Beta blockers for heart attack: आज जिस तरह की हमारी लाइफस्टाइल है, हार्ट अटैक एक आम समस्या बनती जा रही है। हार्ट अटैक की आम दवाओं में से एक बीटा-ब्लॉकर्स को लेकर एक चौकाने वाला रिसर्च सामने आया है। इस रिसर्च की मानें तो बीटा ब्लॉकर्स जो आमतौर पर हाई बीपी और हार्ट अटैक के मरीजों को दी जाती है, महिलाओं में मौत का कारण बन सकती है। दरअसल, European Heart Journal में प्रकाशित में इस स्टडी की मानें तो बीटा-ब्लॉकर्स नामक दवाओं का एक वर्ग, अधिकांश रोगियों के लिए फायदेमंद नहीं है और कुछ महिलाओं में अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसके अलावा भी इस शोध में काफी कुछ बताया गया है, जानते हैं इस रिसर्च को विस्तार से।
क्या कही है ये स्टडी?
European Heart Journal और द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस स्टडी की मानें तो मैड्रिड में यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस में प्रस्तुत (European Society of Cardiology Congress in Madrid) इस अध्ययन से पता चला है कि बीटा ब्लॉकर्स लेने वाली महिलाओं में मृत्यु का खतरा, पुरुषों की तुलना ज्यादा था। इस कांग्रेस में वरिष्ठ अध्ययन लेखक डॉ. वैलेन्टिन फस्टर, जो न्यूयॉर्क शहर में माउंट सिनाई फस्टर हार्ट हॉस्पिटल के अध्यक्ष और मैड्रिड में नेशनल सेंटर फॉर कार्डियोवैस्कुलर इन्वेस्टिगेशन के महानिदेशक हैं, कुछ जरूरी बातें बताई। वरिष्ठ अध्ययन लेखक डॉ. वैलेन्टिन फस्टर कहते हैं कि ''यह अध्ययन सभी अंतरराष्ट्रीय नैदानिक दिशानिर्देशों को नया रूप देगा। इस स्टडी की मानें तो महिलाओं में बीटा ब्लॉकर्स से अचानक मृत्यु हो सकती है और इसे लेकर एक गहन शोध की जरुरत है।''
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महिलाओं को बीटा ब्लॉकर्स का कोई फायदा नहीं
बीटा ब्लॉकर्स आमतौर पर कई हृदय संबंधी स्थितियों के लिए निर्धारित किए जाते हैं, जिनमें दिल का दौरा भी शामिल है। हालांकि, ये उन रोगियों के लिए कोई नैदानिक लाभ प्रदान नहीं करता जिन्हें मायोकार्डियल इन्फार्क्शन हुआ हो। इसे लेकर किए गए क्लिनिकल ट्रायल में पता चलता है कि महिलाओं को इस दवा से कोई फायदा नहीं हुआ बल्कि, कई महिलाओं में यह मृत्यु का कारण बन गया।
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गौरतलब है कि महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण काफी अलग होते हैं। पुरुषों में आमतौर पर उनकी प्रमुख धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है और उन्हें सीने में दर्द जैसे दिल के दौरे के ज्यादा पारंपरिक लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन, महिलाओं में हृदय की छोटी रक्त वाहिकाओं में प्लाक होने की संभावना ज्यादा होती है और इसलिए उन्हें पीठ दर्द, अपच और सांस लेने में तकलीफ जैसे दिल के दौरे के ज्यादा असामान्य लक्षण महसूस होते हैं।
हालांकि, अध्ययन में कहा गया है कि ये निष्कर्ष केवल उन महिलाओं पर लागू होते हैं जिनका बायां वेंट्रिकुलर इजेक्शन अंश (ejection fractions) 50% से अधिक है। इजेक्शन अंश यह मापने का एक तरीका है कि हृदय का बायां भाग पूरे शरीर में ऑक्सीजन युक्त खून कितनी अच्छी तरह पंप कर रहा है। ऐसे में अभी इस विषय में शोध की और जरुरत है।