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Backbend Yoga: पीठ के दर्द को कम करने में मदद करता है बैकबेंड योग, जानें इसे करने का तरीका

गलत तरीके से बैठने और सोने से आपको पीठ में दर्द हो सकता है। इससे बचने के लिए बैकबेंड योगाभ्यास, जानें इनके फायदे।   
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Backbend Yoga: पीठ के दर्द को कम करने में मदद करता है बैकबेंड योग, जानें इसे करने का तरीका


कई बार आप गलत पोश्चर में सोने या ऑफिस में घंटों कुर्सी पर गलत तरीके से बैठने की वजह से आपकी पीठ में दर्द हो सकता है। ऐसे में आपको अपनी आदतों को बदलने के साथ ही लाइफस्टाइल में भी कुछ आवश्यक बदलाव करने होते हैं। यदि, आप योग और एक्सरसाइज को लाइफस्टाइल में शामिल करते हैं, तो इससे पीठ दर्द को आसानी से दूर कर सकते हैं। बैकबेंड योग से शरीर की फ्लेक्सिब्लिटी बेहतर होती है। साथ ही, शरीर का मांसपेशियां मजबूत होती है। योगा एक्सपर्ट रिप्सी सिंह के अनुसार बैकबेंड योगाभ्यास आपके पीठ के दर्द को दूर करने में फायदेमंद होते हैं। आगे जानते हैं इसे करने का तरीका। 

बैकबेंड योगाभ्यास के फायदे - Benefits Of Backbend Yoga Poses In Hindi  

पीठ के दर्द में आराम मिलना

बैकबेंड योगाभ्यास से आपकी रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है। जिससे पीठ दर्द में धीरे-धीरे आराम मिलने लगता है। इसके अलावा, रीढ़ की हड्डी में मजबूती आती है। 

backbend yoga poses in hindi

मांसपेशियों की ताकत बढ़ना 

बैकबेंड योगा से आपके पीठ के निचला हिस्सा मजबूत बनता है। इसके साथ ही, पीठ की मांसपेशियों में लचीलापन आता है। इसको रोजाना करने से पेट की चर्बी दूर होती है और आपकी मांसपेशियों की ताकत बढ़ने लगती है। 

ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है

बैकबेंड योगाभ्यास से आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाली समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। ब्लड सर्कुलेशन से शरीर के ऑक्सीजन सभी अंगों को ऑक्सीजन मिलती है, जिससे सेल दोबारा से बनने लगते हैं। 

स्ट्रेस को कम करने में सहायक

बैकबेंड योगाभ्यास करने से ब्लड फ्लो ब्रेन तक पहुंचाता है। जिससे आपको स्ट्रेस और डिप्रेशन की समस्या में आराम मिलता है। इसके नियमित अभ्यास से ब्रेन फंक्शन बेहतर होता है। 

बैकबेंड योगाभ्यास कैसे किए जाते हैं? 

बैकबेंड योगाभ्यास में रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने वाले योग आसनों को शामिल किया जाता है। आगे जानते हैं इन योगासनों के बारे में। 

भुजांगासन

भुजांगासन से आप रीढ़ की हड्डी को मजबूत और फ्लैक्सिबल बना सकते हैं। इस आसन को करने के लिए आप पेट के बल पर लेट जाएं। इसके बाद हथेलियों को कंधों के बगल पर रखते हुए आधे शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। इस पोजीशन में कुछ देर रूकें, फिर दोबारा सही पोजीशन में आ जाएं। 

चक्रासन

यह आसन शुरू में करने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है। लेकिन, थोड़े समय के प्रयास के बाद आप इस आसन को आसानी से करने लगेंगे। इस आसन को करने के लिए आप जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद पीठ को ऊपर की ओर ले जाएं। इस आसन से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं दूर होती है। साथ ही, शरीर का बैलेंस बेहतर होता है। 

धनुरासन

इस आसन को करने के लिए आप पेट के बल पर जमीन पर लेट जाए। इसके बाद पैरों को मोडें। अब, हाथ की हथेलियों से एड़ियों को छुएं या पकड़ें। इसके बाद पेट को जमीन पर रखें और शरीर के आगे व निचले हिस्से को ऊपर की ओर उठाने का प्रयास करें। शुरू में आपको परेशानी हो सकती है। इस पोजीशन में कुछ सेकंड रूकें, फिर दोबारा नॉर्मल स्थिति में आ जाएं। 

इसे भी पढ़ें : पीठ के निचले हिस्से में हो दर्द, तो रोज करें ये 4 योगासन, मिलेगा आराम

पीठ व रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आप योगासन को करने पर अधिक जोर न लगाएं। योग से शरीर में एनर्जी का स्तर बेहतर होता है। इसलिए रोज करीब आधा घंटा योग करने की सलाह दी जाती है।  

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