Hypothyroidism in Hindi: थायराइड एक गंभीर बीमारी है, जो शरीर में हॉर्मोन असंतुलित होने के कारण शुरू होती है। थाइराइड ग्लैंड शरीर में आयोडीन की मदद से इन्हें इस हॉर्मोन को बनाते हैं। असंतुलित खानपान और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों के कारण यह बीमारी ज्यादातर लोगों में होती है। थायराइड ग्लैंड शरीर में गर्दन के नीचे मौजूद होती हैं। इसका फंक्शन प्रभावित होने पर यह स्थिति बनती है। थायराइड की समस्या दो तरह की होती है, एक हाइपोथायरायडिज्म और दूसरी हाइपोथायरायडिज्म। समय रहते हैं सही इलाज न मिलने पर यह बीमारी और गंभीर होने लगती है जिसकी वजह से मरीज की समस्याएं बढ़ जाती हैं। इस लेख आज हम जानेंगे कि हाइपो थायराइड क्या होता है और इस समस्या के लक्षण कैसे होते हैं?
हाइपो थायराइड क्या है?- What is Hypothyroidism in Hindi
शरीर में मौजूद थायराइड ग्लैंड दो तरह के हॉर्मोन बनाती हैं। पहला टी1 और दूसरा टी4 हार्मोन। जब इन हॉर्मोन का उत्पादन प्रभावित होता है तो थायराइड की समस्या शुरू होती है। जब शरीर में थायराइड हॉर्मोन का निर्माण प्रभावित होता है तो इसकी वजह से आपका मेटाबोलिज्म ही प्रभावित होता है। शरीर में जब थायराइड हॉर्मोन का निर्माण कम होने लगता है और इसकी वजह से थायराइड ग्लैंड अंडर एक्टिव हो जाती है, तो इस स्थिति को हाइपो थायराइड या हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। इसकी वजह से ग्लैंड में सूजन और कई अन्य परेशानियां होती हैं।
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हाइपो थायराइड के लक्षण- Hypothyroidism Symptoms in Hindi
थायराइड ग्लैंड के अंडर एक्टिव होने या शरीर में थायराइड हॉर्मोन का निर्माण कम होने पर हाइपो थायराइड की समस्या होती है। इसकी वजह से शरीर में दिखने वाले लक्षण इस तरह से होते हैं-
- वजन बढ़ना
- चेहरे पर सूजन
- बाल झड़ने की समस्या
- बहुत ज्यादा तनाव और थकान
- पीरियड्स का अनियंत्रित होना
- ठंड लगना
- मांसपेशियो में अकड़न
- हार्टबीट प्रभावित होना
- जोड़ों में दर्द और सूजन
- स्किन से जुड़ी समस्याएं
- कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना
- आवाज प्रभावित होना
हाइपो थायराइड से कैसे बचें?- Hypothyroidism Prevention And Treatment in Hindi
हाइपो थायराइड के लक्षण दिखने पर डॉक्टर सबसे पहले शरीर में टीएसएस, टी3 और टी4 की जांच करते हैं। गंभीर स्थिति में कई दूसरी जांच का भी इस्तेमाल किया जाता है। मरीज की स्थिति के आधार पर डॉक्टर इलाज करते हैं। इस समस्या में आपको लंबे समय तक कुछ सप्लीमेंट्स और दवाओं का सेवन करना पड़ता है।
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हाइपो थायराइड से बचने के लिए आपको खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। समय-समय पर थायराइड की जांच कराने से आप इस समस्या का गंभीर रूप से शिकार होने से बच सकते हैं। इसके अलावा महिलाओं को प्रेगनेंसी से पहल और इसके बाद थायराइड की जांच जरूर करानी चाहिए।
(Image Courtesy: Freepik.com)
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