस्था की अवधि जितनी लंबी होगी, शिशु का वजन उतना ही अधिक बढ़ सकता है। 40 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था में फीटल मैक्रोसॉमिया का जोखिम बढ़ जाता है।

अतिरिक्त एमनियोटिक फ्लूइड (Polyhydramnios)

गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूइड की अधिकता होने पर शिशु को पर्याप्त पोषण मिलता है, जिससे उसका वजन बढ़ सकता है। अधिक हो सकता है।

फीटल मैक्रोसॉमिया के लक्षण - Symptoms Of Fetal Macrosomia in Hindi

  • फीटल मैक्रोसॉमिया के मामलों में, प्रेग्नेंट महिला के गर्भाशय का आकार सामान्य से बड़ा दिखाई देता है। गर्भाशय का साइज (फंडल हाइट) शिशु के असामान्य रूप से बड़े आकार का संकेत देती है।
  • शिशु का अधिक वजन होने के कारण, मां को शिशु की हलचल या किक अधिक महसूस हो सकती है।
  • फीटल मैक्रोसॉमिया में एमनियोटिक फ्लूइड का स्तर सामान्य से अधिक हो सकता है। यह मां के पेट में अत्यधिक दबाव और असहजता पैदा कर सकता है।
  • शिशु का बड़ा आकार सामान्य प्रसव (नॉर्मल डिलीवरी) को मुश्किल बना सकता है। जिससे डिलीवरी के दौरान मां को अत्यधिक दर्द और रक्तस्राव (ब्लीडिंग) हो सकती है।
  • अल्ट्रासाउंड के दौरान, यदि शिशु का वजन सामान्य से अधिक दिखाई देता है, तो यह फीटल मैक्रोसॉमिया का संकेत हो सकता है।

इसे भी पढ़ें: जन्म के बाद शिशु का वजन कब से बढ़ना शुरू होता है और कितना वजन बढ़ना है नॉर्मल? बता रही हैं डॉक्टर

What is fetal macrosomia: फीटल मैक्रोसॉमिया एक ऐसी स्थिति है, जो गर्भावस्था और डिलीवरी के दौरान जटिलताओं का कारण बन सकती है। हालांकि, समय पर पहचान और उचित देखभाल से इसे मैनेज किया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वे नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराएं, संतुलित आहार लें, साथ ही स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। यदि किसी महिला को डायबिटीज, मोटापा, या अन्य जोखिम कारक हैं, तो उन्हें विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है।

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