Dengue In Pregnancy: मानसून का मौसम भला किसे पसंद नहीं होगा, गर्मियों के बाद लोगों को बारिश का बेसब्री से इंतजार होता है। लेकिन, बारिशों में बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बुजुर्गोंं, बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और जिन लोगों की इम्यूनिटी पावर कमजोर होती है, उनको विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को बुखार, डेगू और मलेरिया की समस्या हो सकती है। प्रेग्नेंसी में डेंगू महिला और बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इस लेख में आगे सीनियर गाइनोक्लॉजिस्ट डॉ. विभा बंसल से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में डेंगू से बच्चे पर क्या असर पड़ता है। प्रेग्नेंसी में डेंगू से महिला के साथ साथ अजन्मे बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
प्रेग्नेंसी में डेंगू होने पर बच्चे की सेहत पर क्या असर पड़ता है?
डेंगू बुखार वायरस के कारण होता है, जो मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, दाने और हल्की ब्लीडिंग (जैस नाक या मसूड़ों से खून आना) की समस्या हो सकती है।
- समय से पहले जन्म: डेंगू संक्रमण से बच्चे का समय से पहले प्रसव का जोखिम बढ़ जाता है।
- जन्म के समय वजन कम होना: प्रेग्नेंसी में डेंगू से होने वाले शिशुओं का वजन जन्म के समय कम हो सकता है।
- भ्रूण संकट: वायरस भ्रूण संकट का कारण बन सकता है, जिससे प्रसव के दौरान जटिलताएं हो सकती हैं।
- प्रेग्नेंसी में मां होने वाली बीमारियों के कारण बच्चे को जान का जोखिम हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में डेंगू से बचाव कैसे करें?
मच्छरों से बचाव करें
डेंगू का बुखार मच्छरों के काटने से फैलता है। ऐसे में महिलाओं को मच्छरों से खुद का बचाव करना चाहिए। इसके लिए महिलाएं पूरी स्लीव्स के कपड़े पहनें। इसके अलावा, रात को सोते समय मच्छरदानी या ऑलआउट आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। मच्छरो से बचने के लिए दिन में भी सावधानी बरतें।
पानी इकट्ठा न होने दें
डेंगू और मच्छरों से बचने के लिए आप घर के आसपास पानी जमा न होने दें। ऐसा इसलिए क्योंकि जहां पर पानी इकट्ठा होता है वहां पर मच्छर पैदा हो सकते हैं। घर में खिड़कियों को पतली जाली से कवर करें। दिन के समय भी जाली को लगा रहने दें।
नियमित रूप से जांच कराएं
अगर, प्रेग्नेंसी में भी आपको डेंगू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, या बार-बार बुखार आ रहा है तो ऐसे में आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। नियमित रूप से जांच होने से आप डेंगू व अन्य बीमारियों के खतरे से बच सकती हैं।
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गर्भावस्था के दौरान डेंगू बुखार से मां और अजन्मे बच्चे दोनों को गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, उचित सावधानियों से संक्रमण के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं को सतर्क रहना चाहिए, मच्छरों के काटने से बचना चाहिए। यदि, इसके बावजूद बुखार आ रहा है या बदन दर्द हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।