एजुस्पर्मिया बांझपन का कारण बन सकता है। इस समस्या से ग्रसित पुरुषों में सीमेन तो निकलता है, लेकिन उसमें बिल्कुल भी स्पर्म नहीं होते। निराम्या द माइंड सेंटर नोए़डा के सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर संजीव कुमार बताते हैं कि एजुस्पर्मिया कोई बीमारी नहीं है, जिससे कोई शारीरिक कष्ट हो। बल्कि यह बस एक समस्या है, जो पुरुषों की इंफर्टिलिटी का कारण बनती है। एजुस्पर्मिया की वजह से या तो पुरुषों में स्पर्म बनता ही नहीं है या फिर अगर स्पर्म बन जाए, तो बाहर ही नहीं आता है। डॉक्टर का कहना है कि पुरुषों के इंफर्टिलिटी के 40 फीसदी मामलों में एजुस्पर्मिया देखा गया है। एजुस्पर्मिया का कोई विशेष लक्षण नहीं है, इसलिए अधिकतर केसेज में इसकी पहचान तब होती है, जब आप अपने साथी को गर्भवती करने की कोशिश में असफल होते हैं। ऐसे में जब आप डॉक्टर की सलाह लेते हैं, तो कुछ टेस्ट के जरिए इसका निदान किया जाता है। इसके अलावा एजुस्पर्मिया के कई कारण (Azoospermia Causes) हो सकते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-
पुरुषों में एजुस्पर्मिया प्रकार (Types for Azoospermia)
प्री टेस्टिकुलर एजुस्पर्मिया (Pre-testicular azoospermia) - इस समस्या में पुरुषों का हाइपोथैलमस या पिट्यूटरी ग्रंथि सही से कार्य नहीं करता है।
नॉन-ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया या टेस्टिकुलर फेलियर (Testicular failure or non-obstructive azoospermia) - इस समस्या में पुरुष का टेस्टीकुलर फेल हो जाता है, जिसकी वजह से स्पर्म का निर्माण ही नहीं होता।
ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया पोस्ट-टेस्टिकुलर एजुस्पर्मिया (Post-testicular causes for azoospermia/Obstructive azoospermia) - इसमें पुरुषों में स्पर्म बनते तो हैं, लेकिन एजाकुलेशन के दौरान स्पर्म बाहर नहीं निकलते हैं।
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ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया के कारण (Causes of Obstructive azoospermia)
पुरुष नसबंदी - सर्जिकल तरीके से शुक्राणु को बाहर निकलने से रोका गया हो।
पथरी - पथरी होने पर भी यह समस्या कुछ लोगों में देखी गई है।
संक्रमण- प्रोस्टेट, अंडकोष या प्रजनन पथ के आसपास संक्रमण की वजह से भी आपको यह समस्या हो सकती है। जैसे- एपीडाइडाईमाइटिस, प्रॉस्टाटाइटिस, क्लैमाइडिया, ऑर्काइटिस इत्यादि
जन्मजात स्थितियां- कुछ लोगों को जन्मजात भी यह समस्या हो सकती है। दरअसल, जन्म के समय वास डिफरेंस सही से न बना होने के कारण आपको यह परेशानी हो सकती है।
नॉन-ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया (Non-Obstructive Azoospermia) के कारण
नॉन-ऑब्सस्ट्रक्टिव एजुस्पर्मिया का कारण प्रजनन हार्मोन और अंडकोष के बीच असामान्यताएं हो सकता है। इसकी वजह से शुक्राणु का उत्पादन नियंत्रित तरीकों से नहीं होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। आनुवांशिक, जन्मजात या अक्वायर्ड।
एजुस्पर्मिया का निदान (Diagnosis of Azoospermia)
एजुस्पर्मिया का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपसे कुछ महत्वपूर्ण सवाल कर सकते हैं। यह सवाल सेक्स लाइफ से जुड़े हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ जांच कराने की भी सलाह दी जाती है। जो निम्न हैं-
- ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन टेस्ट
- एस्ट्राडियोल लेवल की जांच
- फोलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोंन की जांच
- टेस्टोस्टेरोन की जांच
- शुक्राणु काउंट जानने की कोशिश
- ब्लड टेस्ट इत्यादि।
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कैसे किया जाता है एजुस्पर्मिया का इलाज? ( How can treat Azoospermia)
डॉक्टर बताते हैं कि एजुस्पर्मिया का विशेष रूप से इलाज उसके प्रकार और कारणों के आधार पर किया जाता है।
सर्जिकल मरम्मत (Surgical Repair)
एजुस्पर्मिया के कुछ मामलों में माइक्रोसर्जिकल का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है। इसमें अवरुद्ध वास या फिर वैरिकोसेले को ऑपरेशन के जरिए ठीक करने की कोशिश की जाती है। डॉक्टर बताते हैं कि ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया की समस्या को सर्जरी के जरिए ठीक किया जा सकता है, जिसमें आप नैचुरल रूप से गर्भाधान की कोशिश कर सकते हैं। अगर सर्जरी के बाद आपको शुक्राणु का स्तर ठीक नहीं है, तो आप अन्य प्रक्रियाओं का सहारा ले सकते हैं।
यूरिन से स्पर्म लेना (Sperm Extraction From Post-ejaculate Urine)
अगर आपको एजुस्पर्मिया है, जिसका इलाज करना मुश्किल होता है, तो इस स्थिति में डॉक्टर शुक्राणु को पोस्ट-स्खलन मूत्र से लेते हैँ। इसके बाद शुक्राणु की संख्या की जांच करते हैं। अगर शुक्राणु सही है, जो इसका आईवीएफ या आईयूआई ट्रीटमेंट की कोशिश करते हैं।
आईवीएफ और आईसीएसआई का सहारा (IVF and ICSI)
डॉक्टर संजीव कुमार का कहना है कि स्पर्म काउंट की समस्या आज के समय में कोई बड़ी समस्या नहीं है। आप अन्य तरीकों से प्रजनन कर सकते हैं। इसमें आईवीएफ और आईसीएसआई प्रमुख है। अगर आपका स्पर्म काउंट कम है या फिर न के बराबर है, तो डोनर स्पर्म का इस्तेमाल करके आईवीएफ कराया जा सकता है।
डॉक्टर बताते हैं कि पुरुषों को अपनी इस तरह की समस्या को बताने में शर्मिंदगी महसूस होती है। इसलिए वे इसका निदान या फिर इलाज नहीं करवाते हैं। लेकिन आज के बदलते दौर में इस तरह की समस्या का इलाज संभव है। कोशिश करें कि डॉक्टर से सही समय पर परामर्श लें।
आयुर्वेदा उपचार में भी है एजुस्पर्मिया का इलाज (Ayurveda Treatment for Azoospermia)
डॉक्टर संजीव कुमार का कहना है कि एलोपैथी ट्रीटमेंट के अलावा आप आयुर्वेद के उपचार का सहारा भी ले सकते हैं। जैसे अगर किसी को पथरी की वजह से एजुस्पर्मिया की समस्या हो रही है, तो आयुर्वेद में पथरी का इलाज करके इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। इसके अवाला पंचकर्मा और वाजीकरण थैरेपी के जरिए इस समस्या का इलाज किया जा सकता है।
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एजुस्पर्मिया का बचाव (Prevention of Azoospermia)
- ऐसी कोई क्रिया न करें, जिससे आपके प्रजनन अंग पर चोट लगे।
- किसी तरह की दवाई लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें।
- रेडिएशन के संपर्क में कम से कम आएं।
- अपने वृषणों को गर्मी के संपर्क में न आने दें।
डॉक्टर संजीव कुमार कहते हैं किसी तरह की यौन समस्या होने पर तुरंत डॉक्ट से संपर्क करें। डॉक्टर को दिखाने में संकोच न करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो यह आपके लिए ही नुकसानदेय हो सकता है। आधुनिक समंय में कई तरह की टेक्निक आ चुकी है, जिससे आप इस तरह की परेशानियों से निजात पा सकते हैं।
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