प्रेगनेंसी में तांबे (कॉपर) के बर्तन में पानी पीने के फायदे, नुकसान और सावधानियां

क्या गर्भावस्था के दौरान तांबे के बर्तन में पानी पीना सुरक्षित है? चलिए जानते हैं क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
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प्रेगनेंसी में तांबे (कॉपर) के बर्तन में पानी पीने के फायदे, नुकसान और सावधानियां


आधुनिक समय में तांबे के बर्तन से बहुत ही कम लोग पानी पीना पसंद करते हैं। लेकिन तांबे के बर्तन में पानी पीने से सेहत को कई फायदे हो सकते हैं। गाजियाबाद स्वर्ण जयंती के आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से वात, पित्त और कफ को संतुलित किया जा सकता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर किया जा सकता है। एक्सपर्ट का मानना है कि अगर आप तांबे के बर्तन में रातभर पानी छोड़ते हैं, तो इससे पानी में भंग की कुछ मात्रा मिल जाती है। इस पानी के सेवन से शरीर में विषैले पदार्थों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। साथ ही यह हानिकारक रोगाणु से लड़ने की क्षमता को बढ़ावा देता है। तांबे के बर्तन में पानी पीना हर एक व्यक्ति के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन क्या गर्भवती महिलाओं के लिए तांबे के बर्तन में पानी पीना सुरक्षित है? चलिए जानते हैं डॉक्टर से इस बारे में-

क्या कहती हैं एक्सपर्ट?

तांबे के बर्तन में पानी पीना गर्भवती महिलाओं के लिए सेफ है या नहीं? इस बारे में मदरहुड हॉस्पिटल की गायनाकोलॉजिस्ट डॉक्टर मनीषा रंजन का कहना है कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से गर्भवती महिलाओं को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। बल्कि यह उनके लिए फायदेमंद ही साबित हो सकता है। इतना ही नहीं, तांबे के बर्तन में पानी पीने से न सिर्फ गर्भवती महिला को फायदा होता है, बल्कि यह बच्चे के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है। डॉक्टर का कहना है कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है, जो मां और बच्चा दोनों के लिए काफी अच्छा माना जाता है।

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तांबे के बर्तन में पानी पीने से गर्भवती महिला को होने वाले फायदे 

इम्यूनिटी हो सकती है बूस्ट

कॉपर पानी में बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता है। ऐसे में तांबे के बर्तन में रखा पानी संक्रमणमुक्त हो जाता है। संक्रमण मुक्त पानी पीने से महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे कई बीमारियों से लड़ने में उनको काफी मदद मिल सकती है। 

शिशु को मिलता है पोषण 

तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर में न्यूरोंस का स्वस्थ तरीके से विकसित होता है। इससे न्यूरोंस को होने वाले खतरे से बचाया जा सकता है। इतना ही नहीं तांबे के बर्तन में पानी पीने से रेड ब्लड सेल्स की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। इससे गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाली खून की कमी दूर की जा सकती है। पेट में पल रहे बच्चे को कई महत्वपूर्ण पोषण तत्व मिलता है।

सूजन से मिलती है राहत

अक्सर गर्भवती महिलाओं में सुबह और शाम के वक्त पैर में सूजन और भारीपन की शिकायत देखने को मिलती है। ऐसी स्थिति में तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से काफी लाभ होते हैं। दरअसल, तांबे में एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory properties) का गुण पाया जाता है, तो सूजन को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है। इससे अर्थराइटिस और जोड़ों में दर्द से भी राहत पाया जा सकता है।

मस्तिष्क का विकास

तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से मस्तिष्क का विकास बेहतर तरीके से होता है। इसके सेवन से पेट में पल रहे बच्चे का दिमाग तेज होता है। इसके अलावा तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से पैरालाइसिस से बचाव किया जा सकता है। 

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तांबे के बर्तन में पानी पीने का नुकसान और सावधानी

आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि पूरे दिन में सुबह के वक्त तांबे के बर्तन में पानी पिएं। तांबे के बर्तन में अधिक पानी पीने से आपके सेहत को विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है। इससे पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा तांबे के बर्तन से पानी पीते समय कुछ सावधानियां बरतने की भी आवश्यकता होती है। जैसे-

  • तांबे के बर्तन को नींबू के संपर्क में न आने दें। अगर नींबू के संपर्क में आए हुए तांबे के बर्तन से आप पानी पीते हैं, तो इससे आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। दरअसल, नींबू में मौजूद एसिड तांबे के साथ क्रिया करता है, जो सेहत के लिए विषैला साबित हो सकता है।र
  • तांबे के बर्तन में मौजूद पानी को दही के साथ मिक्स न करें। इससे फूड पॉइजनिंग हो सकती है। साथ ही जी-मिचलाना जैसी समस्या से ग्रसित हो सकते हैं।
  • इसके अलावा सिरका, छाछ और अचार जैसी खट्टी चीजों के संपर्क में तांबे के बर्तन में रखे पानी को न आने दें। इससे आपके सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। 

ध्यान रखें कि गर्भावस्था के दौरान अपने डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। डॉक्टर की सलाहनुसार ही अपने खानपान और दवाइयों पर फोकस करें।

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