हरसिंगार के पेड़ के फायदों का जिक्र आयुर्वेद में मिलता है। इस पेड़ की छाल, पत्तियां और फूलों का उपयोग सदियों से सेहत के लिए किया जा रहा है। इस रात की चमेली या पारिजात के नाम से भी जाना जाता है। इसके फूल सफेद और निचला हिस्सा नारंगी रंग का होता है। इसके फूलों से महक आती है। यह फूल सुबह पेड़ से गिर जाते हैं। हरसिंगार के फूलों को तेल में मिलाकर लगाने से जोड़ों और अर्थराइटिस के दर्द में आराम मिलता है। इस लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर सोनल गर्ग से जानते हैं जोड़ों के दर्द को दूर करने में हरसिंगार के फूल किस तरह प्रभावी हो सकते हैं।
गठिया में हरसिंगार के पत्तों के फायदे - Benefits Of Harsingar In Arthritis And Joint Pain In Hindi
हरसिंगार के पौधे कुछ फाइटोकेमिकल कंपाउंड होता है, जो एंटी-एलर्जी, एंटी बैक्टीरियल , एंटीवायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-डायबिटिक जैसे कई औषधीय गुण होते हैं। आगे जानते हैं हरसिंगार से जोड़ों का दर्द कैसे दूर करें।
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
हरसिंगार में सूजनरोधी गुण होते हैं। गठिया जैसी स्थितियों में, जहां सूजन जोड़ों के दर्द में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, हरसिंगार सूजन को कम करके राहत प्रदान कर सकता है। इसके सक्रिय कंपाउंड सूजन को काम करते हैं, जिससे गठिया से जुड़े दर्द में राहत मिलती है।
एनाल्जेसिक प्रभाव
हरसिंगार में प्राकृतिक एनाल्जेसिक या दर्द कम करने वाले गुण होते हैं, जो इसे जोड़ों के दर्द कम करने में मददगार बनाते हैं। नर्वस सिस्टम पर कार्य करके और दर्द संकेतों को रोककर, यह गठिया व जोड़ों में दर्द को कम कर सकता है। हरसिंगार के नियमित सेवन से दर्द में कमी आ सकती है, जिससे गठिया रोगियों के जीवन की क्वालिटी में सुधार हो सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट्स
हरसिंगार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गठिया में, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस टिश्यू को डैमेज कर सकते हैं और जोड़ों की सूजन को बढ़ा दते हैं। हरसिंगार के एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
जोड़ों के दर्द को कम करें
गठिया और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए आप हरसिंगार का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है। यह मिनरस्ल हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। हरसिंगार के नियमित सेवन से बोन डेंसिटी बेहतर होती है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कम होता है।
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए हरसिंगार का सेवन कैसे करें - How To Eat Harsingar In Arthritis Pain In Hindi
- हरसिंगार चाय: हरसिंगार के फूलों और पत्तियों को उबाल चाय की बना लें। इस चाय को आप सुबह खाली पेट पी सकते हैं। ॉ
- हरसिंगार की पत्तियों का अर्क: आप टिंचर (दवा) के रूप में हर सिंगार की पत्तियों का अर्क का पी सकते हैं।
- हरसिंगार का तेल: हरसिंगार के तेल से जोड़ों की मसाज करने से आपको दर्द में आराम मिलता है।
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हरसिंगार में तनाव को दूर करने के गुण होते हैं। इसके सेवन से आप जोड़ों के दर्द को दूर कर सकते हैं। लेकिन, इसके इस्तेमाल से पहले आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की राय अवश्य लें। इससे आपको जोड़ों में आराम मिलता है और गठिया के लक्षण कम होते हैं।