Can You Spoil Your Baby By Picking Them Up: पेरेंटिंग आज के समय में काफी मुश्किल हो गई है। छोटे परिवार और माता-पिता दोनों के वर्किंग होने का प्रभाव बच्चे की परवरिश पर भी पड़ता है। ऐसे में अक्सर जब छोटे बच्चे रोते हैं तो उनके माता-पिता तुंरत उन्हें गोद में उठा लेते हैं। बार-बार बच्चे को गोद में उठाने पर अक्सर लोग उन्हें बार-बार बच्चे को गोद में न उठाने की सलाह देते हैं। दरअसल कई लोगों का मानना है कि बच्चों को गोद में उठाने से आप उनकी आदतों को बिगाड़ रहे हैं, जिस कारण कई पेरेंट्स अपने बच्चे को गोद में लेने से बचते हैं। ऐसे में आइए दिल्ली के शाहदरा में स्थित एस.डी.एन. अस्पताल के पीडीअट्रिशन डॉ. ललित हरि प्रसाद सिंह से जानते हैं कि क्या सच में बच्चे को गोद में लेने से वे बिगड़ जाते हैं? ( Is it bad to pick up a baby too much?)
क्या बार-बार गोद में उठाने से बच्चा बिगड़ता है? - Can You Spoil A Baby By Holding Them in Hindi?
बार-बार बच्चे को गोंद में लेने से वह बिगड़ता नहीं है, बल्कि इमोशनली मजबूत बनता है। डॉक्टर के अनुसार जब आप रोते हुए बच्चे को तुरंत गोंद में उठाते हैं तो उसे यह विश्वास होता है कि आप उसकी जरूरतों को समझें और उसे पूरा करने की कोशिश करेंगे। यह विश्वास आगे चलकर उसकी आत्मनिर्भरता को मजबूत करता है। दरअसल, नवजात शिशुओं के पास अपनी जरूरतों को जताने या समझाने का एक ही तरीका होता है-रोना। जब बच्चे को भूख लगती है, असुविधा महसूस होती है, डायपर ज्यादा भर जाता है या सिर्फ मम्मी-पापा की गोद चाहता है तो वह रोता है। रोना बच्चे के लिए अपनी बात बताने आप तक पहुंचाने का एक मात्र तरीका होता है। इस समय उसे किसी अनुशासन की जरूरत नहीं होती है, बल्कि माता-पिता की जरूरत होती है।
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बच्चे को गोद में उठाने के फायदे - Benefits Of Holding Up Your Baby in Your Arms in Hindi
बच्चे को गोद में लेने से वो बिगड़ते नहीं हैं, बल्कि यह फायदेमंद हो सकता है, जैसे-
1. भावनात्मक जुड़ाव
जब बच्चा मां या पिता की गोद में होता है, तो वह उनके दिल की धड़कन, आवाज और खुशबू को महसूस करता है। इससे बच्चा सुरक्षित और अपने माता-पिता से जुड़ा हुआ महसूस करता है।
2. तनाव कम होता है
कई रिसर्च में पाया गया है कि जब नवजात शिशु को छुआ जाता है या गोद में लिया जाता है तो उनके शरीर में कोर्टिसोल यानी तनाव हार्मोन का लेवल कम हो जाता है, जिससे उन्हें रिलेक्स महसूस होता है।
3. दिमाग का तेज विकास
गोद में रहकर बच्चा दुनिया को सुरक्षित नजरिए से देखता है, जिससे उसका दिमाग ज्यादा खुलकर विकसित हो पाता है।
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4. नींद और भूख में सुधार
माता-पिता के गोद में आते ही बच्चा जल्दी शांत हो जाता है, जिससे उसे बेहतर नींद आने और ठीक तरह से दूध पीने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
बच्चे को गोद में उठाने से वह बिगड़ता नहीं, बल्कि इमोशनली ज्यादा मजबूत बनता है। माता-पिता की गोद बच्चे को लिए एक सुरक्षित स्थान होता है। शुरुआती सालों में बच्चे को जो प्यार, स्पर्श और लाड माता-पिता से मिलता है, वो बच्चे के पूरे जीवन के भावनात्मक नींव को बनाता है। इसलिए अगली बार जब कोई कहे कि आप अपने बच्चे को गोद में उठाकर उसे बिगाड़ रहे हैं तो उनकी बात को नजरअंदाज करें और अपने बच्चे को बहुत प्यार दें।
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FAQ
पॉजिटिव पेरेंटिंग क्या है?
पॉजिटिव पेरेंटिंग शिशु के पालन-पोषण का एक तरीका है, जिसमें बच्चों को प्यार, सपोर्ट और सम्मान के साथ बड़ा करने की कोशिश की जाती है।शिशु की देखभाल कैसे की जाती है?
शिशु की देखभाल करने के लिए सबसे पहले उसे साफ और सुरक्षित माहौल देने की कोशिश करें। इसके लिए आप उनके बिस्तर, डायपर और नहलाने पर ध्यान दें। इसके अलावा उन्हें सही पोषण देना और प्यार करना बहुत जरूरी है।बेबी मसाज में क्या नहीं करना चाहिए?
बेबी मसाज करते समय आपको शिशु को निपल को दबाने से बचें, क्योंकि इससे उनके ब्रेस्ट में दर्द, जलन और रेडनेस हो सकती है।