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क्या आपको भी लगता है प्यार से डर? जानें फिलोफोबिया के लक्षण और कारण

प्यार हर किसी की जिंदगी का सबसे खूबसूरत एहसास होता है लेकिन कुछ लोगों के लिए यह डर का कारण भी हो सकता है, जिसे फिलोफोबिया कहा जाता है।  
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क्या आपको भी लगता है प्यार से डर? जानें फिलोफोबिया के लक्षण और कारण


What Is Philophobia: प्यार एक खूबसूरत एहसास होता है जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। जब कोई व्यक्ति प्यार में होता है तो उसकी भावनाएं अपने साथी से गहरी तौर पर जुड़ जाती हैं। उसके आकर्षण में व्यक्ति अपार खुशी और सूकून महसूस कर रहा होता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें प्यार के नाम से भी डर लगता है। उनके लिए प्यार सिर्फ नफरत और बैचेनी का कारण बनने लगता है। अधिकतर मामलों में यह व्यक्ति के अतीत से जुड़ा हो सकता है, लेकिन कुछ मामलों में यह फोबिया का कारण भी हो सकता है। जी हैं, प्यार से डर लगना भी एक प्रकार का फोबिया है जिसे फिलोफोबिया कहा जाता है। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति हमेशा भावनाओं से दूर भागने की कोशिश करता है और किसी के करीब आने से भी डरता है। इस समस्या को विस्तार से समझने के लिए हमने बात कि सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ आरती आनंद से, जो हम इस लेख के माध्यम से आपसे साझा करेंगे। 

what is philophobia

पहले समझें क्या है फिलोफोबिया की समस्या- What Is Philophobia

फिलोफोबिया से ग्रस्त व्यक्ति प्यार में पड़ने या किस से भावनात्मक रूप से जुड़ने से डरने लगता है। इस समस्या में व्यक्ति को प्यार या रोमांस से जुड़े विषयों पर बात करने से भी डर लगता है। वह किसी भी व्यक्ति के करीब आने या प्यार में पड़ने से घबराने लगता है। 

फिलोफोबिया के लक्षण- What Are The Symptoms of Philophobia

फिलोफोबिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। फिलोफोबिया में कुछ खास लक्षण इस प्रकार देखे गए हैं- 

  • प्यार के विषय पर घबराना, बैचेन होना।
  • अचानक दिल की धड़कन बढ़ जाना या सांस लेने में परेशानी होना।
  • पसीना आना या जी मिचलाना।
  • लोगों से मिलने-जुलने से डरना या दूरी बनाना
  • तनाव या चिंता मे आ जाना।
  • काम पर ध्यान न लगा पाना और फोकस की कमी होना।

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फिलोफोबिया के कारण-  What Are The Causes of Philophobia

फिलोफोबिया एक प्रकार का गंभीर फोबिया है जिसे समय रहते कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है समस्या की जड़ को समझा जाए। 

फिलोफोबिया से ग्रस्त व्यक्ति किसी से भी भावनात्मक रूप से जुड़ने से डरता है, उसे डर रहता है कि भावनातमक रूप से जुड़ने पर उसके साथ बुरा हो सकता है। इस समस्या में कुछ मानसिक बदलाव कारण हो सकते हैं। इसके अलावा अतीत के कुछ दर्दनाक एहसास या अपने किसी करीबी बड़ी घटना के कारण भी फिलोफोबिया का जोखिम हो सकता है। 

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फिलोफोबिया से कैसे बाहर आए- Treatment of Philophobia

फिलोफोबिया की समस्या बढ़ने से व्यक्ति, डिप्रेशन और एंग्जायटी, नशे की लत या आत्महत्या की कोशिश करने जैसी गतिविधियों में शामिल हो सकता है। इसलिए समय रहने इस समस्या से बाहर आना बेहद जरूरी है। 

इस परेशानी से बाहर आने के लिए किसी करीबी से खुलकर बात करें। उनसे अपनी परेशानी बांटे और भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने की कोशिश करें। लेकिन अगर इसके बावजूद भी आप अपनी भावनाओं पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं, तो बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क करें।

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