फोबिया एक तरह की मानसिक समस्या है जिसमें व्यक्ति को किसी न किसी चीज का डर सताता रहता है, फोबिया कई प्रकार के हाते हैं, इस लेख में हम जिस फोबिया के बारे में बात करेंगे वो है कार्डियोफोबिया। कार्डियो का मतलब है दिल से संबंधित और फोबिया का मतलब है डर लगना यानी दिल से जुड़ी बीमारी जैसे हार्ट अटैक आने का भय होना। कार्डियोफोबिया के लक्षण, कारण और उपाय पर हम आगे बात करें। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के पल्स हॉर्ट सेंटर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक शुक्ला से बात की।
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डॉ अभिषेक शुक्ला ने बताया कि कार्डियोफोबिया होने पर हमारे दैनिक कार्य में रुकावट पड़ सकती है। क्लीनिक में कई मरीज ऐसे आते हैं जिन्हें हम टेस्ट के जरिए ये सुनिश्चित करते हैं कि वो पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं पर बीमारी के डर से वे बार-बार टेस्ट करवाने के लिए परेशान रहते हैं, ऐसे मरीजों को हम काउंसलिंग सेशन लेने की सलाह देते हैं। चेस्ट में पेन होने से या ऑर्म में पेन होने से ऐसे लोगों को डर लगता है कि कहीं हार्ट की बीमारी न हो गई हो। ऐसे लोग इमरजेंसी में ईसीजी करवाने जा सकते हैं। किसी परिचित की डेथ न्यूज सुनने के बाद या किसी बीमारी व्यक्ति को देखने के बाद ऐसी समस्या हो सकती है।
कार्डियोफोबिया है दिल के दौरे का डर (Cardiophobia in hindi)
कार्डियोफोबिया भी एक प्रकार का डर है जिसमें व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने का भय सताता रहता है। इसके चलते अगर हार्ट की गति या दिल से जुड़े हल्के बदलाव में भी व्यक्ति बुरी तरह से डर जाता है। कार्डियोफोबिया होने पर आपको हार्ट में कोई भी परिवर्तन होने पर घबराहट हो सकती है या दिल का दौरा पड़ने का भय महसूस हो सकता है।
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कार्डियोफोबिया के लक्षण (Cardiophobia symptoms)
कार्डियोफोबिया के मरीजों में एंग्जाइटी के कारण लक्षण नजर आते हैं। ज्यादा गौर पड़ने पर एंग्जाइटी लक्षण बढ़ा सकती है। ऐसे लोग अकेले बाहर जाना या ड्राइव करना बंद कर देते हैं। कार्डियोफोबिया की समस्या होने पर ये लक्षण नजर आ सकते हैं-
- चक्कर आना।
- दिल की धड़कन तेज होना।
- हाइपरटेंशन की समस्या।
- पसीना आना।
- बेहोशी आना।
- कंपकंपी होना आदि।
- सारे टेस्ट के बाद भी अगर आपको लग रहा है तो आपको हार्ट की डिसीज है तो ये कार्डियोफोबिया के लक्षण हो सकते हैं।
कार्डियोफोबिया के कारण (Cardiophobia causes)
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अगर आप कार्डियोफोबिया के शिकार हैं तो आपको इसके सटीक कारण का पता नहीं चलेगा, इस तरह के फोबिया के सटीक कारणों का पता लगाना मुश्किल होता है पर कुछ कारण हो सकते हैं जैसे-
- कार्डियोफोबिया का कोई एक कारण नहीं है, ऐसा माना जाता है कि इसके कई कारण हो सकते हैं।
- हो सकता है कि बचपन में हुई किसी घटना के कारण आपके मन में हार्ट अटैक का डर बना हो।
- अगर आपके अंदर या किसी परिचित में ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो भी आपको हार्ट की बीमारी का डर सता सकता है।
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कार्डियोफोबिया का इलाज (Cardiophobia treatment)
ऐसे लोग अपने शरीर में हार्ट के लक्षण ढूंढते रहते हैं। एंग्जाइटी की दिक्कत होने पर आपको ये लक्षण ज्यादा होने लगते हैं और एंग्जाइटी और बढ़ने के कारण हार्ट रेट बढ़ जाता है फिर पसीना आना या हार्ट रेट बढ़ने की समस्या हो सकती है। इलाज में-
- फोबिया के उपचार के लिए एक्सपोजर तकनीक फायदेमंद मानी जाती है।
- कार्डियोफोबिया के इलाज के लिए आपको साइकोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए।
- हार्ट की अच्छी सेहत सुनिश्चित करने के लिए आप साल में दो बार चेकअप करवा सकते हैं इससे आपको भी हार्ट की बीमारी होने का डर नहीं रहेगा।
आपको रोजाना डीप ब्रीदिंंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन की सहायता लेनी चाहिए, अगर आप हाइपरटेंशन के मरीज हैं तो आप मेडिटेशन के लिए किसी एक्सपर्ट की मदद लें। आपको मेडिकल ट्रीटमेंट में दवा, थैरेपी, काउंसलिंग आदि की मदद लेनी पड़ सकती है। इससे आपकी एंग्जाइटी कम होगी।
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