How to prevent stomach infection: बारिश का मौसम आखिर किसे पसंद नहीं होता? मई-जून की तेज गर्मी के बाद बरसात का मौसम बहुत राहत देता है। लेकिन ये मौसम अपने साथ कई बीमारियों का खतरा भी लेकर आत है। बरसात के मौसम में लोगों को फ्लू, खांसी-जुकाम, हल्का बुखार, स्किन या स्कैल्प इंफेक्शन या फंगल इंफेक्शन जैसी समस्याएं ज्यादा होती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, मानसून में इम्यूनिटी नैचुरली वीक हो जाती है। इस कारण बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। वहीं इस मौसम में लोगों को पेट में इंफेक्शन भी जल्दी हो जाता है। इंफेक्शन बढ़ने के साथ ये बड़ी समस्याओं का कारण भी बनने लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं बारिश के मौसम में हमें ज्यादातर पेट में इन्फेक्शन क्यों होता है? साथ ही, इससे बचने के लिए क्या कर सकते हैं? इस बारे में जानने के लिए हमने हैदराबाद-सिकंदराबाद से यशोदा हॉस्पिटल्स के कंसल्टेंट फिजिशियन और डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ. एम. शीतल कुमार से बात की।
बरसात के मौसम में पेट में इंफेक्शन क्यों हो जाता है?
बारिश के मौसम में बैक्टीरिया, वायरस और फंगल के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन ज्यादा हो सकते हैं। अगर साफ पानी या पिया जाए तो ये बैक्टीरिया पानी से पेट तक पहुंच जाते हैं। बरसात में लोगों को बाहर का खाना पसंद होता है। लेकिन स्ट्रीट फूड खुला रहने से इसमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जो इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं। अगर आप सब्जियों और फलों को धोकर नहीं खाते हैं, तो कीटाणु शरीर में जाकर इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं। बरसात में ज्यादा देर तक रखे खाने से भी फंगस पनप जाती है। ऐसे में इसके सेवन से इंफेक्शन हो सकता है।
इसे भी पढ़ें- बरसात में बिगड़ न जाए सेहत! खराब पाचन से बचने के लिए एक्सपर्ट से जानें क्या खाएं, क्या नहीं
बरसात के मौसम में पेट के इंफेक्शन से कैसे बचें? How To Avoid Stomach Infections in Rainy Season
खानपान में सावधानी रखें
बरसात के मौसम में पानी को उबालकर पिएं। गर्म और पका हुआ खाना ही खाएं। सब्जियों और फलों को अच्छे से धोकर और छिलकर ही इस्तेमाल करें। स्ट्रीट फूड अवॉइड करें साथ ही बाहर के कटे हुए फल और सलाद भी अवॉइड करें। खाने को ढ़ककर रखें और केवल ताजा खाना खाएं।
हाइजीन मेंटेन रखें
पेट के इंफेक्शन से बचने के लिए हाइजीन मेंटेन करें। खुद भी खाने से पहले या खाने के बाद हाथ को अच्छे से साफ करें। अपने साथ हेंड सैनिटाइजर रखें। किसी भी चीज को छुने के बाद सैनिटाइजर जरूर इस्तेमाल करें।
इसे भी पढ़ें- वॉकिंग और जॉगिंग: बरसात के मौसम में क्या ज्यादा सुरक्षित है? जानें एक्सपर्ट से
ताजा और गर्म खाना खाएं
कई बार बचा हुआ खाना हम फ्रिज में रख देते हैं। दो से तीन घंटे पहले बना खाना आप खा सकते हैं। लेकिन अगर खाने को बने हुए कई घंटे हो चुके हैं, तो ये सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए बरसात के मौसम में केवल ताजा बना हुआ खाना खाएं। ठंडी चीजों के सेवन से भी पेट में इंफेक्शन बढ़ सकता है। इसलिए केवल गर्म और उबालकर ही खाना खाएं।
हर्बल टी पिएं
अपनी डाइट में कोई हर्बल टी जरूर शामिल करें। मानसून में आप अदरक, काली मिर्च और हल्दी, तुलसी की चाय पी सकते हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो इंफेक्शन का खतरा कम करते हैं।
इम्यूनिटी पर ध्यान दें
बरसात के मौसम में तली-भूनी और मसालेदार चीजें लोग ज्यादा खाते हैं। लेकिन ये चीजें डाइजेशन खराब कर सकती हैं और इम्यूनिटी वीक हो सकती है। इसलिए बरसात के मौसम में डाइट को बैलेंस्ड रखना बहुत जरूरी है। बरसात के मौसम में हाइड्रेट रहें और डाइट में इम्यूनिटी बूस्टिंग फूड्स जैसे अदरक, हल्दी, लहसुन और विटामिन सी वाले फूड्स जरूर शामिल करें। इस दौरान तला-भूना और मसालेदार खाना कम ही खाएं।
आसपास साफ-सफाई रखें
कई बार इंफेक्शन का कारण हमारा खानपान नहीं बल्कि आसपास की चीजें होती हैं। खाने को ठीक से स्टोर करें जिससे खाना खराब न हो। किचन की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें जिससे बैक्टीरिया या फंगस न पनपें। अपने नेल्स काटकर रखें क्योंकि गंदे नेल्स के कारण भी बैक्टीरिया पनपते हैं।
FAQ
बरसात के मौसम में पेट खराब क्यों होता है?
बरसात के मौसम में तला-भूना और मसालेदार खाना ज्यादा खाने से पेट खराब हो सकता है। ऐसे में ठंडी चीजें खाने, बाहर का खाने खाने या साफ-सफाई का ध्यान न रखने से परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, ज्यादा देर रखा हुआ खाना भी पेट खराब कर सकता है।बारिश के मौसम में पाचन क्रिया को कैसे सुधारें?
बारिश के मौसम में पाचन क्रिया सुधारने के लिए हल्का और ताजा खाना खाएं। ऐसे में तली-भूनी और मसालेदार चीजें न खाएं। हींग, जीरा, सौंफ, दालचीनी, अदरक, हल्दी, लहसुन जैसे प्राकृतिक मसाले इस्तेमाल करें। पाचन स्वस्थ रखने के लिए गुनगुना पानी पिएं और गर्म खाना खाएं।बारिश के मौसम में कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं?
बारिश के मौसम इम्यूनिटी कमजोर होने से कई समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में स्किन और स्कैल्प इंफेक्शन हो सकता है। कुछ लोगों को पेट में इंफेक्शन या पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। इस मौसम में बुखार, खांसी-जुकाम और फ्लू लोगों को ज्यादा होता है।