
Can Breast Milk Cause Diarrhea In Toddler In Hindi: छोटे बच्चों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है। यही कारण है कि मौसम बदलते ही उनकी सेहत बिगड़ जाती है। खासकर, इन दिनों गर्मी के दिन चल रहे हैं, तो बीमारी का रिस्क और ज्यादा बढ़ जाता है। हालांकि, छह मा तक के बच्चे मां का दूध पीते हैं। ऐसे में मांओं को सलाह दी जाती है कि वे अपनी डाइट में हेल्दी चीजें शामिल करें। ऐसी चीजें न खाएं, जो बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसका मतलब है कि मां जब भी हेल्दी चीजों का सेवन करेगी, तो इसका लाभ शिशु को भी होता है। लेकिन, क्या मां के दूध पीने के कारण क्या शिशु को दस्त भी लग सकते हैं? आखिर ऐसा कैसे होता है? आइए, जानते हैं वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से।
क्या मां का दूध बच्चों में दस्त का कारण बन सकता है?- Can Breast Milk Cause Diarrhea In Toddler In Hindi

आमतमौर पर नवजात शिशु को दस्त की समस्या नहीं होती है। अगर ऐसी समस्या हो भी जाए, तो अपने आप कुछ ही दिनों में ठीक भी हो जाती है। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि बच्चे को दस्त की समस्या किसी गंभीर बीमारी के कारण हो रहा है। हालांकि, जो बच्चे फॉर्मूला फीड करते हैं या मां के दूध के साथ-साथ फॉर्मूला फीड करते हैं, उनमें दस्त की समस्या हो सकती है। जबकि, पूरी तरह मां के दूध पर निर्भर बच्चों में ये समस्या कम होती है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि ब्रेस्टफीड करने वाले बच्चों को दस्त नहीं होते हैं। ऐसा होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे अगर मां ने अचानक अपनी डाइट बदल ली है या स्पाइसी फूड का सेवन अधिक किया है। इस तरह की कंडीशन में बच्चे को पेट दर्द, पेट में गैस बनना और दस्त होने जैसी समस्या हो सकती है। इसके अलावा, अगर ब्रेस्ट फीडिंग करा रही मांएं किसी तरह की मेडिसिन ले रही हैं, तो उसका नेगेटिव असर बच्चे की हेल्थ पर पड़ सकता है। नतीजतन, उसे दस्त लग सकते हैं।
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दस्त होने पर बच्चे की केयर कैसे करें

जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि जो बच्चे सिर्फ मां का दूध पीते हैं, उन्हें दस्त होने का जोखिम कम होता है। अगर दस्त हो भी जाए, तो समय के साथ-साथ अपने आप ठीक भी हो जाता है। इसके बावजूद, पेरेंट्स को चाहिए कि अगर बच्चे को दस्त हो जाए, तो कुछ जरूरी उपाय अपनाएं-
बच्चे को हाइड्रेटेड रखेंः अगर बच्चे को दस्त हो गया है, तो मां को चाहिए कि वह कुछ-कुछ देर में बच्चे को अपना दूध पिलाती रहें। इससे बच्चे की बॉडी हाइड्रेटेड रहेगी। अगर बच्चा मां के दूध के अलावा, फॉर्मूला-फीड भी करता है, तो इसका सेवन भी कराती रहें।
बच्चे का इलेक्ट्रोलाइट स्तर चेक करेंः दस्त होने के कारण शरीर से इलेक्ट्रोलाइट का स्तर गिर जाता है। ऐसा होना सही नहीं है। बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से पूछकर बच्चे को इलेक्ट्रोलाइट दें।
कुछ सॉलिड खाने को देंः अगर बच्चा 6 माह से उम्र में ज्यादा है, तो उसे केले और दाल खाने को दें। दस्त में केला खिलाना काफी फायदेमंद होता है। इससे बच्चे में एनर्जी की कमी नहीं होगी।
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