उम्र बढ़ने का अर्थ है किसी व्यक्ति में बहुत सारे शारीरिक बदलाव होना, उनका मेटाबॉलिज्म कमजोर होना, उनके बायोलॉजिकल फंक्शनों का कम होना आदि। टेलोमेरेस अर्थात क्रोमोसोम्स की पूंछ का छोटा होना भी उम्र के बढ़ने के साथ ही जुड़ा हुआ है। हमारे शरीर के सेल्स पर भी हमारी बढ़ती उम्र का असर पड़ता है। बहुत सी सेल्स अपना फंक्शन अच्छे से नहीं कर पाती हैं या बहुत सी सेल्स तो फंक्शन करने के लायक ही नहीं रहती। तो जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हम स्वस्थ रहने के लिए अपने आप को एक हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर ले जा सकते हैं व अपनी हेल्थ केयर को बढ़ा सकते हैं। भारत में किसी व्यक्ति की औसत उम्र जन्म से 65 वर्ष से ऊपर मानी जाती है। जिसमें महिलाओं की उम्र औसतन 70 से कुछ ज्यादा जबकि पुरुषों की 65.8 वर्ष से कुछ ऊपर मानी जाती है। लेकिन क्या लंबे समय तक जीना बिना हेल्दी लाइफ के कोई मायने रखता है। शरीर क्रिया विज्ञान का थोड़ा बहुत ज्ञान हमें जीवन की गुणवत्ता को जानने में बहुत मदद करता है। तो आइए जानते हैं एक गुणवत्ता भरा जीवन जीने के लिए व अपनी सेहत पर ध्यान देने के लिए आपको किन चीजों की आवश्यकता पड़ेगी।
हेल्दी एजिंग के लिए क्या करें? (Tips of healthy aging)
यदि आप हेल्दी रूप से एजिंग करना चाहतें हैं तो उसके लिए आपको निम्न चीजों की आवश्यकता पड़ेगी। बीमारियों का न होना, किसी बीमारी से संबंधित कोई डिसेबिलिटी न होना, शरीर की हाई फंक्शन करने की क्षमता होना, सक्रिय जुड़ाव। शारीरिक और मानसिक क्षमता का होना, बाहरी वातावरण व जज्बाती रूप से ठीक होना व पोषण आदि कुछ फैक्टर्स हैं जो आपकी उम्र बढ़ने के साथ साथ आपकी सेहत को प्रभावित करते हैं। इस दौरान हेल्दी खाना व नियमित रूप से एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी होता है।
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1. नियमित व्यायाम (Regular Exercise)
स्टडीज के मुताबिक जो लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं वह हृदय रोगों से बचे रहते हैं। इससे आपका गठिया भी ठीक रहता है और आपकी मानसिक सेहत भी बढ़िया रहती है। यदि आप शारीरिक गतिविधि करते हैं तो इससे आपको हिलने डुलने में भी आसानी रहती है व यह आपको बहुत सी बीमारियों से भी बचाता है।
2. आत्म निर्भरता (Self-perception)
एक व्यक्ति की पहचान उसके द्वारा किए गए कामों के आधार पर भी की जा सकती है। जब वृद्ध अपनी जॉब से रिटायर हो जाते हैं तो वह एक प्रकार से अपनी पहचान ही खो देते हैं। यह चीज भी हमारे आत्म विश्वास पर गहरा प्रभाव डालती है। पुरुषों के लिए उनकी प्रोफेशनल व सोशल लाइफ एक साथ संभालना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। जबकि महिलाएं इस काम को बखूबी संभाल लेती हैं। वह घर का काम संभालने के साथ साथ अपने परिवार को भी संभाल लेती हैं। इन सभी के कारण ही महिलाओ की औसत उम्र पुरुषों से ज्यादा होती है।
3. सोशल एक्टिविटी (Social Activities)
बहुत बार यह देखने को मिलता है की वृद्ध लोगों का बहुत सी गतिविधियों में भाग लेना जैसे ग्रुप में भाग लेना, सोशल इंगेजमेंट आदि भी उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती हैं। संयुक्त परिवार में रहने वाले वृद्ध भी स्वयं को बहुत अकेला महसूस करते हैं, जिस कारण उन्हें डिप्रेशन का शिकार होना पड़ता है। सामूहिक गतिविधियों में शामिल होना कई बार उन्हें इस स्थिति से राहत दिलाने में महसूस कर सकता है।
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हेल्दी एजिंग किस प्रकार होती है? (Healthy aging process)
यदि आपके घर में कोई बुजुर्ग हैं तो आप उन्हें उनके काम स्वयं करने को सौंप सकते हैं। यह उन्हें एक्टिव व फिट रखने में मदद करेगा। आप उनका रूटीन बना सकते हैं और उन्हें रोजाना के कुछ काम सौंप सकते हैं। उनके रिटायर होने से पहले आप उन्हें किसी नई हॉबी या पैशन को तलाशने को बोल सकते हैं। ताकि वह रिटायर होने के बाद स्वयं को अकेला महसूस न करें और बोर भी न हो।
इन उपायों से आप हेल्दी एजिंग सुनिश्चित कर सकते हैं। फिट रहें और हेल्दी रहें इसका इफेक्ट स्किन पर नजर आएगा।
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