मेंटल डिसऑर्डर और रेयर डिजीज पर बनी हैं ये 5 बॉलीवुड फिल्में, देखकर बीमारियों से लड़ने में मिलेगी मदद

बॉलिवुड में कुछ फिल्में हैं, जो मेंटल डिसऑर्डर के साथ ही रेयर डिजीज के मुद्दे को उठाती और उन्हें दर्शाती हैं। आइये जानते हैं इन फिल्मों के बारे में। 
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मेंटल डिसऑर्डर और रेयर डिजीज पर बनी हैं ये 5 बॉलीवुड फिल्में, देखकर बीमारियों से लड़ने में मिलेगी मदद


मेंटल डिसऑर्डर एक गंभीर समस्या है, जिसके बारे में लोग आमतौर पर खुलकर बात करने से भी बचते हैं। वहीं कुछ लोग रेयर डिजीज से भी पीड़ित होते हैं, जो कई बार लाइलाज तक होती है। ऐसे में बॉलिवुड में कुछ फिल्में हैं, जो मेंटल डिसऑर्डर के साथ ही रेयर डिजीज के मुद्दे को उठाती और उन्हें दर्शाती हैं। इन फिल्मों को देखकर आप अपनी मानसिक स्थिति को इससे जोड़ सकते हैं। आइये जानते हैं ऐसी कुछ फिल्मों के बारे में।   

माय नेम इस खान (My Name is Khan) 

साल 2010 में आई शाहरुख खान की फिल्म माय नेम इस खान में शाहरुख Asperger Syndrome से पीड़ित व्यक्ति का किरदार निभा रहे हैं। दरअसल, यह एक प्रकार का न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव होने लगता है साथ ही कई बार मरीज लोगों से सोशली इंटरेक्ट होने से भी बचते हैं। ऐसे में कई बार सोचने समझने में भी समस्या हो सकती है। 

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पा (Paa)

साल 2009 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म पा एक जेनेटिक डिसऑर्डर पर आधारित है। अमिताभ बच्चन एक ऐसी बीमारी का किरदार निभाते हैं, जो आमतौर पर बहुत कम लोगों को होती है। फिल्म में उन्हें प्रोजेरिया नामक बीमारी थी। इस बीमारी से पीड़ित लोग कम उम्र में ही बूढ़े दिखने लगते हैं, कई बार आगे चलकर इसके कारण उन्हें मेंटल डिसऑर्डर भी हो सकता है।

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तारे जमीन पर (Taare Zameen Par)

साल 2007 में आई आमिर खान की फिल्म तारे जमीन पर में बच्चे का किरदार दिखाया गया है, जिसे लर्निंग डिसऑर्डर होता है। इस बीमारी को dyslexia कहा जाता है। यह एक प्रकार का मेंटल डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति को सोचने-समझने और कुछ नया सीखने में समस्या होती है। ऐसे में मरीज इमोश्नली कमजोर हो जाता है। कहा जाता है कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। 

हिचकी (Hichki)

साल 2018 में आई रानी मुखर्जी की फिल्म हिचकी में उन्हें Tourette सिंड्रोम होता है। यह एक प्रकार का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें मरीज को थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में हिचकी आती है। ऐसे में मरीज के कंधे बार-बार उपर होने के साथ ही आंखें भी बार-बार झपकती हैं। 

अगर आप भी मेंटल डिसऑर्डर या फिर किसी रेयर डिजीज से पीड़ित हैं तो ऐसे में इन फिल्मों को देख सकते हैं। इन्हें देखने से आप फिल्म में दिख रहे मेंटल डिसऑर्डर के लक्षणों से खुद में हो रहे बदलावों को समझ पाएंगे। इन फिल्मों में बीमारियों से बाहर निकलने और उन्हें मैनेज करने के टिप्स के बारे में भी बताया गया है। 

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