विटामिन और मिनरल्स सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। हमारे शरीर के अंगों को कार्य के लिए एनर्जी की आवश्यकता होती है और उन्हें यह एनर्जी मिनरल्स और विटामिन्स से प्राप्त होती है। शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए कैल्शियम, फॉसफोरस, पोटेशियम, सोडियम, क्लोराइड, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, सल्फर, मैग्नीज और सेलेनियम आदि मिनरल्स की आवश्यकता है। दरअसल, शरीर में इन मनिरल्स का लेवल संतुलित और नियंत्रित होना बेहद आवश्यक है। इन मिनरल्स कम या ज्यादा होने से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में हम जिंक मिनरल की अधिकता के प्रभावों के बारे में बात कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो जिंक व्यक्ति की स्किन और इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए मददगार होता है। लेकिन, इसकी अधिकता से किडनी के कार्यों पर प्रभाव पड़ सकता है। दसअरल, जो लोग माइनिंग के काम में होते हैं, वह हवा के जरिए जिंक को ग्रहण कर सकते हैं। इससे शरीर में जिंक की अधिकता हो सकती है और यह किड़नी के कार्यों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
क्या जिंक की अधिकता से किडनी के कार्य प्रभावित हो सकते हैं?
शरीर के अन्य अंगों की तरह की किडनी भी हमारे स्वास्थ्य में अहम रोल अदा करती है। नारायणा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी डॉ. सुदीप सिंह सचदेव के अनुसार किडनी हमारे शरीर व खून से बढ़ते टॉक्सिक पदार्थों को फिल्टर करने का काम करती है। जबकि, कुछ मिनरल्स के लेवल में होने वाले बदलाव से किडनी के कार्य प्रभावित हो सकते हैं। डॉक्टर के अनुसार एक स्वस्थ व्यस्क को को दिन में कम से कम 8 से 12 मिलीग्राम जिंक की आवश्यकता होती है। स्टडी के अनुसार, आहार व अन्य चीजों से जिंक की अधिकता से शरीर में जिंक का लेवल बढ़ सकता है। इससे रक्त में क्रिएटिन के स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है। इसके लगातार बढ़े स्तर से किडनी की फिल्टर करने की क्षमता प्रभावित होती है, और कुछ मालमों में यह आगे चलकर किडनी को नुकसान पहुंचाने के कारण बन सकती है।
जिंक की अधिकता से किडनी प्रभावित होने पर क्या लक्षण देखाई देते हैं?
जिंक की अधिकता होने पर हर व्यक्ति को अलग-अलग तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। जिंक की अधिकता से किडनी प्रभावित होने पर व्यक्ति को पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें उल्टी, मितली, भूख कम लगना और मुंह में मेटेलिक टेस्ट बना रहता है। किडनी की समस्या की वजह से व्यक्ति को शरीर में दर्द और बुखार हो सकता है।
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जिंक की अधिकता से किडनी में सूजन और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। ऐसे में किडनी से जुड़े लक्षण महसूस होने पर आप उन्हें अनदेखा न करें और ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर इसकी पुष्टि के लिए ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। यदि, ब्लड सीरम टेस्ट का स्तर सामान्य से अधिक आता है, तो ऐसे में जिंक के लेवल को कम करने के लिए डॉक्टर आपको दवाओं दे सकते हैं।