मस्तिष्क पर चोट (ब्रेन इंजरी) के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

मस्तिष्क को लगी चोट बहुत सी शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती है। इस तरह की किसी भी परिस्थिति से बचने के लिए पढ़ें यह लेख।
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मस्तिष्क पर चोट (ब्रेन इंजरी) के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय


मस्तिष्क हमारे शरीर का सबसे मुख्य हिस्सा होता है और शरीर के स्वस्थ रहने के लिए मस्तिष्क का हेल्दी रहना काफी जरूरी होता है। अगर आपका मस्तिष्क ही बीमार हो जाता है तो आपको शरीर में काफी कमियां और विकलांगता तक देखनी पड़ सकती हैं। इसलिए आपको मस्तिष्क पर चोट (ब्रेन इंजरी) को जल्द से जल्द ठीक करना चाहिए ताकि आपके जीवन की गुणवत्ता को और अधिक बेहतर बनाया जा सके। हर साल बहुत से लोग मस्तिष्क पर लगी चोट की वजह से अपनी जान तक गंवा देते हैं। इसलिए हल्की या बड़ी किसी भी प्रकार की दिमागी चोट को हल्के में ना लें तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और उसका जल्द से जल्द उपचार कराएं। 

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एक्सपर्ट के अनुसार

उजाला सिग्नस ग्रुप आफ हॉस्पिटल्स के इंटरनल मेडिसिन फाउंडर डायरेक्टर डॉ शुचीन बजाज के मुताबिक मस्तिष्क पर चोट (ब्रेन इंजरी)  किसी भी चीज की वजह से सिर पर चोट लगने के कारण होती है। अगर आप बेड, सीढ़ी या किसी ऊंचाई से नीचे गिर जाते हैं तो भी आपके दिमाग को चोट लग सकती है। दिमाग की चोट आम तौर पर बच्चों को बूढ़ों में देखने को मिलती है। ब्रेन इंजरी के कारणों में रोड पर होने वाले एक्सीडेंट या किसी दीवार आदि पर सिर टकराना भी हो सकते है। खेलते समय सिर पर आने वाली चोट, बॉक्सिंग, फुटबॉल और बेसबॉल के समय सिर पर मुक्का या बॉल लगना भी दिमागी चोट का कारण हो सकता है।

सिर की चोट से आपके दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ता है?

अगर चोट बहुत हल्की होगी तो आपके दिमाग की केवल सेल्स प्रभावित हो सकती हैं और वह भी कुछ ही समय के लिए। जिन्हें आसानी से ठीक किया जा सकता है। लेकिन अगर गंभीर चोट लग जाती है तो इससे आपके दिमाग के टिश्यू फट सकते हैं, दिमाग में ब्लीडिंग शुरू हो सकती है या दिमाग पूरी तरह से ही नष्ट हो सकता है जिसके कारण जान जाने का खतरा भी रहता है।

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मस्तिष्क पर चोट (ब्रेन इंजरी)  के लक्षण

दिमागी चोट लगने के बाद आपको सिर दर्द, बोलने में अक्षमता महसूस होना, खुद को संतुलित न कर पाना, चल पाने में दिक्कत होना, उल्टियां, जी घबराना और चक्कर आने जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। यह लक्षण चोट लगने के तुरंत बाद या फिर एक हफ्ते बाद दिखने शुरू हो सकते हैं। कई बार अधिक गंभीर लक्षणों में लाइट से सेंसिटिविटी, सुन न पाना, ब्रेन फॉग, होश खो बैठना, दुविधा में रहना, मानसिक रोग जैसे डिप्रेशन, चिंता होना और स्ट्रेस रहना, उंगलियों में कमजोरी आना, मूड स्विंग होने जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।

मस्तिष्क पर चोट (ब्रेन इंजरी) का उपचार

आपको इन लक्षणों से निजात पाने के लिए और वापिस सामान्य होने के लिए फिजिकल और ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट की जरूरत होगी। पहले थेरेपिस्ट आपको रोजाना की गतिविधियों में और चीजें याद रखने में मदद करेंगे। फिजिकल थेरेपिस्ट आपकी विभिन्न गतिविधि जैसे चल पाने में और बैलेंस होने में मदद कर सकते हैं। थेरेपिस्ट आपकी बोल पाने और सुन पाने में भी मदद करेंगे।

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इस प्रकार की चोट से खुद को कैसे बचाएं?

  • बाइक या साइकिल चलाते समय हर समय हेलमेट जरूर पहनें।
  • शराब पी कर ड्राइविंग न करें।
  • ऐसे रग और कार्पेट घर न लाएं जिनसे आप फिसल कर नीचे गिर सकते हैं।
  • गीले फ्लोर पर चलने से बचें।
  • नियमित रूप से अपनी आंखों का चेक अप करवाते रहें।
  • बाथरूम में जाते समय अपना खास ख्याल रखें।
  • अगर नहाने के बाद कपड़े पहन रहे है तो एक हाथ से किसी चीज को पकड़ लें ताकि फिसलने का रिस्क कम हो सके।
  • गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग करें।

दिमाग हमारे शरीर का महत्वपूर्ण व आवश्यक हिस्सा है। इसलिए आपको इसकी संभाल भी ध्यानपूर्वक करनी होगी। अपने दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए ऊपर लिखे गए टिप्स को जरूर पढ़ें। अपने आप को हर तरह से गिरने से बचाएं। अगर आप ब्रेन इंजरी से जूझ रहे हैं तो थेरेपिस्ट की मदद लेने में न हिचकें।

All images credit: freepik

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