माता-पिता बनने की ख्वाहिश हर किसी की होती है, लेकिन कई बार इनफर्टिलिटी (Infertility) यानी बांझपन के कारण यह सपना अधूरा रह जाता है। इनफर्टिलिटी की समस्या खानपान में गड़बड़ी, खराब जीवनशैली, स्वास्थ्य से जुड़े कारण और जेनेटिक कारणों से होती है। हॉर्मोनल असंतुलन, फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज समेत कई गंभीर समस्याओं के कारण इसका खतरा रहता है। लेकिन कुछ शोध और अध्ययनों में यह भी कहा गया है कि शरीर में विटामिन डी की कमी के कारण भी अप इनफर्टिलिटी की समस्या के शिकार हो सकते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, आखिर विटामिन डी की कमी फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करती है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए?
क्या विटामिन डी की कमी से बांझपन होता है?- Can Vitamin D Deficiency Cause Infertility?
शरीर को सही ढंग से कामकाज करने औ फिट व हेल्दी रहने के लिए कई तरह के विटामिन और मिनरल्स की जरूरत होती है। विटामिन कई तरह के होते हैं, इनमें से ही एक विटामिन डी भी है। विटामिन डी हड्डियों को मजबूत रखने, शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को ठीक रखने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। स्टार मैटरनिटी हॉस्पिटल की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ विजय लक्ष्मी कहती हैं, "विटामिन डी की कमी महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है। विटामिन डी की कमी से ओवुलेशन की प्रक्रिया प्रभावित होती है और गर्भधारण करने में परेशानियां हो सकती हैं।"
महिलाओं में विटामिन डी की कमी और इनफर्टिलिटी
महिलाओं में, विटामिन डी की कमी ओवुलेशन (Ovulation) यानी अंडोत्सर्ग की प्रक्रिया को प्रभावित हो सकती है। ओवुलेशन के दौरान, अंडाशय से एक परिपक्व अंडा निकलता है। विटामिन डी की कमी से अंडाशय के रोम छिद्रों में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है, जो ओवुलेशन को प्रभावित कर सकता है।
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इसके अलावा, विटामिन डी की कमी गर्भाशय की परत को प्रभावित कर सकती है, जिससे गर्भाधान की प्रक्रिया में दिक्कत आ सकती है। विटामिन डी की कमी और पीसीओएस (PCOS) यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के बीच भी संबंध होता है। पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला के अंडाशय में कई छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिससे अनियमित पीरियड्स और इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।
पुरुषों में विटामिन डी की कमी और इनफर्टिलिटी
पुरुषों में, विटामिन डी की कमी शुक्राणु (Sperm) की गुणवत्ता और मात्रा को प्रभावित कर सकती है। विटामिन डी, शुक्राणु गतिशीलता और शुक्राणुओं को बेहतर बनाने में मदद करता है। विटामिन डी की कमी से शुक्राणु कमजोर और असामान्य आकार के हो सकते हैं, जिससे गर्भधारण में दिक्कत आ सकती है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण- Vitamin D Deficiency Symptoms in Hindi
विटामिन डी की कमी के कई लक्षण हो सकते हैं, जो अलग-अलग लोगों में अलग हो सकते हैं। विटामिन डी की कमी होने पर दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- लगातार थकान महसूस होना
- शरीर में दर्द और मांसपेशियों में जकड़न
- हड्डियों का कमजोर होना
- बार-बार संक्रमण होना
- घाव भरने में देरी
- डिप्रेशन या चिंता
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शरीर में विटामिन डी की कमइ पूरा करने के लिए डाइट में विटामिन डी की अच्छी मात्रा वाले फूड्स शामिल करें। इसके अलावा एक्टिव जीवनशैली और हेल्दी डाइट का सेवन नियमित रूप से जरूर करें। इनफर्टिलिटी एक गंभीर समस्या है, इसे ठीक करने के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह लेकर उचित कदम उठाएं।
(Image Courtesy: freepik.com)
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