
समय के साथ लोग जागरू हो गए हैं। इस समय लोग स्किन और हेयर से जुड़ी समस्याओं के कारणों को समझने का प्रयास करते हैं। जब लोगों पता चलता है कै कोलेजन स्किन और बालों के लिए बेहद आवश्यक माना जाता है तो ऐसे में व्यक्ति कोलेजन सप्लीमेंट्स को लेने पर विचार करने लगता है। आपको बता दें कि बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कोलेजन का निर्माण कम होने लगता है, जिससे त्वचा में झुर्रियां, बालों की कमजोरी और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ऐसे में कोलेजन सप्लीमेंट्स को एक समाधान के रूप में देखा जाता है। लेकिन, आपको किसी भी तरह के सप्लीमेंट्स को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेना चाहिए। क्योंकि कई बार सप्लीमेंट्स ज्यादा या गलत तरह से लेने से आपके अन्य अंगों पर प्रभाव पड़ सकता है। इस लेख में डॉ. पंकज वर्मा, सीनियर कंसलटेंट, इंटरनल मेडिसिन, नारायणा अस्पताल से आगे जानते हैं कि क्या कोलेजन सप्लीमेंट्स लेने से लिवर के कार्य प्रभावित हो सकते हैं?
कोलेजन सप्लीमेंट्स और लिव के बीच क्या कनेक्शन होता है - Connection Between Collagen Supplements And Liver in Hindi
कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन है जो हमारी त्वचा, हड्डियों, जोड़ों, मांसपेशियों और टिशूज में पाया जाता है। यह शरीर को मजबूती और लचीलापन प्रदान करता है। कोलेजन सप्लीमेंट्स आमतौर पर हाइड्रोलाइज्ड कोलेजन पेप्टाइड्स, बोवाइन कोलेजन, या मरीन कोलेजन के रूप में बाजार में उपलब्ध होते हैं। वहीं, लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो टॉक्सिन्स को बाहर निकालने, मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने और कई जरूरी एंजाइम्स के निर्माण का काम करता है। जब भी आप कोई सप्लीमेंट लेते हैं, तो उसका प्रोसेसिंग सबसे पहले लिवर में होता है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि कोई भी सप्लीमेंट लिवर पर असर डाल सकता है। ऐसे में आगे जानते हैं कि कोलेजन से लिवर पर क्या प्रभाव पड़ता है।
सामान्यतः सुरक्षित माना जाता है
अधिकांश स्टडीज में यह पाया गया है कि कोलेजन सप्लीमेंट्स सामान्य रूप से सुरक्षित होते हैं और शरीर पर कोई खराब प्रभाव नहीं डालते, बशर्ते उन्हें सीमित मात्रा में और किसी विश्वसनीय स्रोत से लिया गया हो।
लो क्वालिटी सप्लीमेंट्स से जोखिम होना
यदि आप लो क्वालिटी वाले कोलेजन सप्लीमेंट्स लेते हैं, तो संभावना होती है कि उसमें भारी धातुएं (जैसे लेड, मर्करी) या हानिकारक एडिटिव्स हो सकते हैं, जो लिवर को प्रभावित कर सकते हैं और लिवर टॉक्सिसिटी का कारण बन सकते हैं।
अधिक मात्रा में सेवन से लिवर पर दबाव
हर चीज की अधिकता हानिकारक होती है। यदि कोलेजन सप्लीमेंट्स को जरूरत से ज्यादा मात्रा में लिया जाए, तो लिवर को उन्हें प्रोसेस करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
पहले से मौजूद लिवर की बीमारी में सावधानी
यदि किसी व्यक्ति को पहले से लिवर संबंधी कोई समस्या है (जैसे फैटी लिवर, हेपेटाइटिस या सिरोसिस), तो उन्हें कोलेजन सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। कुछ मामलों में प्रोटीन सप्लीमेंट्स लिवर की कार्यक्षमता को और प्रभावित कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: लिवर से जुड़ी बीमारियां क्यों होती हैं? डॉक्टर से जानें इनके बचाव के उपाय
कोलेजन के प्राकृतिक स्रोत से लेने के लिए आप डाइट में बदलाव कर सकते हैं। इसके लिए आप डाइट में हड्डी का सूप (Bone broth), अंडे की सफेदी, मेवे और बीज (जैसे कद्दू बीज, अखरोट), विटामिन C युक्त फल (नींबू, आंवला, संतरा) और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। फिलहाल, कोलेजन सप्लीमेंट्स सुरक्षित होते हैं और लिवर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं। हालांकि, लिवर संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को खास सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। यदि आप कोलेजन सप्लीमेंट लेने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
FAQ
क्या कोलेजन सप्लीमेंट लेने से लिवर पर सीधा असर होता है?
यदि आप अच्छी क्वालिटी का कोलेजन सप्लीमेंट सीमित मात्रा में लेते हैं, तो आमतौर पर लिवर पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता। लेकिन घटिया क्वालिटी के सप्लीमेंट्स लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।क्या लिवर की बीमारी होने पर कोलेजन सप्लीमेंट लिया जा सकता है?
नहीं, यदि आपको लिवर की कोई बीमारी है, तो कोलेजन सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। इससे लिवर की स्थिति और खराब हो सकती है।कोलेजन सप्लीमेंट के बजाय प्राकृतिक विकल्प कौन से हैं जो लिवर के लिए सुरक्षित हैं?
हड्डी का सूप, अंडे की सफेदी, आंवला, नींबू, हरी सब्जियां और नट्स कोलेजन बढ़ाने में मदद करते हैं और ये लिवर के लिए भी सुरक्षित हैं।
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Oct 20, 2025 18:15 IST
Published By : Vikas Arya