बच्चे की नाभि में ब्लीडिंग (Belly Button Bleeding) अक्सर तब देखने को मिलती है जब उसकी गर्भनाल गिर जाती है। यह गर्भनाल मां के पेट में बच्चे को पोषण और खाने की आवश्यकता पूरा करने के लिए बच्चे से जुड़ी हुई होती है। डिलीवरी के दौरान बच्चे से गर्भनाल को अलग किया जाता है। जब गर्भनाल को बच्चे से अलग किया जाता है तो बच्चे में रह गये भाग को अम्बिलिवल स्टंप (Umbilical Stump) कहा जाता है। अधिकतर केस में अगर बच्चे को थोड़ी बहुत बूंद ही दिखाई देती हैं तो वह चिंता का विषय नहीं होता है। अगर आपके बच्चे की नाभि से लगातार खून आता जा रहा है तो आपको डॉक्टर को तुरन्त दिखाना चाहिए। मदरहुड हॉस्पिटल के सीनियर पीडियाट्रिशियन एवं नियोनेटालॉजिस्ट डॉक्टर अमित गुप्ता कहते है कि जब कॉर्ड बच्चे के शरीर से अलग की जाती है तो थोड़ी बहुत ब्लीडिंग होना सामान्य होता है। इस केस में आप केवल कुछ ही बूंद खून की देख सकते हैं। अगर बच्चे के कपड़े या डाइपर स्टंप पर रब होते हैं तो भी ब्लीडिंग हो सकती है। ऐसी स्थिति में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। अगर प्रेशर लगने के बाद या पौंछने के बाद भी ब्लीडिंग नहीं रुकती है तो इसे असामन्य माना जाता है।
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शिशु के नाभि से खून निकलने के क्या कारण हो सकते हैं? (Belly Button Bleeding Causes)
- कपड़े या फिर डाइपर का अम्बिलिकल स्टंप की ओर रगड़ना
- स्टंप का बच्चे के शरीर से अलग होना
- स्टंप का शरीर से गिर जाना
- किसी तरह की चोट लग जाना
हालांकि यह सब चिंता के विषय नहीं होते हैं और यह चीज अपने आप ही धीरे धीरे ठीक हो जाती है।
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अम्बिलिकल स्टंप कब बच्चे के शरीर से अलग होते हैं? (When The Umbilical Stump Comes Off)
बच्चे के जन्म होने के एक से दो हफ्ते के भीतर-भीतर स्टंप शरीर से अलग हो जाता है। कुछ बच्चों में यह समय से पहले या बाद में भी हो जाता है। शुरू के दिनों में यह स्टंप सूखती जाती है और कुछ दिनों बाद अपने आप ही नीचे गिर जाती है।
अम्बिलिकल स्टंप का ख्याल कैसे रखें? (Care Of The Umbilical Cord)
एक्सपर्ट्स के मुताबिक आपको सूखी कॉर्ड की केयर करनी चाहिए और इसका अर्थ है कि अम्बिलिकल कॉर्ड प्राकृतिक रूप से सूखने लगती है। अल्कोहल कॉर्ड केयर को डॉक्टर तब सुझाते हैं जब बच्चे को इंफेक्शन होने का अधिक रिस्क हो। आप यह केयर करने के लिए निम्न टिप्स का प्रयोग कर सकते हैं।
1. स्टंप को अपने आप ही अलग होने दें
अगर आप स्टंप को खींचते हैं तो इससे अधिक ब्लीडिंग और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए उसे अपने आप ही अलग होने दें।
2. स्टंप को साफ और सूखा ही रखें
बच्चे की स्टंप को सूखा हुआ रखने के लिए उसे स्पंज या फिर गीले कपड़े की मदद से पूछती रहें।
3. डाइपर को समय समय पर बदलते रहें
अगर आप समय समय पर डाइपर बदलती रहती हैं तो इससे गीला होने की संभावना कम हो जाती है। डाइपर बदलते समय रबिंग अल्कोहल का प्रयोग न करें क्योंकि इससे बैक्टीरिया पनपने का खतरा हो सकता है।
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4. ढीले ढाले कपड़े ही पहनाएं
बच्चे को पहनाने के लिए केवल ढीले ढाले और बहुत ही मुलायम फैब्रिक के कपड़े ही चुने। इससे स्टंप रब नहीं होगी और किसी तरह का प्रेशर भी उत्पन्न नहीं होगा।
आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे जब तक बच्चे की स्टंप अपने आप ही नहीं उतर जाती है तब तक उसे बाथ टब या फिर सिंक में न नहलाएं और डॉक्टर के सुझाए बिना रबिंग अल्कोहल का प्रयोग बिल्कुल न करें। जब बच्चे की स्टंप सूख रही होती है तो उसके रंग में भी परिवर्तन आ सकता है और वह पीले से हरा हो सकता है।
(Main Image- mamanatural.com)
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