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क्या हाइपोथायरॉइडिज्म की वजह से एसिडिटी की समस्या हो सकती है? डॉक्टर से जानें

थायराइड की समस्या ज्यादातर अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलती है। इस लेख में जानते हैं कि क्या हाइपोथायराइडिज्म के कारण व्यक्ति में एसिडिटी की समस्या भी हो सकती है?
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क्या हाइपोथायरॉइडिज्म की वजह से एसिडिटी की समस्या हो सकती है? डॉक्टर से जानें


हमारे शरीर को सक्रिय बनाए रखने के लिए हार्मोन का संतुलित होना बेहद आवश्यक है। लेकिन, कई बार हार्मोनल बदलाव की वजह से अंगों की कार्य प्रणाली पर असर पड़ता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि गले में मौजूद थायराइड ग्लैंड शरीर में थायराइड हार्मोन बनाने में मदद करता है। शरीर में थायराइड हार्मोन का अधिक होना या कम होना दोनों ही शरीर के लिए हानिकारक होता है। थायराइड हार्मोन में अंसतुलन होने पर शरीर का वजन तेजी से बढ़ने या कम होने के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म (चयापचय) को नियंत्रित करता है, और जब ये हार्मोन कम बनते हैं तो इसे हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) कहा जाता है। कुछ लोगों में हाइपोथायराडिज्म की समस्या पाचन से जुड़ी एसिडिटी को जन्म दे सकती है। इस लेख में डॉ. सावन बोपन्ना, सीनियर कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट से जानते हैं कि हाइपोथायराइडिज्म किस तरह से एसिडिटी की वजह बन सकता है।

हाइपोथायरायडिज्म और एसिड रिफ्लक्स के बीच क्या संबंध है? - Connection Between Hypothyroidism And Acidity In Hindi

हाइपोथायरायडिज्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायरॉइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायरॉइड हार्मोन (T3 और T4) का निर्माण नहीं करती। इससे शरीर की मेटाबॉलिक क्रियाएं धीमी पड़ जाती हैं। इसमें व्यक्ति को थकान और सुस्ती, वजन बढ़ना, ठंड ज्यादा लगना, कब्ज, डिप्रेशन या मूड में बदलाव और ड्राई स्किन और बाल झड़ना की समस्या होती है।

कई स्टडीज और मेडिकल ऑब्ज़र्वेशन से ये स्पष्ट होता जा रहा है कि हाइपोथायरायडिज्म कई तरह से एसिड रिफ्लक्स को जन्म दे सकता है या उसे और खराब बना सकता है।

मेटाबॉलिज्म की धीमी गति

थायरॉइड हार्मोन पाचन तंत्र की मांसपेशियों को सामान्य रूप से काम करने में मदद करता है। जब ये हार्मोन कम हो जाते हैं, तो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की मसल एक्टिविटी धीमी हो जाती है, जिससे खाना पेट में ज्यादा देर तक रुकता है और एसिड ऊपर चढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।

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निचले इसोफैगस स्फिंक्टर (LES) की मांसपेशियों की कमजोरी

हाइपोथायरायडिज्म के कारण मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिसमें LES भी शामिल है। यदि यह स्फिंक्टर ढीला पड़ जाए तो पेट का एसिड ऊपर जा सकता है और व्यक्ति को खाने के बाद पेट में जलन महसूस होती है।

कब्ज की समस्या

हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है। जब आंतों में मल ज्यादा देर तक रुकता है, तो पेट पर दबाव बढ़ता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स की स्थिति बन सकती है। लंबे समय तक कब्ज की वजह से भी एसिडिटी हो सकती है।

वजन बढ़ना

थायराइड हार्मोन की कमी से वजन बढ़ना एक आम लक्षण है। मोटापा भी एसिड रिफ्लक्स के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है क्योंकि अतिरिक्त फैट पेट पर दबाव डालता है और इससे व्यक्ति को एसिडिटी की परेशानी हो सकती है।

हाइपोथायरोडिज्म में एसिडिटी से बचाव कैसे करें? - Prevention Tips Of Acidity During Hypothyroidism in Hindi

  • इस समस्या में आप डाइट में बदलाव करें और सुपाच्य आहार लेना शुरु करें।
  • इस दौरान वजन बढ़ने की समस्या से बचाव के लिए आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
  • रात का खाना खाने के तुरंत बाद न लेटें। इससे एसिड रिफ्लक्स की संभावना बढ़ सकती है।
  • इसके अलावा डॉक्टर के द्वारा बताई गई दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें।

इसे भी पढ़ें: थायराइड ग्लैंड रिमूव करने के बाद कैसे करें वजन कम? अपनाएं डॉक्टर के बताए ये 4 टिप्स

हाइपोथायरायडिज्म और एसिड रिफ्लक्स (एसिडिटी) दोनों अलग-अलग समस्याएं हैं, लेकिन शरीर की कार्यप्रणाली में इनका गहरा संबंध हो सकता है। थायराइड की समस्या होने पर पाचन क्रिया भी प्रभावित होती है, जिससे एसिडिटी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए अगर आपको बार-बार एसिडिटी की समस्या होती है और आपको सामान्य इलाज से भी आराम नहीं मिल पा रहा है, तो ऐसे में आप थायराइड की जांच करवा सकते हैं। जिन लोगों के घर में माता-पिता या अभिभावकों में से किसी को थायराइड की समस्या है उनको ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है।

FAQ

  • हाइपो थायराइड बढ़ने से क्या होता है?

    हाइपोथायराइड होने पर व्यक्ति को थकान, कमजोरी, वजन बढ़ना और कब्ज की समस्या हो सकती है।
  • हाइपोथायरायड में क्या क्या नहीं खाना चाहिए?

    आयोडीन युक्त नमक,सी फूड, जैसे खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं प्रोसेस्ड फूड में अत्यधिक मात्रा में सोडियम मौजूद होता है, जो थायराइड के लिए हानिकारक होता है।
  • हाइपोथायरायडिज्म से कौन से अंग प्रभावित होते हैं?

    हाइपोथायरायडिज्म हृदय और शरीर की कम्यूनिकेशन प्रणाली को कई तरह से प्रभावित कर सकती है। थायरॉइड हार्मोन का कम उत्पादन आपके हृदय की गति को धीमा कर सकता है।

 

 

 

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