गर्मियों में तपती धूप, लू और पसीने से शरीर जल्दी थकान महसूस करने लगता है। इस मौसम में जैसे-जैसे पारा चढ़ता है वैसे-वैसे डिहाइड्रेशन, चक्कर आना, एसिडिटी और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे में शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी हो जाता है। हालांकि बाजार में मिलने वाली कोल्ड ड्रिंक्स तात्कालिक राहत तो देती हैं, लेकिन वे शरीर को फायदे पहुंचाने की बजाय नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनमें केमिकल्स और ज्यादा मात्रा में चीनी पाई जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, गर्मियों में शरीर के पित्त दोष का प्रकोप बढ़ जाता है, जो शरीर में गर्मी, जलन, सिरदर्द और चिड़चिड़ापन पैदा करता है। ऐसे में आयुर्वेद में कुछ प्राकृतिक और शीतल गुणों से भरपूर पेयों को शामिल करने की सलाह दी जाती है। खास बात यह है कि ये शरबत सिर्फ ठंडक ही नहीं देते, बल्कि शरीर को पोषण भी प्रदान करते हैं और त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करते हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, गर्मियों में कौन सा शरबत पीना चाहिए?
गर्मियों में कौन सा शरबत पीना चाहिए? - Which Drink Should We Drink In Summer
1. फालसे का शरबत
फालसा एक छोटा सा गहरे बैंगनी रंग का फल होता है, जो खासतौर पर गर्मियों में मिलता है। आयुर्वेद में इसे पित्तशामक फल माना गया है जो शरीर की गर्मी को शांत करता है। फालसे में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो स्किन को ग्लोइंग बनाते हैं और इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं। यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है और गर्मी से होने वाली जलन, सिरदर्द और चक्कर जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
फालसे का शरबत बनाने का तरीका
फालसे को धोकर उसका रस निकालें, उसमें थोड़ा काला नमक, भुना जीरा और मिश्री मिलाकर ठंडा पानी डालें और पिएं। फालसे का सेवन दोपहर में करना सबसे उत्तम होता है, जब शरीर की गर्मी चरम पर होती है।
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2. गुलकंद शरबत
गुलाब की पंखुड़ियों से बना गुलकंद आयुर्वेद में शीतल, पाचक और मन को प्रसन्न करने वाला माना गया है। यह खासतौर पर पित्त दोष के नियंत्रण में अत्यंत उपयोगी है। गुलकंद शरीर की अंदरूनी गर्मी को शांत करता है और दिल की धड़कन को संतुलित करता है। यह मुंह के छाले, कब्ज, एसिडिटी और पेशाब की जलन में भी बेहद लाभकारी है।
गुलकंद का शरबत बनाने का तरीका
एक से दो चम्मच गुलकंद को एक गिलास ठंडे दूध या पानी में मिलाएं। आपका गुलकंद शरबत तैयार है, इसे ठंडा ही पिएं। रोजाना सुबह या दोपहर को एक बार इसका सेवन शरीर को प्राकृतिक ठंडक प्रदान करता है।
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3. खस का शरबत
खस की जड़ें अपने शीतल गुणों के लिए जानी जाती हैं। इससे बना शरबत शरीर को ठंडा रखने के साथ-साथ मानसिक शांति भी देता है। खस शरबत पित्त दोष को कम करता है और लू लगने से बचाता है। यह मूत्र संबंधी समस्याओं में लाभकारी है और किडनी की कार्यक्षमता को भी सहयोग करता है। शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ यह तनाव और थकान को भी कम करता है।
खस का शरबत बनाने का तरीका
खस का शरबत बाजार में आसानी से उपलब्ध है, लेकिन इसमें आर्टिफिशियल कलर भी होता है, ऐसे में घर पर बनाने के लिए खस के अर्क को शक्कर और पानी के साथ मिलाकर रखा जा सकता है और फिर इसका सेवन करें।
4. बेल का शरबत
बेल फल का उपयोग आयुर्वेद में हजारों वर्षों से पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए किया जाता रहा है। इसकी तासीर ठंडी होती है और यह शरीर के अंदरूनी अंगों को शुद्ध करता है। बेल का शरबत कब्ज, अपच, दस्त और गैस की समस्या में राहत देता है, यह शरीर को डिटॉक्स करता है और पाचन अग्नि को संतुलित करता है।
बेल का शरबत बनाने का तरीका
पके हुए बेल फल का गूदा निकालें, उसमें पानी, गुड़ या शहद और काला नमक मिलाकर छान लें और ठंडा करके पिएं। बेल शरबत को सुबह के समय लेना सबसे अच्छा माना जाता है, इससे दिनभर पाचन क्रिया एक्टिव रहती है।
5. पुदीना शरबत
पुदीना यानी मिंट, एक औषधीय पौधा है जिसे आयुर्वेद में उत्तम पाचक माना गया है। पुदीना का शरबत शरीर को ठंडक पहुंचाता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। इसके अलावा यह गैस, अपच, पेट दर्द और सिरदर्द से राहत देता है।
पुदीना का शरबत बनाने का तरीका
पुदीने की पत्तियों को पीसकर उसका रस निकालें। उसमें नींबू का रस, काला नमक, भुना जीरा और ठंडा पानी मिलाएं फिर इसका सेवन करें।
निष्कर्ष
गर्मियों में शरीर को सिर्फ ठंडक नहीं चाहिए, बल्कि ऐसा पोषण चाहिए जो शरीर के अंदरूनी संतुलन को भी बनाए रखे। फालसा, गुलकंद, खस, बेल और पुदीना जैसे आयुर्वेदिक शरबत न केवल आपको ठंडक प्रदान करते हैं, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाते हैं।
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FAQ
खस का शरबत पीने के क्या फायदे हैं?
खस का शरबत पीना गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने का एक नेचुरल उपाय है। आयुर्वेद के अनुसार, खस की तासीर ठंडी होती है, जिससे यह पित्त दोष को शांत करता है और लू लगने से बचाता है। यह मूत्र संबंधी समस्याओं में राहत देता है और डिहाइड्रेशन को दूर करता है। खस शरबत में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं, जो शरीर को तनाव, थकान और गर्मी से होने वाली जलन से बचाते हैं।क्या हम रोजाना बेल का जूस पी सकते हैं?
हां, गर्मियों में बेल का जूस रोजाना पीना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन सीमित मात्रा में। आयुर्वेद के अनुसार, बेल की तासीर ठंडी होती है और यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है। रोजाना इसका सेवन कब्ज, एसिडिटी और पेट की जलन जैसी समस्याओं से राहत देता है। बेल का जूस शरीर को डिटॉक्स करता है और लिवर को भी हेल्दी रखता है।गुलकंद का पानी कैसे बनाएं?
गुलकंद का पानी बनाना बेहद आसान और फायदेमंद है। इसे बनाने के लिए एक गिलास ठंडे या सामान्य पानी में 1 से 2 चम्मच गुलकंद डालें। अच्छी तरह मिलाकर कुछ देर के लिए ढककर रख दें ताकि गुलकंद के गुण पानी में अच्छी तरह घुल जाएं। गर्मियों में इसका नियमित सेवन बेहद लाभकारी होता है।