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क्या शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने पर होने लगते हैं मुंहासे? जानें इन दोनों में संबंध

मुंहासे होने पर त्‍वचा पर नजर आने वाले दानों का कारण हार्मोनल प्रभाव हो सकता है। जानें शरीर में हार्मोनल बदलाव से एक्‍ने पर क्‍या असर पड़ सकता है।    
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क्या शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने पर होने लगते हैं मुंहासे? जानें इन दोनों में संबंध


क्‍या आपकी स्‍क‍िन में भी एक्‍ने बढ़ने लगे हैं? कई लोगों को प‍िंपल्‍स अक्‍सर परेशान करते हैं। प‍िंपल्‍स हो जाने पर दर्द और सूजन महसूस होती है। यह चेहरे के लुक को खराब कर देते हैं। एक्‍ने की समस्‍या बढ़ने का एक कारण हार्मोन में बदलाव हो सकता है। ऐसा माना जाता है क‍ि एस्‍ट्रोजन हार्मोन के कारण एक्‍ने हो जाते हैं। एस्ट्रोजन नाम का हार्मोन पुरुष और मह‍िला दोनों में होता है। पुरुषों में इसकी मात्रा कम होती है। पुरुषों को हड्डियों की मजबूती देने के ल‍िए एस्‍ट्रोजन का इस्‍तेमाल क‍िया जाता है। वहीं मह‍िलाओं में ब्रेस्‍ट डेवल्‍पमेंट, मास‍िक धर्म जैसे कार्यों के ल‍िए शरीर को एस्‍ट्रोजन की जरूरत पड़ती है। लेक‍िन क्‍या इससे एक्‍ने हो सकते हैं? इस सवाल का जवाब जानने के ल‍िए हमने ओम स्किन क्लीनिक, लखनऊ के वरिष्ठ कंसलटेंट डर्मेटोलॉज‍िस्‍ट डॉ देवेश मिश्रा (Dr. Devesh Mishra) से बात की।   

क्‍या एस्‍ट्रोजन हार्मोन बढ़ने से एक्‍ने होते हैं?- Can High Estrogen Cause Acne 

एस्‍ट्रोजन हार्मोन और एक्‍ने का गहरा नाता है। एस्‍ट्रोजन का स्‍तर बढ़ने से एक्‍ने हो सकते हैं। ज्‍यादा मह‍िलाएं यह श‍िकायत करती हैं क‍ि उन्‍हें पीर‍ियड्स के दौरान एक्‍ने की समस्‍या होती है। पीर‍ियड्स वो समय होता है ज‍ब शरीर हार्मोनल बदलाव से गुजरता है। हार्मोनल बदलाव से सीबम उत्‍पादन पर असर पड़ सकता है। सीबम वह कंपाउंड होता है ज‍िससे त्‍वचा को नमी म‍िलती है। सीबम का स्‍तर अगर जरूरत से ज्‍यादा हो जाए, तो एक्‍ने का कारण बन जाता है। सीबम का स्‍तर, हार्मोनल बदलाव से प्रभाव‍ित होता है। इसल‍िए आप कह सकते हैं क‍ि सीबम उत्‍पादन को प्रभाव‍ित करने के कारण, एस्‍ट्रोजन बढ़ने से एक्‍ने होते हैं। क्‍या एस्ट्रोजेन हार्मोन का सीधा कनेक्‍शन एक्‍ने से है? एस्ट्रोजेन के स्तर में वृद्धि और गिरावट दोनों ही कारणों से त्‍वचा पर प‍िंपल्‍स न‍िकल आते हैं। इसल‍िए एस्‍ट्रोजन का स्‍तर न ज्‍यादा होना चाह‍िए और न ही कम।  

एस्ट्रोजेन के स्तर में उतार-चढ़ाव से कैसे बचें?- How To Prevent Fluctuation in Estrogen Hormone 

  • संतुल‍ित आहार लें। इससे हार्मोन्‍स को बैलेंस करने में मदद म‍िलती है। 
  • रोज एक्‍सरसाइज करें। हार्मोनल असंतुलन से बचने के ल‍िए एक्‍सरसाइज फायदेमंद मानी जाती है।
  • बाजार का तला-भुना खाना खाने से बचें। 
  • योग करें और आधा घंटा मेड‍िटेशन और डीप ब्रीद‍िंग एक्‍सरसाइज करें। इससे हार्मोन्‍स को कंट्राेल करने में मदद म‍िलेगी।  
  • एस्‍ट्रोजन हार्मोन को संतुल‍ित करने के ल‍िए वजन कंट्रोल करें। 
  • आपको लो-फैट और हाई-फाइबर डाइट का सेवन करना चाह‍िए। इस तरह एस्‍ट्रोजन का स्‍तर कंट्रोल कर सकेंगे। 

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एक्‍ने कंट्रोल करने के ल‍िए क्‍या करें?- How To Control Acne 

acne prevention tips

एक्‍ने की समस्‍या को कंट्रोल करने के ल‍िए कुछ आसान ट‍िप्‍स की मदद लें- 

  • चेहरे की साफ-सफाई पर गौर करें। द‍िन में कम से कम 2 बार चेहरे की सफाई करें।
  • चेहरे को भीतर से साफ करने के ल‍िए हफ्ते में एक बार स्‍क्रब का इस्‍तेमाल करें। इससे डेड सेल्‍स त्‍वचा से न‍िकल जाएंगे।
  • ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी का सेवन करें। पानी की कमी से भी एक्‍ने के ल‍िए ज‍िम्‍मेदार बैक्‍टीर‍िया ग्रो होने लगते हैं।
  • चेहरे पर कॉस्‍मेट‍िक्‍स उत्‍पादों का ज्‍यादा इस्‍तेमाल न करें। इनमें मौजूद केम‍िकल्‍स के कारण एक्‍ने बढ़ने लगते हैं।

एस्‍ट्रोजन का स्‍तर बढ़ने के कारण एक्‍ने की समस्‍या हो सकती है। इस स्‍थ‍ित‍ि में हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल को फॉलो करना और डॉक्‍टर की सलाह मानना ही बेहतर व‍िकल्‍प है। उम्‍मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।  

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