Causes Of Black Stool In Child In Hindi: यह बात आपको पता ही होगा कि बच्चे की पॉटी का रंग देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसका स्वास्थ्य सही है या नहीं। आपको बता दें कि मल का रंग बदलने और तीव्र गंध आना सही नहीं है। यह किसी न किसी तरह की शारीरिक समस्या की ओर इशारा करता है। ऐसा ही बच्चों के साथ भी होता है। कई बार पैरेंट्स नोटिस करते हैं कि उनके बच्चे की पॉटी का रंग काला है। तो क्या काले रंग का मल किसी तरह की चिंता का विषय होता है? क्या पैरेंट्स को इसे लेकर चिंतित होना चाहिए? यहां हम आपको बताएंगे कि आखिर बच्चे की पॉटी का रंग काला हो, तो इसके क्या कारण हो सकते हैं और ऐसे में पैरेंट्स क्या कर सकते हैं? इस बारे में हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की नियोनेटोलॉजी और पीडियाट्रिक्स विभाग की कंसल्टेंट डॉ. श्रेया दुबे से बात की।
बच्चे की पॉटी का रंग काला होने के कारण- Causes Of Black Stool In Child In Hindi
खानपान
आमतौर पर पॉटी का रंग ब्राउन हो, तो यह माना जाता है कि व्यक्ति हेल्दी है। हालांकि, यह डाइजेस्टिव हेल्थ पर निर्भर करता है कि बच्चे के मल का रंग क्या होगा। बहरहाल, कई बार आपके खानपान से भी मल का रंग तय होता है। जैसे अगर बच्चा ब्लूबेरी, बीट्स या ऐसे आहार का सेवन करता है, जिसमें फूड कलर का उपयोग होता है, तो इससे मल का रंग प्रभावित हो सकता है। ब्लूबेरी जैसी चीजों सेवन करने से बच्चे की पॉटी काली हो सकती है। यह चिंता का विषय नहीं होता है।
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दवाएं
अगर बच्चा लंबे समय से कोई दवा ले रहा है, तो भी उसकी पॉटी रंग बदल जाता है। जैसे अगर बच्चा लंबे समय से आयरन पिल्स ले रहा है, तो उसके मल का रंग काला हो सकता है। यह भी कोई चिंता का विषय नहीं होता है। लेकिन, बच्चे के लिए किसी भी तरह की दवा का सेवन लंबे समय तक किया जाना सही नहीं होता है। अगर आपका बच्चा लंबे समय से किसी दवा पर निर्भर है, तो बेहतर होगा कि डॉक्टर से जांच कराएं।
डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में ब्लीडिंग
बच्चे की पॉटी का रंग काला होना गंभीर बीमारियों की ओर भी संकेत कर सकता है। जैसे अगर बच्चे का डाइजेस्टिक ट्रैक्ट सही नहीं है, पेट की लाइनिंग में सूजन है या एसोफेगस में कैंसर जैसी घातक बीमारी है, तो उसके मल का रंग काला हो सकता है। यही नहीं, स्टमक कैंसर और अन्य बीमारियों में भी पॉटी का रंग काला हो सकता है। अगर बच्चे की पॉटी का रंग काला है तथा शरीर में अन्य समस्याएं भी हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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एसोफेजियल वैरिकाज
एसोफेगस में बढ़ी हुई नसों को एसोफेजियल वैरिकाज कहा जाता है। एसोफेगस पेट और गले को जोड़ने वाली नसों को कहते हैं। यह समस्या लिवर में रक्त वाहिकाओं के हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हो सकता है। वैसे तो इस बीमारी में किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन, विशेषज्ञों की मानें एसोफेजियल वैरिकाज होने पर बच्चे में पॉटी का रंग बदल सकता है। इसलिए, इसका विशेष ध्यान रखें।
पैरासाइटिक इंफेक्शन
पैरासाइट के कारण होने वाले संक्रमण को हम पैरासाइटिक इंफेक्शन के नाम से जानते हैं। यह संक्रमित पानी पीने, खाद्य पदार्थ का सेवन करने की वजह से हो सकता है। जिस बच्चे को पैरासाइटिक इंफेक्शन हो जाता है, उनकी पॉटी का रंग काला हो सकता है। असल में, पैरासाइटिक इंफेक्शन आंत की लाइनिंग तक पहुंचकर उसे इरिटेट करती है। ऐसे में माइक्रोस्कोपिक ब्लीडिंग हो सकती है। जब यह पेट मौजूद एसिड द्वारा डाइजेस्ट होता है, तभी मल का रंग काला हो जाता है।
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