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क्या बच्चेदानी में गांठ का इलाज बिना ऑपरेशन के किया जा सकता है? डॉक्टर से जानें

बच्चेदानी में गांठ की समस्या का इलाज बिना ऑपरेशन के भी हो सकता है। आइए जानते हैं कब और कैसे ?
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क्या बच्चेदानी में गांठ का इलाज बिना ऑपरेशन के किया जा सकता है? डॉक्टर से जानें


गर्भाशय फाइब्रॉएड, या लेयोमायोमा, यानी बच्चेदानी में गांठ एक ट्यूमर हैं, जो हाइपरएस्ट्रोजेनिज्म और आनुवंशिक जैसे हार्मोनल असंतुलन के कारण गर्भाशय में होते हैं। बच्चेदानी में गांठ महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है। यह गांठ आपके गर्भाशय के अंदर या बाहर की दीवार पर हो सकती है। बच्चेदानी में गांठ का इलाज करवाने के लिए महिलाएं अक्सर सर्जरी करवाती हैं। वहीं, कुछ महिलाओं में यह सवाल भी रहता है कि क्या बिना सर्जरी बच्चेदानी में गांठ का इलाज संभव है। दरअसल, इसका इलाज पूरी तरह से महिला के शरीर में नजर आ रहे लक्षणों पर निर्भर करता है। ऐसे में आइए नारायण हेल्थ एसआरसीसी चिल्ड्रेंस अस्पताल की कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. रुजुल झावेरी से जानते हैं कि क्या बिना सर्जरी बच्चेदानी की गांठ का इलाज हो सकता है? 

क्या बच्चेदानी में गांठ का इलाज बिना सर्जरी संभव है?

बच्चेदानी में गांठ का इलाज आमतौर पर 30 से 50 साल की आयु की महिलाओं में किया जाता है, जो अक्सर पारिवार में किसी अन्य महिला के गर्भाशय में गांठ होने से भी जुड़ा होता है। यह गांठ कैंसर का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन हैवी पीरियड ब्लीडिंग, श्रोणि पर दबाव और प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं। हालांकि गांठ आमतौर पर किसी महिला के जीवन पर खतरा नहीं होते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना जान जाने के जोखिम को बढ़ा सकता है। गर्भाशय में गांठ के साइज पर यह बात निर्भर करती है कि इसका इलाज सर्जरी के द्वारा ही हो सकता है या नहीं। क्योंकि छोटी गांठों का इलाज या गांठ के लक्षणों को कम करने में नॉन सर्जरी भी फायदेमंद हो सकती है। 

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बिना सर्जरी बच्चेदानी में गांठ का इलाज

हार्मोन थेरेपी

बच्चेदानी में गांठ के लिए सबसे प्रभावी नॉन-सर्जिकल इलाजों में से एक हार्मोन थेरेपी है, जो गांठ को कम करने में मदद करता है। गोनैडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (GnRH) एगोनिस्ट का उपयोग आमतौर पर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को कम करने के लिए किया जाता है, जो गांठ के आकार को कम करता है। यह थेरेपी सर्जरी से पहले हैवी ब्लीडिंग और गांठ को कम करने में काफी उपयोगी है। 

दवाओं के साथ लक्षणों पर नियंत्रण

हार्मोन थेरेपी के अलावा, गर्भनिरोधक गोलियां या अन्य दवाओं की मदद से हैवी पीरियड ब्लीडिंग जैसे लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं। ये इलाज गांठ को कम नहीं करते हैं, लेकिन कुछ लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। 

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गर्भाशय धमनी एम्बोलाइजेशन (यूएई)

एक अन्य गैर-सर्जिकल विकल्प गर्भाशय धमनी एम्बोलाइजेशन (यूएई) है, जो एक इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें छोटे कणों को गांठ की सप्लाई करने वाली धमनियों में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे उनका ब्लड फ्लो बंद हो जाता है। पर्याप्त रक्त आपूर्ति के बिना, फाइब्रॉएड धीरे-धीरे सिकुड़ते हैं। 

निष्कर्ष

हार्मोन थेरेपी और गर्भाशय धमनी एम्बोलाइजेशन जैसे नॉन-सर्जिकल इलाज प्रभावी रूप से बच्चेदानी में गांठ के लक्षणों को कम कर सकते हैं और उनके आकार को कम कर सकते हैं, जिससे महिलाओं को इनवेसिव सर्जरी की आवश्यकता के बिना राहत मिल सकती है।

Image Credit: Freepik 

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