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क्या फैटी लिवर थकान और कमजोरी का कारण बनता है? एक्सपर्ट से जानें

फैटी लिवर होने से कई बार व्यक्ति थकान और कमजोरी भी महसूस कर सकता है। इसके पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं।
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क्या फैटी लिवर थकान और कमजोरी का कारण बनता है? एक्सपर्ट से जानें

Can Fatty Liver Cause Weakness In Hindi: फैटी लिवर का स्पष्ट मतलब है कि लिवर के आसपास बहुत सारा फैट जमा होना। विशेषज्ञों की मानें, हेल्दी लिवर में भी फैट होता है। हालांकि, उसकी मात्रा कम होती है। वहीं अगर आपके लिवर के कुल वेट का 5 से 10 फीसदी वजन फैट हो, तो यह आपके लिए एक समस्या बन जाती है। सवाल है, फैटी लिवर हमारे लिए नुकसान क्यों है? सामान्य तौर पर फैटी लिवर से किसी तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं होती है। लेकिन कुछ एक करीब 30 फीसदी लोगों के लिए यह समस्या बन जाती है। इसमें पहला है, फैटली लिवर होने की वजह से लिवर में सूजन आ जाती है, जिससे टिश्यू को नुकसान पहुंचता है। इस स्थिति को स्टीटोहेपेटाइटिस कहा जाता है। दूसरा, अगर आपका लिवर क्षतिग्रस्त होता है, वहां स्कार टिश्यू बनते हैं। इस प्रकिया को इस प्रक्रिया को फाइब्रोसिस कहा जाता है और तीसरे में एक्सटेंसिव स्कार टिश्यू हेल्दी टिश्यू को रिप्लेस कर देते हैं। इस प्वाइंट को आपको लीवर सिरोसिस कहा जाता है। खैर, फैटी लिवर होने के वजह से क्या आप थकान और कमजोरी महसूस कर सकते हैं? इसके बारे में बेहतर जानकारी के लिए हमने "डॉ. DY पाटिल मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर, पुणे" के प्रोफे. डॉ अनु गायकवाड (MBBS, MD MED, Physician, Diabetologist) से बात की।

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फैटी लिवर की वजह से थकान क्यों महसूस होती है

फैटी लिवर की वजह से सूजन

रिपोर्ट की मानें, तो जब लिवर के आसपास एक्सेस फैट होता है, तो इससे लिवर में सूजन की समस्या हो सकती प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स रिलीज हो सकते हैं। साइटोकिन्स की वजह से व्यक्ति थकान और कमजोरी महसूस कर सकता है। हालांकि, ये व्यक्ति के सेहत पर ज्यादा निर्भर करता है। अगर उसे कोई अन्य बीमारी है, तो भी वह खुद को हर समय थका हुआ महसूस कर सकता है।

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लिवर का काम प्रभावित होना

डॉ. अनु गायकवाड़ के अनुसार, "जब लिवर में बहुत ज्यादा फैट जमा हो जाता है, तो इससे कई अन्य काम प्रभावित होते हैं। उदाहरण स्वरूप समझें, लिवर का मूल काम एनर्जी प्रोड्यूस करना और मेटाबॉलिज्म को सही बनाए रखना है। फैटी लिवर को अपने सामान्य काम करने में समस्या आने लगती है। लिवर की कार्यक्षमता में कमी के कारण शरीर में पर्याप्त मात्रा में एनर्जी प्रोड्यूस नहीं होती है, जिससे व्यक्ति खुद को थका हुआ महसूस कर सकता है।"

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अन्य स्वास्थ्य समस्याएं

प्रोफेसर डॉ. अनु गायकवाड़ कहती हैं, "कई बार लिवर का फैटी होना अन्य कारणों से हो सकता है। जैसे, अगर कोई मोटापे का शिकार है या फिर किसी को टाइप 2 डायबिटीज है या किसी को मेटाबॉलिक सिंड्रॉम है, तो बहुत संभावना इस बात की हो जाती है कि व्यक्ति का लिवर भी फैटी होगा। इस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने पर व्यक्ति अपने आप थकान, कमजोरी महसूस करता है।"

नींद में गड़बड़ी

विशेषज्ञों की मानें, तो फैटी लिवर को अक्सर नींद की समस्या से जोड़कर देखा जाता है। दरअसल, जिन लोगों का फैटी लिवर होता है, उन्हें अक्सर स्लीप एप्नीया का शिकार हो जाते हैं। रात को अच्छी नींद नहीं लेने के कारण, उन्हें नींद की क्वालिटी इफेक्ट होती है, जो दिन में नींद और पूरा समय थकान तथा कमजोरी महसूस होती रहती है।

फिजीकल एक्टिविटी में कमी

प्रोफेसर डॉ. अनु गायकवाड़ का कहना है, "आमतौर पर यह देखने में आया है कि जिन लोगों को फैटी लिवर की दिक्कत होती है, उन्हें कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी होती है। इस कारण उनकी रोजाना की फिजीकल एक्टिविटी काफी कम हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर शारीरिक गतिविधियां कम करता है, तो ऐसे में उनकी समस्याओं में इजाफ हो सकता है। यहां तक कि दिन-प्रतिदिन शारीरिक गतिविधियां और कम हो सकती हैं, जिससे थकान और कमजोरी में इजाफा हो सकता है।"

image credit: freepik

 

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