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क्या PCOS हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन सकता है? डॉक्टर से जानें दोनों रोगों से जुड़ी जरूरी बातें

पीसीओएस और हाइपोथायरायडिज्म महिलाओं में होने वाली समस्याएं हैं। ये दोनों एक-दूसरे से कैसे जुड़े हैं, जानें इसके बारे में-
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क्या PCOS हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन सकता है? डॉक्टर से जानें दोनों रोगों से जुड़ी जरूरी बातें


पीसीओएस और थायराइड में क्या संबंध है? क्या पीसीओएस, थायराइड का कारण बन सकता है? आजकल थायराइड और पीसीओएस महिलाओं में होने वाली बेहद सामान्य समस्याएं बन गई हैं। कई महिलाओं में पीसीओएस होने के बाद थायराइड या हाइपोथायरायडिज्म की समस्या देखने को मिलती है। मणिपाल हॉस्पिटल, बेंगलुरु के सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंबुजा गोविंदराज  (Dr Ambuja Govindraj, Consultant Obstetrics and Gynecologist, Manipal Hospital Yeshwanthpur, Bengaluru) बताते हैं कि पीसीओएस और हाइपोथायरायडिज्म एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। मासिक धर्म की अनियमितता और लगातार वजन बढ़ना पीसीओएस और हाइपोथायरायडिज्म दोनों के सामान्य लक्षण हैं। पीसीओएस पैदा करने वाले हाइपोथायरायडिज्म वाली महिलाओं में ऑटोइम्यून थायरायडिटिस बेहद आम है। पीसीओएस और थायराइड के लिए जेनेटिक या आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारक भी जिम्मेदार है। 

डॉक्टर अंबुजा गोविंदराज बताते हैं कि 20% पीसीओएस महिलाओं में थायरॉइड विकार होता है। इसके साथ ही हाइपोथायरायडिज्म भी पीसीओएस का कारण बनता है।  हाइपोथायरायडिज्म ग्लोब्युलिन को बांधने वाले सेक्स हार्मोन को कम करके और परिसंचरण में androstenedione को बढ़ाकर पीसीओएस जैसी स्थिति का कारण बनता है। यानी पीसीओएस, थायराइड का कारण बन सकता है और दूसरी तरह थायराइड भी पीसीओएस का कारण बन सकता है। डॉक्टर अंबुजा गोविंदराज बताते हैं कि अच्छा आहार या हेल्दी डाइट, नियमित शारीरिक गतिविधि और नियमित दवा लेने से पीसीओएस, थायराइड के लक्षणों में कमी की जा सकती है।

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पीसीओएस क्या है? (what is PCOS)

पीसीओएस यानी पॉली सिस्टिक अंडाशय या ओवरी सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जो महिलाओं के हॉर्मोन लेवल को प्रभावित करती है। यह स्थिति महिलाओं के हॉर्मोनल असंतुलन के कारण पैदा होती है। पीसीओएस में महिलाओं के शरीर में पुरुष हॉर्मोन एंड्रोजन का लेवल बढ़ जाता है। अंडाशय या ओवरी में एक से अधिक सिस्ट बनने लगते हैं। आजकल यह समस्या हर उम्र की महिलाओं में देखने को मिलती है। 15-30 साल की महिलाएं इस समस्या से अधिक प्रभावित होती हैं।

अनचाहे अंगों (जैसे ठोड़ा, चेहरे, छाती, पेट या पीठ) पर बालों का उगना, अचानक से उदास हो जाना, चिंता, तनाव में रहना, चिड़चिड़ा रहना, बार-बार गर्भपात होना, थकावट और कमजोरी महसूस करना, अंडाशय में सिस्ट, इंसुलिन प्रतिरोध, डिप्रेशन-एंग्जायटी और उच्च टेस्टोस्टेरॉन स्तर पीसीओएस के लक्षण हैं।

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थायराइड क्या है? (what is thyroid)

थायराइड गले में सामने की तरफ स्थित तितली के आकार की एक ग्रंथि है, जो थायराइड हॉर्मोन का उत्पादन करती है। जब थायराइड ग्रंथि थायराइड हॉर्मोन का उत्पादन बहुत अधिक मात्रा में करती है, तो इस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। इसके विपरीत जब थायराइड ग्रंथि थायराइड हॉर्मोन का उत्पादन बहुत कम करती है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं। इसके अलावा थायराइड ग्लैंड मनुष्य के द्वारा खाए गए भोजन को ऊर्जा में बदलने का भी कार्य करती है। थायराइड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म या चयापचय को भी नियंत्रण करती है। थायराइड पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होने वाली एक समस्या है, इसकी वजह से महिलाओं को कई अन्य तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। यानी थायराइड हॉर्मोन के असंतुलन होने पर महिलाओं को कई तरह की बीमारियां होने का भी जोखिम रहता है। 

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(image : healthywomen.org)

अत्यधिक थकान, बालों का झड़ना, अनियमित पीरियड्स या मासिक धर्म, तनाव-चिंता, बार-बार भूख लगना, वजन बढ़ना, अनिद्रा या अच्छी नींद न आना आदि थायराइड के लक्षण हैं। 

थायराइड और पीसीओएस आपस में जुड़े हुए हैं। ये दोनों के कुछ लक्षण भी एक समान होते हैं। थायराइड, पीसीओएस का कारण बनता है और पीसीओएस भी थायरायड या हाइपोथायरायडिज्म का कारण बनता है।

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पीसीओएस और थायराइड के लिए बचाव टिप्स

  • मोटापा पीसीओएस और थायराइड का एक मुख्य कारण है। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए आपको अपने वजन को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है।
  • पीसीओएस और थायराइड एक लाइफस्टाइल डिजीज है, इसलिए इससे बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली पर खास ध्यान देना चाहिए।
  • पीसीओएस और थायराइड से बचने शारीरिक रूप से सक्रिय रहना भी जरूरी है। इसके लिए आप एक्सरसाइज या वर्कआउट, योग करें। लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे न रहें। काम के दौरान नपर समय-समय पर ब्रेक लेते रहें।
  • इन दोनों समस्याओं से बचाव के लिए हेल्दी डाइट या अच्छा आहार जरूर लें। अनहेल्दी डाइट से दूरी बनाकर रखें।

पीसीओएस महिलाओं में होने वाली एक समस्या है। वही थायराइड की समस्या भी महिलाओं में ही अधिक देखने को मिलती है। ये दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, इसलिए आपको इनसे बचाव करना बहुत जरूरी है। जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या है, उन्हें हाइपोथायरायडिज्म का खतरा रहता है। वही जिन महिलाओं को हाइपोथायरायडिज्म की समस्या है, उन्हें पीसीओएस की समस्या भी हो सकती है। 

(main image : eatthis.com)

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