
मेनोपॉज के बाद स्किन से जुड़ी समस्याओं के लिए क्या करें? अगर आप महिला हैं तो ये सवाल आपके मन में भी आता होगा। मेनोपॉज अक्सर 47 से 52 साल के बीच होता है। जब लगातार 12-24 महीने पीरियड्स न हो तो उसे मेनोपॉज कहा जाता है। ये एक ऐसा समय है जिससे आपको भी कभी न कभी गुजरना पड़ेगा या अगर अभी आप उस दौर से गुजर रही होंगी तो अपने अपनी स्किन में फर्क महसूस किया होगा। मेनोपॉज के दौरान या बाद में स्किन ड्राय होने लगती है, झुर्रियां पड़ने लगती हैं, स्किन सेल्स डैमेज हो जाते हैं, आंखों के नीचे काले घेरे आने लगते हैं। मेनोपॉज के बाद या उस दौरान इस तरह की स्किन प्रॉब्लम का होना आम बात है। इससे बचने के लिए आपको अपनी स्किन और बालों का अच्छी तरह ख्याल रखना है। हेल्दी डाइट, अच्छे रूटीन और स्किन केयर टिप्स जैसे सनस्क्रीन का इस्तेमाल या स्किन को हाइड्रेट रखकर आप स्किन प्रॉब्लम से खुद को बचा सकती हैं। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने ओम स्किन क्लीनिक, लखनऊ के वरिष्ठ कंसलटेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ देवेश मिश्रा से बात की।
1. मेनोपॉज के बाद स्किन एजिंग प्रॉब्लम (Treatment of skin ageing after menopause)
मेनोपॉज के बाद हॉर्मोनल चेंज होता है जिस कारण स्किन एजिंग प्रॉब्लम तेजी से बढ़ने लगती है। इसकी रफ्तार धीमी रखने के लिए आपको शरीर में कोलेजन का लेवल बढ़ाना होगा। कोलेजन एक तरह का प्रोटीन है जो हमारी त्वचा में पाया जाता है। ये हमारी त्वचा और मांसपेशियों को आपस में जोड़कर रखने का काम करता है। कोलेजन त्वचा को जवां रखता है और स्किन को टाइट बनाता है। मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हॉर्मोन का स्तर घटने के साथ कोलेजन भी कम होने लगता है जिस कारण से स्किन की इलास्टिसिटी कम होने लगती है। त्वचा भी सूख जाती है और गाल, गर्दन पर फाइन लाइंस नजर आने लगती है इसलिए आपको कोलेजन को बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। कोलेजन का स्तर बढ़ाने के लिए आप सिट्रिक फ्रूट्स, बींस, काजू, मछली, अंडा, चिकन खा सकती हैं। इसके साथ ही आपको ध्यान रखना है कि त्वचा साफ रहे। दिन में कम से कम 2 बार चेहरे को अच्छी तरह धोकर मॉइश्चराइजर लगाएं ताकि नमी बरकरार रहे।
2. मेनोपॉज के बाद स्किन को डिहाइड्रेट न होने दें (Hydrate your skin after or during menopause)
मेनोपॉज के बाद या उस दौरान महिलाएं ड्राय स्किन की शिकायत करती हैं। स्किन डिहाइड्रेट होने के कारण ड्राय महसूस होती है। आप ऐसे स्किन प्रोडक्ट का चयन कर सकती हैं जिनमें हाइल्यूरोनिक एसिड हो। वैसे तो ये हमारी स्किन में नैचुरली पाया जाता है। इस एसिड का काम है हमारी स्किन को हाइड्रेट रखना पर मेनोपॉज के बाद ये एसिड बनना बंद हो जाता है जिससे बचने के लिए आप इसे अच्छे जैल या क्रीम से ले सकती हैं। अगर आपकी स्किन सेंसेटिव है तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही कोई प्रोडक्ट इस्तेमाल करें। इसके अलावा स्किन को साफ करने के लिए आप क्रीमी क्लींजर का इस्तेमाल करें। फोम या जैल क्लींजर आपकी स्किन को और भी ड्राय बना सकता है क्योंकि उसमें हाइड्रोक्सी एसिड जैसे एक्टिव तत्व मौजूद होते हैं। रात को सोने से पहले आम मॉइश्चराइजर लगाने के बजाय आप नाइट क्रीम का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही आप त्वचा पर नैचुरल चीजों का इस्तेमाल करें जैसे खीरा पैक, हल्दी-बेसर पैक, एलोवेरा पैक आदि।
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3. मेनोपॉज के बाद झड़ते और बेजान होते बालों का उपाय (Treatment of hairfall after menopause)
मेनोपॉज के बाद स्किन के साथ-साथ बालों की देखभाल भी बहुत जरूरी है। मेनोपॉज के बाद बहुत सी महिलाएं बाल झड़ने की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास जाती हैं। मेनोपॉज के बाद बाल तेजी से झड़ने लगते हैं। अगर आप ध्यान नहीं देंगी तो बाल झड़ने के साथ बेजान भी हो जाएंगे। इसलिए ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जरूर मिलें। इसके साथ ही डाइट में आंवले का एड करें। हर दिन एक आंवला जरूर खाएं या आंवले का जूस भी पी सकती हैं। गाजर और पपीते का सेवन भी बालों के लिए लाभदायक होता है। इसके साथ ही आपको पानी की कमी से भी बचना है। दिन में 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं। इससे आपका मेटाबॉलिज्म अच्छा रहेगा और स्किन व बाल हेल्दी रहेंगे। नींद पूरी न होने के कारण भी डॉर्क सर्कल या बाल झड़ने जैसी समस्या होती है इसलिए आप 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें। इससे स्किन एजिंग की समस्या भी दूर होगी।
4. मेनोपॉज के बाद मसल्स लॉस के लिए क्या करें? (Treatment of muscle loss after menopause)
मेनोपॉज के बाद मसल्स लॉस की समस्या बनने लगती है। मांसपेशियां पतली होने लगती हैं। इसका असर चेहरे पर भी दिखता है। स्किन ढीली हो जाती है। अगर आपको इस समस्या से छुटकारा चाहिए तो प्रोटीन रिच डाइट का सेवन करें। अंडे प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं। अंडे के साथ हरी पत्तेदार सब्जियों वाला सलाद खाएं या एक कटोरी दाल पिएं। अगर आपको थॉयराइड या कोई अन्य समस्या है तो अपनी डाइट तय करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। एक स्टडी के मुताबिक अगर रोज प्रोटीन का सेवन किया जाए तो मसल्स लॉस से छुटकारा मिलता है। प्रोटीन को डाइट में शामिल करने के लिए आप नट्स, मीट, फिश या डेयरी प्रोडक्ट्स भी खा सकती हैं। इसके अलावा आपको इस बात का भी ध्यान रखना है खाने को स्किप न करें। खाना स्किप करने से बॉडी को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा अगर आप मेनोपॉज से गुजर रहीं हैं तो डाइट में शुगर को बिल्कुल बंद कर दें और रिफाइंड कार्ब का सेवन भी रोक दें। इससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
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5. मेनोपॉज के बाद स्किन सेल डैमेज होने से बचाएं (Treatment of skin damage after menopause)
मेनोपॉज के बाद या उस समय स्किन को संभालना थोड़ा मुश्किल होता है इस समय आपको स्किन के सेल्स को डैमेज होने से बचाना है जिसको सबसे ज्यादा इफेक्ट कर सकती हैं यूवी रेज़। सेंसेटिव स्किन अगर यूवी रेज़ के संपर्क में आती है तो वो स्किन सेल्स को अंदर से नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए आपको धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगानी है। ऐसा जरूरी नहीं है कि आप घर से बाहर न जाती हों तो आपको सनस्क्रीन की जरूरत नहीं है। यूवी रेज़ हर जगह मौजूद होती हैं। आपको सूर्य कि किरणों से बचने के लिए घर पर भी सनस्क्रीन लगानी है। सुबह उठकर चेहरा साफ करके आप सनस्क्रीन लगा सकती है। हमारी स्किन में मौजूद एस्ट्रोजन हॉर्मोन का काम होता है त्वचा को यूवी रेज़ से बचाना पर उम्र बढ़ने के साथ ये हॉर्मोन धीरे-धीरे कम होने लगता है इसलिए बढ़ती उम्र के साथ आपको अपनी त्वचा को डैमेज होने से बचाना है। आप हर दिन के लिए कोई सनस्क्रीन चुन रही हैं तो एसपीएफ 30 चुन सकती हैं।
मेनोपॉज एक नाजुक समय होता है ऐसे में हेल्दी डाइट लें और नींद पूरी जरूर करें ताकि आपकी स्किन को भी जरूरी पोषण मिल सके।
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