
हमारे शरीर का प्रत्येक अंग महत्वपूर्ण है> उन्हीं महत्वपूर्ण अंगों में से एक है हमारा कान। कान के माध्यम से हम सुनते हैं, किसी की आवाज को पहचानते हैं। ऐसे में इतने महत्वपूर्ण अंग का स्वस्थ रहना जरूरी है। लेकिन कभी-कभी कान में अधिक गंदगी के कारण या कान के पर्दे के क्षतिग्रस्त होने के कारण कान बंद होने की समस्या सामने आती है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। व्यक्ति का कान तब बंद होता है जब कान में कोई संक्रमण हो जाता है। किसी एलर्जी के चलते, सूजन के चलते, जलन के चलते या साइनस के कारण कान में बंद होने की समस्या नजर आ सकती है। ऐसे में इसके लक्षणों को पहचान कर इसका समय रहते इलाज करना भी जरूरी होता है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि कान बंद होने के लक्षण और कारण (causes of blocked ear) क्या हैं। साथ ही समस्या को दूर करने के उपचार (Treatment of blocked ear) भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...

कान बंद होने के कारण (causes of blocked ear)
ध्यान दें कि कान बंद होने के पीछे निम्न कारण हो सकते हैं-
1 - किसी स्ट्रोक के कारण कान बंद की समस्या देखी जाती है।
2 - अधिक मैल या गंदगी जो कान के बाहरी हिस्से में इकट्ठी हो जाती है उसके कारण भी समस्या हो जाती है।
3 - जिस व्यक्ति को साइनस रहता है वह भी समस्या का शिकार हो सकता है।
4 - कान में दर्द सूजन और संक्रमण के कारण भी कान बंद की समस्या देखी जाती है।
5 - कभी कभी नहाते वक्त या तैरते वक्त व्यक्ति के अनजाने में कानों में पानी चला जाता है जिसके कारण कान बंद हो जाते हैं।
6 - जो व्यक्ति सर्दी जुकाम में बुखार से ग्रस्त होता है तब भी व्यक्ति के कान बंद हो जाते हैं।
7 - किसी तीव्र आवाज के कारण या किसी विस्फोट, दुर्घटना के कारण व्यक्ति के कान के परदे में छेद हो जाता है, जिसके चलते व्यक्ति को सुनाई देना बंद हो जाता है।
कान बंद के लक्षण (symptoms of blocked ear)
बता दें कि कान बंद होने के दौरान निम्न लक्षण भी महसूस होते हैं जो इस प्रकार हैं-
1 - तीव्र गति से दर्द होना और खुजली महसूस करना।
2 - गले में खराश हो जाना या बलगम का इकट्ठा हो जाना।
3 - कानों में हर वक्त आवाज का महसूस करना यानी सनसनाहट होना।
4 - कानों में हवा को महसूस करना।
5 - अनिद्रा का शिकार हो जाना।
6 - चक्कर और सिर दर्द की परेशानी होना।
7 - कान में सीटी बजी जैसी आवाज महसूस करना।
8 - कानों से द्रव निकलना।

कान बंद से बचाव (prevention of blocked ear)
हर वक्त कानों को मेल से बचाए रखना और कानों को सूखा रखना। साथ ही गंदे हाथों से कानों को ना छूना। इयरबड पहनने से पहले बड को साफ करना और कानों को किसी नुकीली चीज से ना खुजलाना। तैरते या नहाते वक्त अपने कानों को बंद रखना।
बता दें कानों की समस्या होने पर अगर बचाव नहीं कर पा रहे हैं तो आप तुरंत ईएनटी स्पेशलिस्ट से संपर्क करें, जिससे पता लगे कि आपको क्या समस्या हो गई है। बता दें कि डॉक्टर ऑटोस्कोप के माध्यम से मैल और कानों के संक्रमण की जांच करते हैं। इसके अलावा वे मौखिक रूप से परीक्षण करने के साथ-साथ व्यक्ति को ठीक होने के लिए एंटीबायोटिक, एंटीफंगल आदि प्रोवाइड करते हैं।
कान के बंद होने पर कुछ प्राकृतिक उपचार
1 - जैतून के तेल से कान को खुला जा सकता है। बता दें कि ऐसे में आप जैतून के तेल की कुछ बूंदे गर्म करके कानों में डालें। ऐसा करने से गंदगी भी बाहर आ जाती है और बंद कान भी खुल जाते हैं।
2 - सरसों के तेल से आप बंद कानों को खोल सकते हैं। बता दें कि सरसों के तेल के माध्यम से अगर आप कानों को साफ करते हैं तो गंदगी भी दूर हो जाती है।
3 - लहसुन का तेल भी कानों को साफ करने में बेहद मददगार है। ऐसे में आम सरसों के तेल के साथ लहसुन की कलियों को उबाल लेने के बाद थोड़ा ठंडा करके कानों में डालें ऐसा करने से समस्या दूर हो जाएगी।
नोट - ऊपर बताएं गए बिंदुओं से पता चलता है कि कान बंद होना एक आम समस्या है। लेकिन अगर यह समस्या सही समय पर ठीक नहीं होती है तो तुरंत आप ईएनटी एक्सपर्ट की मदद से इस समस्या के पीछे का कारण पता लगाएं और उपचार समय पर शुरू कर दें।
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