प्रेग्नेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड टेस्ट (Ultrasound) प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एक आम और बेहद जरूरी प्रक्रिया बन गई है। आजकल लगभग हर महिला प्रेग्नेंसी में कई बार अल्ट्रासाउंड कराती है ताकि बच्चे की सेहत और विकास की जानकारी मिल सके। अल्ट्रासाउंड के जरिए डॉक्टर बच्चे का वजन, अंगों का विकास, दिल की धड़कन और गर्भ की स्थिति आसानी से देख सकते हैं। लेकिन कई महिलाओं के मन में यह सवाल हमेशा बना रहता है कि क्या बार-बार अल्ट्रासाउंड करवाना सुरक्षित है? क्या इससे विकसित हो रहे बच्चे पर कोई नकारात्मक असर पड़ सकता है? कई बार सुनने में आता है कि ज्यादा अल्ट्रासाउंड से बच्चे में स्वास्थ्य समस्याएं या जन्मजात विकार हो सकते हैं। ऐसे में सही जानकारी जानना बेहद जरूरी है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर क्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन (Dr. (Col.) Gunjan Malhotra Sarin, Senior Consultant, Obstetrics and Gynecologist, Gynecology: Every Woman Matters Clinic, located in Anand Niketan, Delhi) से बात की-
क्या ज्यादा अल्ट्रासाउंड से बच्चे को नुकसान होता है? - Can Too Much Ultrasound Harm Developing Baby
डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन बताती हैं कि अल्ट्रासाउंड एक इमेजिंग तकनीक है, जिसमें ध्वनि तरंगों (sound waves) का इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रक्रिया रेडिएशन का इस्तेमाल नहीं करती, इसलिए इसे अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है। अल्ट्रासाउंड के जरिए डॉक्टर बच्चे का वजन, दिल की धड़कन, अंगों की स्थिति और गर्भ की स्थिति का पता लगा सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: कुछ अल्ट्रासाउंड टेस्ट्स से पहले खूब पानी पीने को क्यों कहा जाता है? जानें डॉक्टर से
- अल्ट्रासाउंड सामान्यतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन कहती हैं कि इसकी आवश्यकता से ज्यादा और बार-बार एक्सपोजर से कुछ रिस्क हो सकते हैं।
- अल्ट्रासाउंड के दौरान ध्वनि तरंगें ऊष्मा पैदा करती हैं। अत्यधिक और बार-बार टेस्ट से भ्रूण में हल्का तापमान बढ़ सकता है।
- जरूरत से ज्यादा अल्ट्रासाउंड की वजह से मां में चिंता और तनाव बढ़ सकता है, जो गर्भावस्था पर असर डाल सकता है।
गर्भवती महिलाओं को कितनी बार अल्ट्रासाउंड करवाना चाहिए? - How often should pregnant women have an ultrasound
इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में जेनेटिक डिसऑर्डर का पता लगाने के लिए कौन-से टेस्ट किए जाते हैं? डॉक्टर से जानें
हेल्दी प्रेग्नेंसी में 3-4 अल्ट्रासाउंड पर्याप्त माने जाते हैं-
- पहली तिमाही में होने वाले अल्ट्रासाउंड से गर्भस्थली की स्थिति, दिल की धड़कन और मल्टीपल प्रेग्नेंसी की जांच की जाती है।
- दूसरी तिमाही में भ्रूण के अंगों का विकास और जन्मजात असामान्यताओं की जांच की जाती है।
- तीसरी तिमाही में बच्चे की वृद्धि, अम्नियोटिक फ्लूड और प्लेसेंटा की स्थिति की जांच की जाती है।
- यदि डॉक्टर को कोई विशेष समस्या या रिस्क दिखाई दे, तो अतिरिक्त अल्ट्रासाउंड की जरूरत हो सकती है।
डॉक्टर की सलाह
हमेशा प्रमाणित और अनुभवी डॉक्टर या अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाएं और बिना चिकित्सक की सलाह के बार-बार अल्ट्रासाउंड न करवाएं। यदि किसी खास समस्या के कारण अतिरिक्त अल्ट्रासाउंड की जरूरत है, तो डॉक्टर से इसके फायदे और संभावित जोखिम की चर्चा करें।
निष्कर्ष
अल्ट्रासाउंड प्रेग्नेंसी में बच्चे की सेहत और विकास की जांच के लिए सबसे जरूरी है। जरूरत से ज्यादा और अनावश्यक बार-बार अल्ट्रासाउंड से हल्का जोखिम हो सकता है, लेकिन नियमानुसार और डॉक्टर की सलाह से किया गया अल्ट्रासाउंड पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को चाहिए कि वे केवल जरूरत के अनुसार अल्ट्रासाउंड करवाएं और किसी भी अनावश्यक टेस्ट से बचें। सही जानकारी और संतुलित तरीके से अल्ट्रासाउंड करवाने से मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा बनी रहती है।
All Images Credit- Freepik
FAQ
अल्ट्रासाउंड किस हफ्ते में सबसे जरूरी होता है?
सामान्य गर्भावस्था में पहली तिमाही (12 हफ्ते), दूसरी तिमाही (18-22 हफ्ते) और तीसरी तिमाही (28-32 हफ्ते) में अल्ट्रासाउंड करना पर्याप्त माना जाता है।क्या अल्ट्रासाउंड से जन्मजात विकार या विकास संबंधी समस्या हो सकती है?
अभी तक कोई रिसर्च इस बात की पुष्टि नहीं करती है। यदि अल्ट्रासाउंड डॉक्टर की सलाह से किया जाए तो यह सुरक्षित है।क्या बिना डॉक्टर की सलाह के अल्ट्रासाउंड करवा सकते हैं?
बिना डॉक्टर की सलाह के कभी भी अल्ट्रासाउंड नहीं करवाना चाहिए। हमेशा अल्ट्रासाउंड प्रमाणित और अनुभवी डॉक्टर या अस्पताल में करवाना चाहिए।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Sep 22, 2025 16:58 IST
Published By : Akanksha Tiwari