बच्चों को रात में बुरे सपने क्यों आते हैं? जानें ऐसे सपने आने पर आपको क्या करना चाहिए

अगर आपके बच्चे को भी बुरे सपने आते हैं और वो डर जाता है, तो जानें इसका कारण और इससे बचाव के उपाय।
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बच्चों को रात में बुरे सपने क्यों आते हैं? जानें ऐसे सपने आने पर आपको क्या करना चाहिए


रात में सोते समय सपने आना वैसे तो कोई समस्या नहीं है क्योंकि ये व्यक्ति के अवचेतन में चल रहे विचारों के कारण आते हैं। लेकिन अगर किसी को अक्सर ही बुरे सपने आते हैं, तो इसके कुछ मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते हैं। बच्चे अक्सर इस समस्या का सामना करते हैं कि विकास की उम्र में उन्हें अक्सर बुरे सपने आते हैं। इसके कारण वो सोते-सोते अचानक रात में जाग जाते हैं, डर जाते हैं और कई बार रोने लगते हैं। इसके बाद उन्हें सुलाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चों को बुरे सपने क्यों आते हैं? आइए आपको बताते हैं बच्चों को बुरे सपने आने के क्या कारण हो सकते हैं और ऐसे सपने आने पर आपको क्या करना चाहिए।

बच्चों को क्यों आते हैं बुरे सपने?

बच्चों की दुनिया को समझना कई बार बड़ों के लिए बड़ा मुश्किल हो जाता है। बच्चों की दुनिया में सुपरनैचुरल पावर वाले हीरोज, डरावने विलेन्स, भूत और हैरान करने वाली चीजें ज्यादा होती हैं। इसका कारण यह है कि बच्चे जब पैदा होते हैं, तो वो हर चीज से अंजान होते हैं और विकास के शुरुआती सालों में वो नई-नई चीजों से परिचित होते हैं। इन चीजों से परिचय के क्रम में वो आसपास के लोगों से बातचीत से, घट रही घटनाओं से, फिल्मों और वीडियोज के माध्यम से कई ऐसी चीजों से परिचित होते हैं, जो उनके मन में असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं। जैसे- आग से जलना, दम घुटना, उंचाई से गिरना, किसी प्रिय के साथ हादसा होना, पानी में डूबना, किसी सुपर पावर (भूत, प्रेत या दैवीय आपदा) से खतरा आदि।

बच्चों को आने वाले बुरे सपनों के बारे में कई स्टडीज भी हुई हैं। 2015 में छपी ऐसी एक स्टडी के मुताबिक 13 साल से कम उम्र के 50% से ज्यादा बच्चे एक बार से ज्यादा बुरे सपनों का सामना करते हैं। 

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ये भी हो सकते हैं बच्चों को बुरे सपने आने का कारण

आमतौर पर सपने गहरी नींद (नॉन रैपिड आई मूवमेंट स्लीप) की अवस्था में आते हैं। बच्चों को अक्सर ये सपने सोने के 2-3 घंटे बाद आते हैं क्योंकि नींद को गहराने में इतना समय लग जाता है। हालांकि इन सपनों का क्या कारण होता है, इस बारे में विज्ञान बहुत स्पष्ट बातें नहीं बताता है, लेकिन वैज्ञानिक कुछ तथ्यों को इसका कारण मानता है।

  • बहुत अधिक थका हुआ होना
  • डेली रूटीन में कोई बड़ा बदलाव आना जैसे- किसी दूसरे के घर सोना, लंबे ट्रैवेल के बाद सोना या कुछ रातें जागने के बाद सोना
  • सोते समय सांस लेने में परेशानी
  • तनाव
  • खानपान (बहुत अधिक कैफीन वाले फूड्स खाना)

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बच्चे को बुरा सपना आए तो आपको क्या करना चाहिए?

  • बचपन से इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को बुरी आत्माओं, भूत, प्रेत, 
  • आपके बच्चे को जब पहली बार बुरा सपना आए, तो सबसे पहले उसे अपने सीने से चिपकाकर इस बात का एहसास दिलाएं कि वो सुरक्षित है।
  • बच्चे के सोने-जागने का समय निर्धारित करें, जिससे हर दिन वो अपना एक स्लीप रूटीन फॉलो कर सके।
  • बच्चे को देर रात तक न जागने दें क्योंकि उनका स्लीप साइकिल खराब होगा, तो उनकी नींद खराब होगी।
  • अगर बच्चे को रोज रात में एक ही समय सपना आता है, तो उसे उस समय से थोड़ी देर पहले जगाकर दोबारा सुला दें।
  • बच्चे से पूछें कि क्या उसे किसी तरह का तनाव है। अगर है, तो उस तनाव को दूर करने के बारे में बात करें।
  • अगर बच्चा सपने से जागने के बाद बहुत तेज कांपने लगता है, रोने लगता है या डर जाता है, तो ऐसी स्थिति में आप डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं।

इस तरह अगर आपका बच्चा रात में बुरे सपने देखने के कारण जाग जाता है और रोता है, तो ऊपर बताए गए उपायों से उसकी ये समस्या दूर हो सकती  है।

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